सदन में पहुंचने की दिशा में प्रियंका गांधी ने बढ़ाया क़दम, जानिए मोदी को देंगी कैसे चुनौती ?
कांग्रेस परिवार की बेटी प्रियंका गांधी अपने 25 साल के सक्रिय राजनीतिक करियर में पहली बार कोई चुनाव लड़ने की दिशा में पहला क़दम बढ़ा चुकी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने बुधवार को वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया।
कांग्रेस परिवार की बेटी प्रियंका गांधी अपने 25 साल के सक्रिय राजनीतिक करियर में पहली बार कोई चुनाव लड़ने की दिशा में पहला क़दम बढ़ा चुकी है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने बुधवार को वायनाड लोकसभा उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर दिया। इस ख़ास मौक़े पर प्रियंका के साथ उनकी मां सोनिया गांधी, भाई राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी रहे। पर्चा भरने के वक्त प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा और बेटा भी साथ थे। वायनाड लोकसभा सीट पर 13 नवंबर को उपचुनाव होंगे। इसी के मद्देनजर यहां से कांग्रेस ने प्रियंका गांधी को मैदान में उतारा है। उन्होंने बुधवार को अपने नामांकन पत्रों के तीन सेट दाखिल किए।
दरअसल, प्रियंका गांधी जिस वायनाड की लोकसभा सीट से उपचुनाव के लिए नामांकन पत्र दाख़िल किया है। उसे राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव 2024 में जीता था। इसके बाद उन्होंने यूपी की पारिवारिक सीट रायबरेली को बरकरार रखा था जबकि वायनाड सीट को छोड़ दिया था। उस वक़्त कांग्रेस पार्टी ने इस बात की घोषणा की थी कि वायनाड से उपचुनाव प्रियंका गांधी लड़ेंगी। प्रियंका गांधी भले ही अभी तक कोई लोकसभा या विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ी हो लेकिन वह पार्टी के लिए हमेशा से सक्रिय रही हैं। नामांकन दाख़िल करने से पहले प्रियंका गांधी ने वायनाड में रोड शो और जनसभा भी किया। इस दौरान कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री समेत पार्टी के लगभग दिग्गज नेता मौजूद रहे। जनसभा को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि "यह पहल मौक़ा है जब मैं ख़ुद के लिए प्रचार कर रही हूँ। इस दौरान उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का ज़िक्र करते हुए सत्ताधारी बीजेपी पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि मेरे भाई ने नफरत के खिलाफ यात्रा की, जनता विश्वास का प्रतीक है। वायनाड के साथ हर हाल में खड़ी हूं। नई यात्रा में जनता मेरी मार्गदर्शक है। मैंने अपनी मां भाई और मेरे बहुत सारे साथियों के लिए कैम्पैन किया। पिछले 35 सालों से मैं अलग-अलग चुनावों के लिए प्रचार कर रही हूं. यह पहली बार है जब मैं आपसे अपने समर्थन की मांग कर रही हूं। यह एक बहुत ही अलग एहसास है। बताते चले कि इस चुनाव में प्रियंका गांधी की टक्कर वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) के सत्यन मोकेरी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की नव्या हरिदास से है।
Filing my nomination for the Wayanad by-election today was a moment filled with emotion. The love you’ve shown to Rahul Ji, and now to me, is something I carry with me every step of the way.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 23, 2024
Wayanad’s strength lies in its people-their kindness, resilience, and belief in a better… pic.twitter.com/v2rc5lKXFk
भाई-बहन की जोड़ी सदन में करेगी मोदी का सामना
प्रियंका गांधी कांग्रेस की सुरक्षित सीट मानी जाने वाली वायनाड से चुनावी डेब्यू कर रही है। माना जा रहा है की इस सीट पर कांग्रेस बहुत मज़बूत स्थिति में है। ऐसे में प्रियंका गांधी अगर सांसद निर्वाचित होती है तो वो सदन में केंद्र सरकार के ख़िलाफ़ अपने भाई लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का साथ देती नज़र आएँगी। निर्वाचित होने पर प्रियंका गांधी पहली बार सांसद बनेंगी तथा यह भी पहली बार होगा कि गांधी परिवार के तीन सदस्य – सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका एक साथ संसद में होंगे।
कांग्रेस में निभा चुकी है अहम जिम्मेदारी
प्रियंका गांधी भले ही चुनावी मैदान में पहली बार उतार रही हो लेकिन वह अपनी दूर दृष्टि सोच अब बेहतर सूझबूझ के लिए पहचानी जाती है। 2017 यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का गठबंधन हुआ था तो इस गठबंधन और सीट बंटवारे में प्रियंका गांधी ने बहुत ही अहम भूमिका निभाई थी। प्रियंका गांधी की इसी सूझबूझ के चलते पार्टी ने उन्हें जनवरी 2019 तक पार्टी ने उन्हें पूर्वी यूपी का महासचिव बनाया था, जिस क्षेत्र में कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ अमेठी और रायबरेली शामिल है। इसके बाद मौजूदा वक़्त में कांग्रेस के नेता रहे ज्योति आदित्यनाथ सिंधिया ने जब पार्टी छोड़ी उसके बाद सितंबर 2020 तक उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी नियुक्त कर दिया गया हालांकि दिसंबर 2023 में पार्टी ने अपने संगठन में बदलाव किया उनसे उत्तर प्रदेश का प्रभार तो ले लिया गया लेकिन वह पार्टी की महासचिव पद पर बनी रही।
वायनाड से प्रियंका क्यों ले रहीं चुनाव में एंट्री
अगर प्रियंका गांधी के राजनीतिक करियर को देखे तो प्रियंका ने सबसे बेहतरीन काम और सबसे सक्रिय रूप से पार्टी के लिए काम उत्तर प्रदेश में किया है। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि प्रियंका गांधी वायनाड से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हो गई है लेकिन इसके पीछे कई वजह है। दरअसल कांग्रेस दक्षिण भारत पर खास तौर से केरल में अपने पैठ को मजबूत बनाए रखना चाहती है। पार्टी कर्नाटक और तेलंगाना में सत्ता में है और अपने सहयोगी डीएमके के साथ तमिलनाडु में भी राज कर रही है। वहीं उत्तर भारत में विपरीत स्थिति है जहां बीजेपी की मजबूत पकड़ है । बताते चलें कि दक्षिण में कांग्रेस जीत हासिल करने की कोशिश में है। क्योंकि इस सीट से पहले राहुल गांधी सांसद रह चुके हैं और साल 2024 में राहुल गांधी रायबरेली और वायानाड दो सीटों से चुनाव लड़े लेकिन अपने पारिवारिक सीट पर राहुल गांधी बन रहे और वायनाड की सीट छोड़ दिए। ऐसे में दक्षिण के कार्यकर्ताओं को मायूस ना हो इसके लिए गांधी परिवार दक्षिण को नजअंदाज कर रहा है, शायद यही वजह है कि प्रियंका गांधी को वायनाड से चुनावी मैदान में उतर गया है ताकि उस क्षेत्र में कांग्रेस की मजबूती बनी रहे।
ग़ौरतलब है कि चुनाव आयोग के मुताबिक़ वायनाड संसदीय सीट और 47 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव 13 नवंबर को होंगे जबकि वोटों की गिनती 23 नवंबर को होगी।