प्रियंका गांधी 25 साल के राजनीतिक सफ़र में पहली बार कर रही चुनावी डेब्यू, जानिए क्या है इसके पीछे की सियासत
इस बार गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी 25 साल के अपने सक्रिय राजनीतिक करियर में पहली बार कोई चुनाव लड़ने जा रही है। कांग्रेस ने केरल की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी का औपचारिक ऐलान भी कर दिया है।
जम्मू कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव के बाद तमाम राजनीतिक दलों को इस बात की उम्मीद थी कि चुनाव आयोग झारखंड और महाराष्ट्र समेत उपचुनावों को लेकर जल्द ऐलान कर सकता है। इस बीच मंगलवार को चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र, झारखंड के साथ-साथ उपचुनाव की तारीखों का भी ऐलान कर दिया है। इन चुनावों में सबसे खास बात यह है कि इस बार गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी 25 साल के अपने सक्रिय राजनीतिक करियर में पहली बार कोई चुनाव लड़ने जा रही है। कांग्रेस ने केरल की वायनाड सीट से प्रियंका गांधी की उम्मीदवारी का औपचारिक ऐलान भी कर दिया है। प्रियंका गांधी वायनाड की लोकसभा सीट से उपचुनाव लड़ेंगी। जिसे राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में जीता था। इसके बाद उन्होंने यूपी की पारिवारिक सीट रायबरेली को बरकरार रखा था जबकि वायनाड सीट को छोड़ दिया था उसी समय कांग्रेस पार्टी ने इस बात की घोषणा की थी की वायनाड से उपचुनाव प्रियंका गांधी लड़ेंगी। प्रियंका गांधी भले ही अभी तक कोई लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ी हो लेकिन वह पार्टी के लिए हमेशा से सक्रिय में रही हैं।
Congress President Shri @kharge has approved the proposal to nominate the following members as party candidates for the bye-elections to the Lok Sabha and Legislative Assembly from Kerala pic.twitter.com/QBFskzozEB
— Congress (@INCIndia) October 15, 2024
प्रियंका ने कब की थी राजनीतिक सफर की शुरुआत
गांधी परिवार की बेटी प्रियंका साल 1999 में पहली बार राजनीति की दुनिया में एंट्री ली थी, उस वक्त प्रियंका गांधी ने अपनी मां सोनिया गांधी के लिए चुनावी प्रचार में हिस्सा लिया था। उस समय सोनिया गांधी के खिलाफ भाजपा के उम्मीदवार अरुण नेहरू थे जिनके खिलाफ प्रियंका गांधी ने प्रचार करते हुए अपनी मां के लिए जनता से वोटो की अपील की थी। साल 1999 से लेकर अब तक कभी ऐसा नहीं हुआ जब प्रियंका गांधी चुनाव लड़ी हो हालांकि पार्टी कार्यकर्ताओं ने कई बार प्रियंका गांधी से चुनाव लड़ने की मांग की। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और राहुल गांधी, सोनिया गांधी के समर्थक हमेशा यह कयास लगाते रहे की प्रियंका गांधी जल्द यूपी में दादी और मां की विरासत को आगे बढ़ते हुए चुनावी मैदान में उतरेंगी, अब कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का इंतजार खत्म हो चुका है और प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ते हुए दक्षिण में कांग्रेस के किले को मजबूत बनाए रखने के लिए काम करेंगी।
कांग्रेस में निभा चुकी है अहम जिम्मेदारी
प्रियंका गांधी भले ही चुनावी मैदान में पहली बार उतार रही हो लेकिन वह अपनी दूर दृष्टि सोच अब बेहतर सूझबूझ के लिए पहचानी जाती है। 2017 यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हुआ था तो इस गठबंधन और सीट बंटवारे में प्रियंका गांधी ने बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी। प्रियंका गांधी की इसी सूझबूझ के चलते पार्टी ने उन्हें जनवरी 2019 तक पार्टी ने उन्हें पूर्वी यूपी का महासचिव बनाया था, जिस क्षेत्र में कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ अमेठी और रायबरेली शामिल है। इसके बाद मौजूदा वक़्त में कांग्रेस के नेता रहे ज्योति आदित्यनाथ सिंधिया ने जब पार्टी छोड़ी उसके बाद सितंबर 2020 तक उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त कर दिया गया हालांकि दिसंबर 2023 में पार्टी ने अपने संगठन में बदलाव किया उनसे उत्तर प्रदेश का प्रभार तो ले लिया गया लेकिन वह पार्टी की महासचिव पद पर बनी रही।
वायनाड से प्रियंका क्यों ले रहीं चुनाव में एंट्री
अगर प्रियंका गांधी के राजनीतिक करियर को देखे तो प्रियंका ने सबसे बेहतरीन काम और सबसे सक्रिय रूप से पार्टी के लिए काम उत्तर प्रदेश में किया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गई है लेकिन इसके पीछे कई वजह है। दरअसल कांग्रेस दक्षिण भारत पर खास तौर से केरल में अपने पैठ को मजबूत बनाए रखना चाहती है। पार्टी कर्नाटक और तेलंगाना में सत्ता में है और अपने सहयोगी डीएमके के साथ तमिलनाडु में भी राज कर रही है। वहीं उत्तर भारत में विपरीत स्थिति है जहां बीजेपी की मजबूत पकड़ है । बताते चलें कि दक्षिण में कांग्रेस जीत हासिल करने की कोशिश में है। क्योंकि इस सीट से पहले राहुल गांधी सांसद रह चुके हैं और साल 2024 में राहुल गांधी रायबरेली और वायानाड दो सीटों से चुनाव लड़े लेकिन अपने पारिवारिक सीट पर राहुल गांधी बन रहे और वायनाड की सीट छोड़ दिए। ऐसे में दक्षिण के कार्यकर्ताओं को मायूस ना हो इसके लिए गांधी परिवार दक्षिण को नजअंदाज कर रहा है, शायद यही वजह है कि प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनावी मैदान में उतर गया है ताकि उस क्षेत्र में कांग्रेस की मजबूती बनी रहे। आपको बता दे अगर प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव जीतती है, जो कि कांग्रेस की सुरक्षित सीट मानी जा रही है। तो यह पहली बार होगा जब नेहरू गांधी परिवार के एक साथ तीन सदस्य सदन के अंदर होंगे। राहुल गांधी और प्रियंका गांधी जहां लोकसभा में होंगे तो वहीं उनकी मां सोनिया गांधी राज्यसभा में मौजूद है।
गौरतलब है कि मंगलवार को चुनाव आयोग ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए चुनाव की तारीखों का ऐलान किया है जिसमें महाराष्ट्र में एक चरण और झारखंड में झारखंड में तीन चरण में विधानसभा के चुनाव होंगे तो वहीं केरल के वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव 13 नवंबर को होगा।