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पीएम मोदी ने त्रिवेणी संगम में लगाई डुबकी, महाकुंभ में दिखी आस्था के साथ राजनीतिक रणनीति!

PM Modi At Mahakumbh: प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं था, बल्कि इससे राजनीतिक संदेश भी जाता है। खासकर जब दिल्ली विधानसभा चुनावों के बीच मोदी ने महाकुंभ में हिस्सा लिया, यह कदम अपने आप में कई परतों को उजागर करता है।
पीएम मोदी ने त्रिवेणी संगम में लगाई डुबकी, महाकुंभ में दिखी आस्था के साथ राजनीतिक रणनीति!
Photo by:  Google

PM Modi At Mahakumbh: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई, जो गंगा, यमुन और अदृश्य सरस्वती नदियों का संगम स्थल है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनके साथ थे। प्रधानमंत्री मोदी का यह कदम केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं था, बल्कि इससे राजनीतिक संदेश भी जाता है। खासकर जब दिल्ली विधानसभा चुनावों के बीच मोदी ने महाकुंभ में हिस्सा लिया, यह कदम अपने आप में कई परतों को उजागर करता है।आइए जानते है इस खबर को विस्तार से 

दिल्ली विधानसभा चुनावों के बीच प्रयागराज पहुंचे पीएम मोदी

दिल्ली विधानसभा चुनावों के दिन प्रधानमंत्री मोदी का प्रयागराज दौरा राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण था। इस समय दिल्ली में मतदान जारी था, और पीएम मोदी ने अपने चुनावी व्यस्त कार्यक्रम के बीच महाकुंभ के इस धार्मिक अवसर का लाभ उठाया। उनके द्वारा त्रिवेणी संगम में स्नान करना और सीएम योगी के साथ उपस्थित होना एक गहरे राजनीतिक संदेश के रूप में देखा जा सकता है, जिससे यह संकेत मिलता है कि मोदी अपनी चुनावी रणनीति में धर्म को अहम स्थान दे रहे हैं। 

यह कदम दिल्ली के मतदाताओं तक एक संदेश पहुंचाने का प्रयास हो सकता है, जिसमें हिंदू धर्म और संस्कृति का महत्व बताना था। खासकर दिल्ली विधानसभा चुनावों में हिंदू मतदाताओं को आकर्षित करने के लिए यह एक राजनीतिक रणनीति भी मानी जा सकती है।

महाकुंभ में डुबकी लगाना: धार्मिक और सांस्कृतिक प्रतीक

प्रधानमंत्री मोदी ने महाकुंभ के इस विशेष अवसर पर त्रिवेणी संगम में स्नान किया, जो न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक था, बल्कि भारतीय संस्कृति और पवित्रता का सम्मान भी था। इस धार्मिक आयोजन में पीएम मोदी की उपस्थिति ने हिंदू धार्मिक पहचान को एक प्रमुख संदेश दिया। महाकुंभ जैसे विशाल आयोजन में मोदी का हिस्सा बनना उनके हिंदू धार्मिक समर्थकों के लिए एक शक्तिशाली संकेत था, जो इस अवसर पर यह महसूस कर सकते थे कि प्रधानमंत्री उनका समर्थन करने के लिए खुद को हर धार्मिक मंच पर उपस्थित रखते हैं।

सीएम योगी आदित्यनाथ भी इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ थे, जिससे उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार और केंद्र सरकार के बीच गहरे संबंधों को भी प्रदर्शित किया गया। यह आयोजन मोदी और योगी की जुगलबंदी का प्रतीक बन गया, जो आगामी लोकसभा चुनावों के लिहाज से एक मजबूत राजनीतिक बयान था।

अगला अमृत स्नान 12 और 26 फरवरी को

महाकुंभ में स्नान की प्रक्रिया का एक अहम हिस्सा है "अमृत स्नान", जो विशेष रूप से शाही स्नान के दिन आयोजित होता है। पीएम मोदी ने इस दौरान त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाई, लेकिन अमृत स्नान की अगली तारीखें 12 और 26 फरवरी को निर्धारित हैं। इन दोनों दिनों पर लाखों श्रद्धालु गंगा, यमुन और सरस्वती के पवित्र संगम में स्नान करने के लिए पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के इस धार्मिक आयोजन में शामिल होने से उनकी छवि को और मजबूती मिली, जो देशवासियों के बीच उनकी धार्मिक प्रतिबद्धता को साबित करती है।

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