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सुब्रमण्यम भारती की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें किया नमन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं महान सुब्रमण्यम भारती को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। एक दूरदर्शी कवि, लेखक, विचारक, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक, उनके शब्दों ने असंख्य लोगों में देशभक्ति और क्रांति की ज्वाला प्रज्वलित की। समानता और महिला सशक्तिकरण पर उनके प्रगतिशील आदर्श भी समान रूप से प्रेरणादायक हैं।"
सुब्रमण्यम भारती की जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें किया नमन
तमिल कवि, लेखक, स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक सुधारक सुब्रमण्यम भारती की आज जयंती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और कांग्रेस ने सुब्रमण्यम भारती को उनकी जयंती पर नमन किया। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "मैं महान सुब्रमण्यम भारती को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। एक दूरदर्शी कवि, लेखक, विचारक, स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक, उनके शब्दों ने असंख्य लोगों में देशभक्ति और क्रांति की ज्वाला प्रज्वलित की। समानता और महिला सशक्तिकरण पर उनके प्रगतिशील आदर्श भी समान रूप से प्रेरणादायक हैं।"

पीएम मोदी ने आगे कहा, "मैं आज दोपहर 1 बजे 7 लोक कल्याण मार्ग पर आयोजित एक कार्यक्रम में उनकी रचनाओं का संग्रह जारी करूंगा। मैं इस प्रयास के लिए एस. विश्वनाथन को बधाई देता हूं।"

अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "आधुनिक तमिल साहित्य के जनक सुब्रमण्यम भारती की जयंती पर उन्हें मेरा नमन। भारती जी ने अपने प्रखर ज्ञान से हमारे स्वतंत्रता संग्राम का मार्ग प्रशस्त किया तथा समाज को उसके मूल स्वरूप में परिवर्तित किया। उनके आदर्श हमारी प्रेरणा के शाश्वत स्रोत बने रहेंगे।"

वहीं कांग्रेस ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "क्रांतिकारी कवि और स्वतंत्रता सेनानी महाकवि सुब्रमण्यम भारती को श्रद्धांजलि। अपने शानदार काम के कारण 'तमिलनाडु कवि पुरस्कार विजेता' के रूप में प्रसिद्ध, उन्होंने समानता और देशभक्ति का समर्थन किया तथा भारत की सांस्कृतिक विरासत पर एक अमिट छाप छोड़ी।"

सुब्रमण्यम भारती को भारतीय राष्ट्रीयता, स्वतंत्रता संग्राम और तमिल साहित्य में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है। वे एक महान कवि थे। उन्होंने अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में जागरूकता और परिवर्तन की बात की थी। उनका जन्म 11 दिसंबर 1882 को तमिलनाडु के एक छोटे से गांव एट्टयपुरम में हुआ था।

Input: IANS
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