'प्रोजेक्ट भारत में, आरोप अमेरिका में', अडानी रिश्वत मामले में आखिर क्या कहता है कानून?
भारतीय उद्योगपति गौतम अडानी पर भारतीय अधिकारियों को 2,250 करोड़ रूपये की रिश्वत देने का आरोप लगा है। यह पैसे सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके हासिल करने के लिए दिए गए हैं। यह भी खबर है कि इन प्रोजेक्ट्स में अडानी समूह ने अमेरिकी निवेशकों से फंड जुटाया है। इसके जरिए अगले 20 वर्षों में लगभग 2 बिलियन डॉलर की कमाई का अनुमान जताया है। अडानी पर लगे आरोपों के बाद विपक्षी दल कांग्रेस ने बीजेपी पर जुबानी हमला शुरू कर दिया हैं। राहुल गांधी ने अडानी की गिरफ्तारी की मांग की है।
क्या है 2,250 करोड़ रूपये रिश्वत देने का पूरा मामला?
दरअसल, यह पूरा मामला अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड से जुड़ा हुआ है। बीते 24 अक्टूबर को यह मामला US कोर्ट में दर्ज किया गया। जिसको लेकर बुधवार को इस पर सुनवाई हुई। अमेरिका के एटॉर्नी ऑफिस का कहना है कि अडानी ग्रुप ने कॉन्ट्रैक्ट हासिल करने के लिए भारतीय अधिकारियों को 2,250 करोड़ रूपये की रिश्वत ऑफर की। अडानी ग्रुप ने भारतीय अमेरिकी बैंकों और निवेशकों से झूठ बोला। इसलिए यह मामला दर्ज हुआ। इस प्रोजेक्ट में अमेरिकी बैंकों और निवेशकों के अरबों रूपये लगे हुए हैं। ऐसे में अमेरिकी कानून के तहत उस पैसे को रिश्वत के रूप में देना अपराध है। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि जब प्रोजेक्ट भारत में है। तो फिर आरोप अमेरिका में कैसे लगे ?
रिश्वत मामले में गौतम अडानी के साथ कुल 8 लोगों पर लगे आरोप
अडानी ग्रुप पर 2,250 करोड़ रूपये रिश्वत देने के लगे आरोपों में गौतम अडानी के साथ 8 और नाम शामिल हैं। अमेरिकी अभियोजकों के मुताबिक अडानी ग्रुप के संस्थापक गौतम अडानी,अडानी ऊर्जा कंपनी के कार्यकारी निदेशक और उनके भतीजे सागर अडानी, विनीत जैन और कंपनी के 6 अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। आरोप है कि यह रिश्वत 2020 से 2024 के बीच दी गई। अभियोजकों के मुताबिक अडानी ग्रुप ने कई राज्यों में बिजली कंपनियों के साथ सौर ऊर्जा के ठेके हासिल करने के लिए अधिकारियों को यह रिश्वत दी थी।
प्रोजेक्ट भारत में आरोप अमेरिका में क्या कहता है कानून?
बता दें कि अडानी ग्रुप पर रिश्वत देने का मामला भारतीय अधिकारियों से जुड़ा हुआ है। चूंकि इसमें अमेरिकी बैंकों और निवेशकों का पैसा लगा है। तो अमेरिकी कानून के मुताबिक यह मामला अमेरिकी कोर्ट में बढ़ाया जा सकता है। वही एक और ध्यान देने वाली बात है कि जिस समय अडानी ग्रुप पर यह आरोप लगा है। ठीक उसी समय यानि साल 2023 में अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने भी एक रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें अडानी समूह पर स्टॉक हेरफेर और धोखाधड़ी का आरोप लगा था। आरोप लगने के बाद अडानी ग्रुप को करीब 150 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ था।
(SECI ) ने 12 गीगावाट का कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया था
आपको बता दें कि भारतीय ऊर्जा कंपनी और अमेरिकी इश्यूअर वाली स्वामित्व कंपनी सोलर एनर्जी काॅरपोरेशन ऑफ़ इंडिया ने 12 गीगावॉट सौर ऊर्जा उपलब्ध कराने का कॉन्ट्रेक्ट हासिल किया था। हालांकि इस कंपनी को उस दौरान खरीददार नहीं मिल पाए । ऐसे में खरीदारों के बिना डील आगे नहीं बढ़ सकती थी। दोनों को बड़ा नुकसान होने का सवाल उठ रहा था। जिसके बाद अडानी समूह और एज्योर पावर ने मिलकर भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने की प्लानिंग की।
रंजीत गुप्ता जो 2019 से लेकर 2022 तक एज्योर पावर के सीईओ थे। उसके बाद 2022-23 में रुपेश अग्रवाल ने यह पद संभाला। जिसके बाद परियोजना में शामिल कुछ अधिकारियों को इस्तीफा देने के लिए भी कहा गया। रिश्वत देने के लिए कई तरह की बैठके आयोजित की गई। ताकि किसी को पता ना चल सके। कई हिस्सों को ट्रांसफर करने की भी चर्चा हुई। इस बीच में ही अडानी समूह ने सरकारी अधिकारियों से मुलाकात की। फिलहाल अमेरिकी अथॉरिटीज इस मामले में जांच पड़ताल कर रही है।
अडानी ग्रुप ने इस मामले को निराधार बताया
एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी कोर्ट की तरफ से गौतम अडानी और उनके भतीजे की गिरफ्तारी के वारंट निकले हैं। इस मामले पर अडानी समूह का भी बयान सामने आया है। जिसमें कहा गया है कि "ये सिर्फ आरोप ही हैं। जब तक दोष साबित नहीं हो जाता। तब तक प्रतिवादी निर्दोष माना जाता है। सभी संभव कानूनी उपाय किए जाएंगे। अडानी ग्रुप ने हमेशा सभी सेक्टर में पारदर्शिता और रेगुलेटरी नियमों का पालन किया है। हम इसे आगे भी जारी रखेंगे। हम अपने सभी शेरहोल्डर्स,पार्टनर्स और समूह की कंपनियों में काम करने वाले कर्मचारियों को आश्वस्त करते हैं कि हम कानून का पालन करने वाले संगठन हैं। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक "अमेरिका द्वारा लगे आरोपों के बाद अडानी ग्रुप की कंपनियों ने 600 मिलियन डॉलर के USD नामित बॉन्ड पेशकशों को रद्द कर दिया है।
अडानी की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए - राहुल गांधी
अडानी ग्रुप पर लगे आरोपों के बाद राजनीति तेज हो गई है। विपक्ष पूरी तरीके से भाजपा पर हमलावर हो गया है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अडानी पर लगे आरोपों के बाद कहा "अडानी की तुरंत गिरफ्तारी होनी चाहिए, लेकिन उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। न ही उनकी जांच होगी। एक सीएम 10-15 करोड़ रूपये के चक्कर में जेल चला जाता है। अडानी जी 2,000 करोड़ का स्कैम करते हैं। उन्हें कुछ नहीं होता।