केंद्र के साथ समन्वय से हल होंगी जम्मू-कश्मीर की समस्याएं: उमर अब्दुल्ला
जम्मू-कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) के उपाध्यक्ष और नव-निर्वाचित विधायक उमर अब्दुल्ला ने हाल ही में एक बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ सही तालमेल जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र के साथ लड़ाई के बजाय समन्वय अधिक महत्वपूर्ण है ताकि राज्य के मुद्दों जैसे रोजगार, बिजली आपूर्ति में सुधार, राज्य का दर्जा और अन्य विकास से संबंधित समस्याओं का समाधान हो सके।
नेशनल कॉन्फ्रेंस (जेकेएनसी) के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के भविष्य को लेकर अहम बयान दिया है। हाल ही में जेकेएनसी और कांग्रेस गठबंधन को जनादेश मिलने के बाद अब्दुल्ला ने राज्य के नए मुख्यमंत्री बनने की तैयारी में हैं। उमर अब्दुल्ला ने स्पष्ट किया कि सरकार बनने के बाद उनकी कैबिनेट का पहला प्रस्ताव जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य का दर्जा दिलाने का होगा। उनका कहना है कि परिसीमन और चुनाव तो हो चुके हैं, अब राज्य का दर्जा बहाल करने की बारी है, जो बीजेपी ने वादा किया था।
निर्दलीय विधायकों से समर्थन की उम्मीद
अब्दुल्ला ने कहा कि कई निर्दलीय विधायक उनके संपर्क में हैं, और वे गठबंधन का हिस्सा बन सकते हैं। इसका उद्देश्य सरकार की स्थिरता को बढ़ाना है। उन्होंने 5 मनोनीत विधायकों के मामले में भी कहा कि उनका मनोनयन सरकार को प्रभावित नहीं करेगा और इसे टालने की सलाह दी।
दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की तुलना
दिल्ली और जम्मू-कश्मीर के बीच अंतर पर बात करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि दिल्ली कभी पूर्ण राज्य नहीं रही, जबकि जम्मू-कश्मीर को 2019 से पहले राज्य का दर्जा प्राप्त था, जिसे बहाल करने का वादा बीजेपी ने किया था।
जनता का आभार
चुनाव जीतने के बाद उमर अब्दुल्ला ने जनता का आभार व्यक्त किया और अपने बयान में कहा कि जम्मू-कश्मीर के विकास के लिए केंद्र सरकार के साथ सही तालमेल जरूरी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि केंद्र के साथ लड़ाई के बजाय समन्वय अधिक महत्वपूर्ण है ताकि राज्य के मुद्दों जैसे रोजगार, बिजली आपूर्ति में सुधार, राज्य का दर्जा और अन्य विकास से संबंधित समस्याओं का समाधान हो सके।
#WATCH | Srinagar, J&K: On coordination with Centre after the formation of government in the UT, JKNC vice president & newly-elected MLA, Omar Abdullah says, "Let the government be formed. Ask this to the CM who will get elected. My suggestion would be that it is essential to… pic.twitter.com/IUbwiMyqNa
— ANI (@ANI) October 9, 2024
केंद्र के साथ संबंध सुधारना आवश्यक
उमर अब्दुल्ला ने कहा कि भले ही उनकी पार्टी और भाजपा की राजनीतिक विचारधाराओं में मतभेद हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि राज्य को केंद्र से टकराव करना चाहिए। उन्होंने कहा, "दिल्ली से लड़ाई करने की कोई जरूरत नहीं है, जनता ने हमें विकास, नौकरियों और समस्याओं के समाधान के लिए वोट दिया है, न कि टकराव के लिए।" ये ऐसे मुद्दे हैं जिन्हें सुलझाने के लिए सरकार को केंद्र के साथ मिलकर काम करना होगा।
उमर अब्दुल्ला का यह बयान स्पष्ट करता है कि आने वाली सरकार की प्राथमिकता केंद्र के साथ रिश्ते सुधारकर विकास परियोजनाओं और राजनीतिक अधिकारों को बहाल करने पर होगी। उनके अनुसार, जनता ने राजनीति से परे जाकर स्थिरता और विकास के लिए वोट किया है, और इसका सम्मान किया जाना चाहिए।