मुर्शिदाबाद के दंगाइयों को घसीटकर ले गई पुलिस, सात पुश्तें याद रखेंगी !
बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा करने वालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की ख़बर मिली है। ख़बर है कि 210 उत्पातियों को गिरफ्तार किया गया है।

वक़्फ़ क़ानून वापस लो, वक़्फ़ क़ानून वापस लो’ इसी नारेबाज़ी के साथ बंगाल के कई इलाक़ों में मोदी सरकार द्वारा लाये गये इस क़ानून का जमकर विरोध हो रहा है। विरोध करने वाले तो आम मुसलमान हैं लेकिन विरोध करवाने वाले वो कट्टरपंथी हैं जिनकी सोच वंदे मातरम पर आकर बदल जाती है, जिनकी सोच जन गण मन पर आकर बदल जाती है, जिनका नज़रिया देशहित के हर एक फ़ैसले पर आकर बदल जाता है, क्योंकि ये जिहादी मानसिकता वाले कट्टरपंथी देश को बाँटना चाहते हैं और ये बात पूरी ज़िम्मेदारी के साथ कही जा सकती है।
बांग्लादेश से घुसपैठ करने वालों का सबसे पसंदीदा राज्य बंगाल ही है, क्योंकि यहां पर आराम से ना सिर्फ़ एंट्री मिल जाती है बल्कि दो दो हज़ार रूपये देकर आसानी से देश के ज़रूरी दस्तावेज भी बनवा लिये जाते हैं, फिर ये घुसपैठिये सबसे ज़रूरी काग़ज़ बनवाते हैं अपना वोटिंग कार्ड और उसके बाद ये बन जाते हैं किसी भी नेता राजनेता के लिए सबसे ज़रूरी क़ौम। बस यही सब चल रहा है बंगाल में और दीदी इन्हीं के भरोसे सत्ता में वापसी कर जाती हैं।
लेकिन जब बारी आती है देशप्रेम साबित करने की तो ये गैंग विफल साबित होता है और फिर होती है मुर्शिदाबाद जैसी घटनाएं। आप सोचकर देखिये देश में वक़्फ़ क़ानून आता है, जगह जगह विरोध होता है लेकिन सबसे ज़्यादा विरोध की आग में बंगाल ही क्यों जल रहा है ?बांग्लादेश में बैठे कुछ लोगों को भारत में लागू हुए वक़्फ़ क़ानून से क्या दिक़्क़त है ? बात बस इतनी सी है कि ये वो टूलकिट है जो भारत को De stablise करने की कोशिश में लगे रहते हैं।
ऐसे में मोहरा बनते हैं वो अनपढ़ मुसलमान जिन्हें सही ग़लत का अंतर नहीं पता हो, तभी तो मुर्शिदाबाद जल रहा है और इस आग को कंट्रोल करने के लिए हर तरफ से जतन किये जा रहे हैं सिवाये ममता बनर्जी के। हाँ, दीदी तो सिर्फ़ शांति शांति और शांति की अपील कर रही है, जैसे उनकी बात मानकर सारे अराजक तत्व शांत बैठ जाएँगे। 8 अप्रैल से 15 अप्रैल हो गई, इनका विरोध ही ख़त्म नहीं हो रहा ? आपको लगता है ये सिर्फ़ वक़्फ़ क़ानून को लेकर विरोध है ? नहीं ये तो सिर्फ़ एक बहाना है भारत की एकता अखंडता को बाँटने का।
बंगाल के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भले ही दावा कर रहे हो कि स्थिति ठीक हो रही है लेकिन ऐसा लग नहीं रहा, हाँ, इस बीच ख़बर ये ज़रूर आई है कि हिंसा भड़काने में शामिल क़रीब 210 उत्पातियों को गिरफ्तार किया गया है। आम जनता को खोया हुआ भरोसा पुलिस वापस लाने का काम कर रही है। आपको बता दें विरोध की आग में जल रहे मुर्शिदाबाद में पहले तो BSF तैनात की गई लेकिन उन जवानों पर भी हमला हो गया, हालात ऐसे हो गये कि बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने बंगाल विधानसभा चुनावों को राष्ट्रपति शासन के तहत कराये जाने की मांग कर डाली।
दूसरी तरफ़ ऐसे उत्पात वाले इलाक़ों से हिंदुओं के पलायन की तस्वीरें आने लगी हैं। जो बचे कुचे हैं वो राष्ट्रपति शासन की मांग कर रहे हैं।
सिर्फ़ यही नहीं मांग तो ये तक उठने लगी है कि संदेशखाली की तरह अब मुर्शिदाबाद में भी NSG कमांडो को उतार देना चाहिये। खैर देखने वाली बात होती की वक़्फ़ क़ानून के विरोध में जल रहा मुर्शिदाबाद कैसे और कब तक शांत होता है ?