लंदन के कॉलेज में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता का विरोध, लगे 'गो बैक' के नारे
लंदन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के केलॉग कॉलेज में अपने भाषण के दौरान भारी विरोध का सामना करना पड़ा। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के छात्र नेताओं ने 'गो बैक' के नारे लगाए

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी गुरुवार को लंदन में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के केलॉग कॉलेज में अपने भाषण के दौरान भारी विरोध का सामना करना पड़ा। स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के छात्र नेताओं ने 'गो बैक' के नारे लगाए और बंगाल में चुनाव बाद हिंसा के साथ ही आरजी कर मेडिकल कॉलेज से जुड़े मुद्दों पर सवाल किए। हालांकि, मुख्यमंत्री बनर्जी ने संयम के साथ स्थिति को संभाला और शिष्टाचार बनाए रखते हुए प्रदर्शनकारियों को जवाब दिया।
ममता ने बनाए रखा धैर्य
केलॉग कॉलेज में चल रहे कार्यक्रम में जब पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जब अपना संबोधन कर रही थी तो शुरू में, दर्शकों में मौजूद अतिथि अचानक विरोध से चौंक गए, लेकिन उन्होंने मुख्यमंत्री की प्रतिक्रिया की सराहना की। आखिर में, सीएम ममता बनर्जी ने बिना किसी रुकावट के अपना भाषण समाप्त किया। उन्हें प्रदर्शनकारियों से यह कहते हुए सुना गया, "अपनी पार्टी से कहो कि वे हमारे राज्य (पश्चिम बंगाल) में अपनी ताकत बढ़ाएँ ताकि वे हमसे लड़ सकें।"जब यह घटना मुख्यमंत्री के भाषण के आसपास हुई, तो दर्शकों में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली भी मौजूद थे।
क्या है पूरा मामला ?
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने 1990 के दशक की शुरुआत की अपनी एक पुरानी तस्वीर दिखाई, जिसमें उनके सिर पर पट्टी बंधी हुई थी और दावा किया कि यह विपक्ष में रहने के दौरान उनकी हत्या के प्रयास का सबूत है। यह हंगामा तब शुरू हुआ जब एक दर्शक ने उनसे "लाखों करोड़" के 'विशिष्ट निवेश प्रस्तावों' के बारे में पूछा। जैसे ही सीएम ने जवाब देने की कोशिश की, दर्शकों में से एक अन्य सदस्य ने हस्तक्षेप किया। सीएम ने दर्शकों से कहा कि वे रुक जाएं, क्योंकि यह कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं थी। हालांकि लंदन यात्रा के दौरान उद्योग और व्यापार से जुड़ी कई बैठकें हुईं, लेकिन मुख्यमंत्री का केलॉग कॉलेज में दिया गया भाषण सुर्खियां बटोर ले गया। आखिर में, बाकी दर्शकों के सामूहिक विरोध के कारण प्रदर्शनकारियों को हॉल छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।
Mamata Banerjee, the so-called champion of democracy, is now facing the wrath of Bengalis even in Britain! "You killed Abhaya! Why are you silent about Hindus? You drove Tata away!"—These are the harsh truths she was confronted with. The reality is clear: Bengalis, whether in… pic.twitter.com/5jAEmpUveY
— Dr. Sukanta Majumdar (@DrSukantaBJP) March 28, 2025
बता दें मुख्यमंत्री ममता को केलॉग कॉलेज में महिलाओं, बच्चों और समाज के हाशिए पर पड़े वर्गों के सामाजिक विकास पर बोलने के लिए आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम में बोलते समय मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य में 'स्वास्थ्य साथी' और 'कन्याश्री' जैसी परियोजनाओं का जिक्र कर रही थीं।पश्चिम बंगाल में औद्योगिक स्थिति के बारे में बोलते हुए, जब टाटा की टीसीएस कंपनी में निवेश का विषय उठाया गया, तो दर्शकों के पीछे से कुछ लोग हाथों में तख्तियां लेकर खड़े हो गए। इन पर राज्य में चुनाव और चुनाव के बाद की हिंसा के साथ-साथ आरजी बलात्कार मामले के बारे में लिखा हुआ था।दर्शकों ने मुख्यमंत्री के भाषण के दौरान चिल्लाकर अपनी बात रखने की कोशिश की। हालांकि, मुख्यमंत्री इस बात से जरा भी विचलित नहीं हुईं और उन्होंने शुरू से ही शांत लेकिन दृढ़ स्वर में विरोध प्रदर्शन को संभालना जारी रखा।
प्रदर्शनकारियों का ममता ने किया धन्यवाद
सीएम बनर्जी ने प्रदर्शनकारियों से कहा, "आप मेरा स्वागत कर रहे हैं, धन्यवाद। मैं आपको मिठाई खिलाऊंगी।" प्रदर्शनकारियों ने जब आरजी कर बलात्कार मामले का मुद्दा उठाया तो मुख्यमंत्री ने पलटवार करते हुए कहा, "'थोड़ा जोर से बोलिए, मैं आपको सुन नहीं पा रही हूं। मैं आपकी हर बात सुनूंगी। क्या आपको पता है कि यह मामला लंबित है? इस मामले की जांच की जिम्मेदारी अब केंद्र सरकार के हाथ में है, मामला अब हमारे हाथ में नहीं है।" ममता बनर्जी ने आगे कहा, "यहां राजनीति मत कीजिए, यह राजनीति का मंच नहीं है। मेरे राज्य में जाइए और मेरे साथ राजनीति कीजिए।" इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने जादवपुर विश्वविद्यालय की घटना का मुद्दा भी उठाया। मुख्यमंत्री ने फिर एक प्रदर्शनकारी को भाई कहकर संबोधित किया और कहा, "झूठ मत बोलो। मुझे तुमसे सहानुभूति है। लेकिन इसे राजनीति का मंच बनाने के बजाय बंगाल जाकर अपनी पार्टी को मजबूत करने को कहो ताकि वे हमसे लड़ सकें।"
संस्था का अपमान न करें छात्र
मुख्यमंत्री का जवाब सुनकर दर्शकों में मौजूद अतिथियों ने जोर-जोर से तालियां बजानी शुरू कर दीं। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने अपनी आवाज उठाने की कोशिश की। मुख्यमंत्री ने भी उन्हें जवाब में कहा, "मेरा अपमान करके अपनी संस्था का अपमान मत करो। मैं देश की प्रतिनिधि बनकर आई हूं। अपने देश का अपमान मत करो।" बाद में कार्यक्रम के आयोजकों और मौजूद अतिथियों ने सामूहिक रूप से प्रदर्शनकारियों के खिलाफ आवाज उठाई। प्रदर्शनकारियों को कार्यक्रम स्थल से जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। मुख्यमंत्री के भाषण को सुनने के लिए कई प्रवासी भारतीयों के अलावा कई अलग-अलग देशों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे। हालांकि, कार्यक्रम के आयोजकों ने इस अप्रत्याशित घटना के लिए मुख्यमंत्री से खेद जताया है।हालांकि, मुख्यमंत्री ने शांति से कहा, "आपने मुझे बार-बार यहां आने के लिए प्रोत्साहित किया है। याद रखें, दीदी को किसी की परवाह नहीं है। दीदी रॉयल बंगाल टाइगर की तरह चलती हैं। अगर आप मुझे पकड़ सकते हैं, तो मुझे पकड़ लें!"
टीएमसी का बयान
इस बीच, अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस ने एक्स पर लिखा: "वह (ममता बनर्जी) नहीं हिलती। वह लड़खड़ाती नहीं। जितना आप टोकेंगे, वह उतनी ही भयंकर दहाड़ेगी। वो एक रॉयल बंगाल टाइगर है!" लगातार व्यवधानों के बीच, दर्शकों में से किसी ने बंगाल में हिंदुओं के साथ व्यवहार के बारे में सवाल उठाया। सीएम बनर्जी ने जवाब दिया, "मैं सभी के लिए हूं, हिंदू और मुसलमान," जिसके बाद दर्शकों के एक वर्ग ने "गो बैक" के नारे लगाए। विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व वामपंथी छात्र संगठन स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई-यूके) के सदस्यों ने किया, जिन्होंने सीएम बनर्जी और उनकी सरकार पर भ्रष्टाचार और लोकतांत्रिक अधिकारों को दबाने का आरोप लगाया।