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7 घंटे अपनी जान जोखिम में डालकर यूक्रेन में रहें PM Modi, SPG ने हर ख़तरे को किया नाकाम

। यूक्रेन में भारत विरोधी भावनाओं को देखते हुए PM मोदी की सुरक्षा को लेकर SPG ने भी पूरे तरीक़े से क़िलेबंदी कर रखी थी इसके साथ विपरीत परिस्थिति में हर मुमकिन क़दम उठाने के लिए भी पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर सुरक्षाकर्मी थे।
7 घंटे अपनी जान जोखिम में डालकर यूक्रेन में रहें PM Modi, SPG ने हर ख़तरे को किया नाकाम
रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का कीव का दौरा काफ़ी अहम माना जा रहा है। PM मोदी ने इस दौरे के दौरान यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मुलाक़ात की और युद्ध का समाधान निकालने को लेकर बातचीत की। वही PM मोदी का यूक्रेन का दौरा काफ़ी चुनौतीपूर्ण भी था। यूक्रेन में भारत विरोधी भावनाओं को देखते हुए PM मोदी की सुरक्षा को लेकर SPG ने भी पूरे तरीक़े से क़िलेबंदी कर रखी थी इसके साथ विपरीत परिस्थिति में हर मुमकिन क़दम उठाने के लिए भी पूरी तरह से अलर्ट मोड़ पर सुरक्षाकर्मी थे। यूक्रेन की राजधानी कीव में जब PM मोदी महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे थे, तब बुलेटप्रूफ शील्ड का इस्तेमाल किया। ऐसा इसलिए किया गया क्योंकि रूस से तेल आयात ना रोके जाने से यूक्रेन में भारत के प्रति असंतोष की भावना भी है। 

बुलेटप्रूफ़ शील्ड और चप्पे-चप्पे पर निगरानी 
रूस और भारत के बेहतर रिश्ते को लेकर यूक्रेन में भारत के लिए विरोध की भावना भी थी जिसको लेकर भारतीय ख़ुफ़िया एजेंसियों ने पहले ही प्रधानमंत्री कार्यालय को इस बात से अवगत करवा दिया था। इसके बाद SPG के डायरेक्टर आलोक शर्मा अपने 60 जवानों की टीम साथ ख़ुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा का सीक्रेट प्लान बनाते हुए कीव पहुंचे। जानकारी के मुताबिक़ जब PM मोदी कीव में भारतीय मूल के लोगों से मुलाक़ात की तब भी यह बात सामने आई की रूस और भारत के रिश्ते को यूक्रेन पसंद नहीं कर रहा। यही वजह थी की जब PM मोदी पीस पार्क में घूम रहे थे, तब स्नाइपर हमले से बचने के लिए बुलेटप्रूफ शील्ड का इस्तेमाल किया गया। वही PM मोदी अपना दौरा पूरा कर जब पोलैंड के लिए रवाना हुए तब जाकर आलोक शर्मा की टीम ने राहत की सांस ली। 


जेलेंस्की ने जताई थी नाराज़गी 
बताते चले कि अब से छह हफ़्ते पहले जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रूस के दौरे पर गए और वहाँ के राष्ट्रपति पुतिन को गले लगाया था तो इसे लेकर जेलेंस्की ने आपत्ति जताई थी और कहा था कि "'आज रूस के मिसाइल हमले में 37 लोग मारे गए. इसमें तीन बच्चे भी शामिल थे. रूस ने यूक्रेन में बच्चों के सबसे बड़े अस्पताल पर हमला किया. एक ऐसे दिन दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के नेता का दुनिया के सबसे ख़ूनी अपराधी से मॉस्को में गले लगाना शांति स्थापित करने की कोशिशों के लिए बड़ी निराशा की बात है।'' ऐसे में PM मोदी का अब यूक्रेन का यह दौरा भारत यूक्रेन के बीच सम्बंध को संतुलन साधने के तौर पर भी देखा जा रहा है। 


PM मोदी ने जेलेंस्की से क्या की बातचीत 
कीव में यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की के साथ हुई चर्चा को PM मोदी ने उपयोगी बताया। इस मुलाक़ात से भारत और यूक्रेन के आर्थिक रिश्तों को काफ़ी मज़बूती मिलेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''हमने कृषि, प्रौद्योगिकी, फ़ार्मा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के तरीक़ों पर चर्चा की. हम सांस्कृतिक संबंधों को और मज़बूत करने पर भी सहमत हुए।" इसके साथ ही रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को लेकर भी PM मोदी ने जेलेंस्की से बातचीत करते हुए कहा कि बिना समय बर्बाद किया यूक्रेन और रूस को बातचीत करके युद्ध ख़त्म करने का रास्ता निकालना चाहिए। इसके साथ ही PM मोदी ने यह भी संदेश दिया कि "हम तटस्थ नहीं हैं। हमने शुरू से ही एक पक्ष चुना है और हमने शांति का पक्ष चुना है। हम बुद्ध की धरती से आए हैं जहां युद्ध के लिए कोई जगह नहीं है।” इसके साथ ही PM मोदी ने जेलेंस्की से यह भी कहा कि भारत रूस-यूक्रेन के बीच शांतिवार्ता करवाने में अपनी हर संभव कोशिश कर लिए तैयार है। 


ग़ौरतलब है कि PM मोदी जब पोलैंड से यूक्रेन के लिए रवाना हुए थे तो दुनिया भर की निगाहे इस दौरे पर थी। क़यास लगाए जा रहे थे की PM मोदी भाए ही यूक्रेन और भारत के आर्थिक रिश्ते को मज़बूत करने के लिए कुछ दस्तावेज़ों पर हस्ताक्षर करने पहुंचे थे लेकिन रूस-यूक्रेन जंग में समाप्ति कैसे हो इसके लिए वो ज़रूर जेलेंस्की से बातचीत करेंगे और ऐसा हुआ भी अब देखना होगा की PM मोदी के इस क़दम का आने वाले समय पर क्या असर होता है। क्या रूस-यूक्रेन बातचीत कर युद्ध समाप्ति कर चर्चा करते है या नहीं। 

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