बहराइच हिंसा पर गरमाई राजनीति, डिप्टी सीएम से लेकर विधायक तक जता रहे हिंसा में साजिश की आशंका
बहराइच मामले ने राजनीतिक रूप ले लिया है। मामले पर सोशल मीडिया वार देखने को मिल रहा है। इसी बीच डिप्टी सीएम से लेकर भाजपा विधायक ने मामले को साजिश बताया है। पूरा मामला देखिए इस रिपोर्ट में।
Bahraich में मूर्ति विसर्जन जुलूस के दौरान बड़ा हंगामा हो गया। मां दूर्गा की मूर्ति के विसर्जन के लिए जा रहे हिंदुओं पर मुसलमानों की भीड़ ने पत्थरबाजी की औऱ पिर गोलियों से भी हमला कर दिया। जिसमें गोपाल मिश्रा की मौत हो गई। अब ये मामला राजनीतिक तुल पकड़ता जा रहा है। घटना के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक ट्वीट किया जिससे तहलका मच गया। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि जनपद बहराइच के मजहबी में माहौल बिगाड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। सभी को सुरक्षा की गारंटी, लेकिन उपद्रवियों और जिनकी लापरवाही से घटना घटी है, ऐसे लोगों को चिह्नित कर कठोरतम कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। प्रतिमा विसर्जन जारी रहेगा। प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों को मौके पर उपस्थित रहकर धार्मिक संगठनों से संवाद कर समय से प्रतिमा विसर्जन कराने हेतु निर्देशित किया है।
वक्त गुजरने के साथ-साथ मामला गंभीर तो हो ही रहा है, साथ ही इसपर राजनीति भी खुब गरमा रही है। अब अटकले लगाई जा रही है कि ये हिंसा साजिश के तहत की गई है। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्ष तक के नेताओं के बयान सामने आ रहे हैं। जहां इस घटना को लेकर विपक्ष यूपी सरकार को घेर रहा है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक ट्वीट कर तहलका मचा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दंगाइयों को संरक्षण देने वाले एक बार फिर सक्रिय हो रहे हैं। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक्स पर लिखा है, 'उत्तर प्रदेश की शांति और सौहार्द बिगाड़ने की कोई भी साजिश सफल नहीं होगी। दंगाइयों को संरक्षण देने वाले एक बार फिर सक्रिय हो रहे हैं, लेकिन हमें सतर्क और सजग रहना होगा। प्रदेश के उज्जवल भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा। दोषियों को क़ानून के दायरे में लाकर सख्त सजा दी जाएगी और पीड़ितों को पूरा न्याय मिलेगा। सभी नागरिकों से शांति और धैर्य बनाए रखने की अपील करता हूं।'
उधर देवरिया विधायक शलभ मणि त्रिपाठी इस पूरी घटना को लेकर साजिश का अंदेशा जता रहे हैं। उन्होंने एक्स पर लिखा, 'गोलियों से छलनी किया गोपाल मिश्रा को स्पष्ट है - अवैध हथियार किसके पास था, गोलियों का जखीरा किसके पास था, हमारी पूजा में खलल डालने की पूर्व तैयारी किसकी थी, पथराव किन लोगों ने किया, मां दुर्गा विसर्जन पर गोलियां किन लोगों ने दागीं, प्रदेश का अमन बिगाड़ने का प्रयास किसने किया, गोपाल का एकतरफ़ा वीडियो किसने शूट किया, हत्या का वीडियो क्यूं नहीं बनने दिया, ये सुनियोजित था, झूठ फैलाने से सच नहीं छुपेगा, करारा जवाब मिलेगा चरपंथियों के इन अवैध रिश्तेदारों को।'
वहीं एक दूसरे पोस्ट में विधायक शलभ मणि त्रिपाठी लिखते है कि ये “डरी हुई कौम” जो त्यौहारों पर अपने घरों में असलहे छुपाकर रखती है। जो घरों में पत्थर, गोलियों के ज़ख़ीरे छुपा कर रखती है। जो देवी प्रतिमाओं पर हमले करती है।उनका हर त्यौहार शांति से गुज़रता है।पर इनके खौफ से हमारे त्यौहारों पर पुलिस लगती है। इसके बावजूद मीडिया - सोशल मीडिया में तैनात इनके अवैध रिश्तेदार इनका हर गुनाह छुपाने के लिए छाती पीटते हुए कूद पड़ते हैं !!
इसके अलावा भी उन्होंने कई पोस्ट किए और विपक्षियों पर दंगाईयों को बचाने का आरोप मढ़ा। बता दें कि इसे राजनीतिक रूप देने की शुरूआत तब हुई जब सपा की तरफ से मृतक गोपल की एक वीडियो पोस्ट की गई। और लिखा गया कि बहराइच में जिस गोपाल को गोली लगी है उसका मृत्यु पूर्व वीडियो देखिए, गोपाल एक मुस्लिम घर में जबरन घुसा ,वहां से हरा झंडा उतारा,फेंका और जबरन भगवा झंडा लहराया । अब इस मासूम गोपाल के मन में ये करने का जहर किसने भरा ? कौन इस साजिश में शामिल है ये समझना कठिन नहीं है ,इस सबमें भाजपा और भाजपा के सत्तालोभी नेता शामिल हैं जो अगले चुनाव तक यूपी के माहौल को दंगा फसाद में झोंककर चुनाव जीतना चाहते हैं ,अंततः एक मासूम से दंगाई बने गोपाल ने भाजपाई सियासत के चक्कर में अपनी जान गंवा दी।
बहराइच का मामला पूरी तरह से इंटेलिजेंस फेल्योर ,पुलिस फेल्योर ,भाजपाई साजिश और भाजपाई सत्तालोभी कुकृत्य का परिणाम है जिसमें आम मासूम नौजवान शिकार बन रहे ,माहौल खराब हो रहा और जानें जा रहीं ।इस मामले को हिंदू मुस्लिम चश्मे से देखने के बजाय भाजपाई सत्ता लोभी साजिश के एंगल से देखेंगे तभी सत्य दिखेगा ।
मामला अब राजनीतिक रूप ले चुका है। इधर बहराइच की सड़कों पर अस्थिरता है। रविवार को ये घटना हुई और अब घटना को लेकर लोगों में उबाल है। हिंदु समुदाय के लोग अब सड़कों पर उतरकर विरोध कर रहे है। कई मुसलमानों के घरों को आग के हवाले कर दिया गया, कई गाड़ियां फूंक गई और सड़कों पर आगजनी हुई। भीड़ बेकाबू हो गई है। स्थिति को देखते हुए बहराइच में इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है। सड़कों पर एसपी से लेकर डीएम तक आ चुके है। पर स्थित काबू में नहीं आ रही है। क्या पुलिस क्या प्रशासन पूरा का पूरा अमला लगा हुआ है राम गोपाल मिश्रा के परिजनों को मनाने के लिए, लेकिन उन्होंने साफ कह दिया है, जब तक कातिलों पर कड़ी कार्रवाई नहीं हो जाती तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं होगा। अब देखना होगा कि इस मामले को पुलिस-प्रशासन कहा तक शांत करवा पाती है।