नेशनल हेराल्ड मामले पर सियासी उबाल, Congress के आरोप पर BJP का पलटवार, मोदी सरकार आने के पहले दायर हुआ था केस
ईडी द्वारा नेशनल हेराल्ड मामले में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के ख़िलाफ चार्जशीट दाख़िल किए जाने के बाद पार्टी का आरोप है कि ये ईडी की चार्जशीट केंद्र सरकार के इशारे पर हुई है. पार्टी के इस आरोप पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी की प्रतिक्रिया सामने आई है.

नेशनल हेराल्ड मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी और सैम पित्रोदा के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया है. इसको लेकर सियासत भी शुरू हो गई है. कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता देशभर में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी में है. पार्टी का आरोप है कि ये ईडी की चार्जशीट केंद्र सरकार के इशारे पर हुई है. पार्टी के इस आरोप पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस को यह बात रखनी चाहिए कि यह मामला तब दर्ज हुआ था, जब केंद्र में नरेंद्र मोदी की सरकार नहीं आई थी.
ईडी की चार्जशीट तकनीकी मामला
नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी के खिलाफ ईडी की चार्जशीट पर भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "नेशनल हेराल्ड मामले में आज ईडी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम चार्जशीट में दर्ज किया है. यह पूरी तरह से तकनीकी मामला है. कांग्रेस पार्टी को ध्यान देना चाहिए कि यह मामला 2012 में शुरू हुआ था और एक जनहित याचिका के माध्यम से दिल्ली हाई कोर्ट ने अक्टूबर 2013 में इस मामले की शुरुआत की थी. इसका मतलब है कि यह मामला नरेंद्र मोदी की सरकार आने से पहले ही दायर किया गया था. कांग्रेस पार्टी का इस मुद्दे पर राजनीति करने का कोई आधार नहीं बनता है."
Delhi: On the ED's chargesheet against Congress leaders Sonia Gandhi and Rahul Gandhi in connection with the National Herald case, BJP MP Sudhanshu Trivedi says, "In the National Herald case, today the ED has named Sonia Gandhi and Rahul Gandhi in the chargesheet. This is purely… pic.twitter.com/bJD3BJe5wz
— IANS (@ians_india) April 15, 2025
इतिहास का विचित्र मामला : सुधांशु त्रिवेदी
उन्होंने आगे कहा, "यह भारत के इतिहास का एक विचित्र मामला है, जिसमें एक ऐसी कंपनी 90 करोड़ रुपये की देनदारी में बिक गई, जिसके पास हजारों करोड़ की संपत्ति थी. इसके अलावा, 76 प्रतिशत शेयर सिर्फ राहुल गांधी और सोनिया गांधी के पास थे. मैं कांग्रेस से पूछना चाहता हूं कि इसे पंडित नेहरू ने स्थापित किया था और स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के द्वारा एसोसिएट जनरल लिमिटेड (एजेएल) स्थापित की गई थी. कई लोगों ने आपत्ति भी दर्ज कराई थी कि शेयरधारकों के पास शेयर थे, फिर भी उनसे पूछे बगैर इसे दे दिया गया. मैं पूछना चाहता हूं कि कांग्रेस के पांच-छह दशकों तक शासन करने के बाद भी पंडित नेहरू द्वारा स्थापित तीनों अखबार कैसे घाटे में चले गए, जिसकी वजह से उसे बंद करना पड़ा. क्या कांग्रेस सरकारों ने उसे कोई समर्थन नहीं किया." सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, "कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की आस्था के जो दावे हैं कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों और कांग्रेस का इससे भावनात्मक लगाव था. यह भावनात्मक लगाव कितना सही था, यह मामला इसका प्रमाण दे रहा है. नैतिक और तकनीकी दोनों आधारों पर कांग्रेस के दावे बहुत खोखले, आधारहीन और दुर्भावना से प्रेरित दिखाई देते हैं."
भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने पीएम मोदी के नेतृत्व की तारीफ करते हुए कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जब हमारी सरकार बनी थी, तो उसका लक्ष्य यह था कि कैसे देश तकनीक के क्षेत्र में महत्वपूर्ण छलांग लगाए और राष्ट्र के आर्थिक विकास के लिए एक व्यापक आधार तैयार करे. उदाहरण के लिए, सौर ऊर्जा को आगे बढ़ाना और अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन की स्थापना करना और रक्षा उत्पादन को आगे बढ़ाना. पीएम मोदी के नेतृत्व में भारत के विकास का मजबूत आधार और रास्ता बना है."