Palestine के मुसलमानों के लिए ‘आंसू’ बहाने वालीं Priyanka Gandhi बांग्लादेशी हिंदुओं पर मौन क्यों ?
जब भारत का दोस्त देश इजरायल अपने नागरिकों की मौत का बदला लेने के लिए फिलिस्तीन में छुपे बैठे हमास के आतंकियों को मौत की नींद सुला रहा था। उस वक्त गांधी परिवार की बेटी प्रियंका गांधी को बहुत दुख हो रहा था। उन्हें ये बात बिल्कुल बर्दाश्त नहीं हो रही थी कि इजरालय अपने दुश्मन देश फिलस्तीन से बदला क्यों ले रहा है। उस पर बम क्यों बरसा रहा है इसलिए लगातार इजरायल के विरोध में और फिलिस्तीन के मुसलमानों के समर्थन में आवाज उठाती रही हैं।
26 जुलाई को ही जब इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर गये थे तो उनके स्वागत को देख कर प्रियंका गांधी इस कदर बौखला गई थीं कि यहां तक कह दिया था कि हर गुजरते दिन के साथ गाजा में हो रहे भयानक नरसंहार में नागरिकों, माताओं, पिताओं, डॉक्टरों, नर्सों, सहायताकर्मियों, पत्रकारों, शिक्षकों, लेखकों, कवियों, वरिष्ठ नागरिकों और हजारों मासूम बच्चों की मौत हो रही है, इजरायल गाजा पर लगातार हमले कर रहा है, ये दुनिया के सभी व्यक्तियों की नैतिक जिम्मेदारी है कि वे इजरायल सरकार के नरसंहार कार्यों की निंदा करें और उन्हें रोकने के लिए मजबूर करें, घृणा और हिंसा में विश्वास न करने वाले लोगों की ये जिम्मेदारी है और इस वर्ग में वो इजरायली नागरिक भी शामिल हैं जो हिंसा नहीं चाहते, इजरायल की हरकतों को एसी दुनिया में स्वीकार नहीं किया जा सकता जो सभ्यता और नैतिकता की पक्षधर है, हम इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की छवि के अधीन हैं जिनका अमेरिकी कांग्रेस में तालियां बजाकर स्वागत किया जा रहा है, वो इसे बर्बरता और सभ्यता के बीच का टकराव बता रहे हैं, वो बिल्कुल सही हैं क्योंकि इजरायली सरकार की बर्बरता को पश्चिमी दुनिया के ज्यादातर देशों का समर्थन प्राप्त हो रहा है, ये देखना काफी शर्मनाक है।
प्रियंका गांधी का ये बयान बता रहा है कि फिलिस्तीन में मारे जा रहे मुसलमानों के लिए उन्हें कितनी हमदर्दी है और भारत के दोस्त इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से इतनी नफरत की उनके लिए अमेरिकी संसद में बजी तालियां भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं और ये कोई पहली बार नहीं है जब प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन में मारे जा रहे मुसलमानों के लिए आवाज उठाई हो। इससे पहले भी प्रियंका गांधी कई बार फिलिस्तीनी मुसलमानों के लिए ट्वीट कर चुकी है लेकिन पिछले कई दिनों से पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं के लिए प्रियंका गांधी एक ट्वीट तक नहीं किया। आखिरी ट्वीट उन्होंने 9 जुलाई को किया था जिसमें उन्होंने अमन सहरावत को ब्रॉन्ज मेडल जीतने के लिए बधाई दी थी लेकिन शायद इतनी फुर्सत नहीं है कि एक ट्वीट बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं के लिए कर सकें। जिस पर भरे सदन में बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने कांग्रेस नेताओं को लताड़ते हुए कहा गाजा को लेकर बड़ी बड़ी बातें करते थे। ऐसी कौन सी मजबूरी है कि ये लोग बांग्लादेश के हिंदुओं की बात भी नहीं करते हैं।
गाजा के मुसलमानों के लिए ट्वीट पर ट्वीट करने वालीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने बांग्लादेशी हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के खिलाफ एक ट्वीट तक नहीं किया तो वहीं दूसरी तरफ पीएम मोदी ने जब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की कमान संभाल रहे मोहम्मद यूनुस को बधाई दी तो. हिंदुओं की सुरक्षा को लेकर आवाज उठाते हुए कहा कि प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को उनकी नई जिम्मेदारियां संभालने पर मेरी शुभकामनाएं, हम हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए सामान्य स्थिति में जल्द से जल्द वापसी की उम्मीद करते हैं, भारत शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है पीएम मोदी ने जहां हिंदुओं की सुरक्षा की आवाज उठाई तो वहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तो सनातनी हिंदुओं से बांग्लादेश के हालात से सबक लेने की अपील की....पीएम मोदी, सीएम योगी जैसे दिग्गज नेताओं ने बांग्लादेश के हिंदुओं के लिए आवाज उठाई लेकिन गाजा के मुसलमानों के लिए आवाज उठाने वालीं प्रियंका गांधी ने बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं के लिए एक ट्वीट तक नहीं किया।