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कंगना के बयान पर राहुल का पलटवार, कहा -किसानों की शहादत के बाद भी भाजपा का मन नहीं भरा।

राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर बीजेपी सांसद कंगना रनौत के हाल में दिए बयान पर पलटवार करते हुए यह सवाल किया है कि सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक बीजेपी सांसद या प्रधानमंत्री मोदी?
कंगना के बयान पर राहुल का पलटवार, कहा -किसानों की शहादत के बाद भी भाजपा का मन नहीं भरा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सांसद कंगना रनौत के हालिया बयान पर जोरदार पलटवार किया है। राहुल गांधी ने सवाल उठाया कि देश की नीतियों का निर्धारण कौन कर रहा है, एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी? यह सवाल तब उठाया गया जब कंगना रनौत ने किसान आंदोलन और कृषि कानूनों के बारे में एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने तीन कृषि कानूनों को वापस लाने की बात कही थी।

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कंगना रनौत ने एक सार्वजनिक मंच पर किसान आंदोलन और कृषि कानूनों के मुद्दे पर बयान दिया। उन्होंने कहा, "तीन कृषि कानूनों का विरोध केवल कुछ राज्यों में हुआ था, और यह कानून किसानों की प्रगति के लिए आवश्यक थे।" इसके साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कृषि कानूनों को वापस लाया जाना चाहिए, क्योंकि किसानों की भलाई और देश की प्रगति के लिए यह जरूरी है। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांग ली और इसे अपनी व्यक्तिगत राय बताई।

जिसके बाद अब विपक्षी नेता राहुल गांधी ने इस बयान पर तुरंत प्रतिक्रिया दी और सरकार की नीति निर्धारण प्रक्रिया पर सवाल उठाया। उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा, "सरकार की नीति कौन तय कर रहा है? एक भाजपा सांसद या प्रधानमंत्री मोदी? 700 से ज़्यादा किसानों की शहादत के बाद भी भाजपा का मन नहीं भरा।" राहुल गांधी का यह बयान न केवल कंगना के बयान पर पलटवार था, बल्कि यह सरकार की नीति निर्माण प्रक्रिया पर भी सवाल था।
कृषि कानून मुद्दा क्यों अहम है?
राहुल गांधी का बयान किसानों की शहादत और किसान आंदोलन से जुड़ा है। किसान आंदोलन ने देशभर में गहरा असर डाला था, खासकर पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में, जहां किसान कई महीनों तक विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ यह आंदोलन पूरे देश में फैल गया था, जिसमें 700 से अधिक किसानों की जानें गईं। सरकार को किसानों के दबाव में आकर ये कानून वापस लेना पड़ा था।

यह मुद्दा भाजपा सरकार के लिए एक बड़ा राजनीतिक संकट बन गया था, क्योंकि किसानों के साथ-साथ कई विपक्षी पार्टियों ने भी इसे लेकर सरकार पर निशाना साधा था। अब जब कंगना रनौत ने कृषि कानूनों के वापस आने की बात कही, तो राहुल गांधी ने इसे किसानों के खिलाफ षड्यंत्र के रूप में देखा और इसे लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला।राहुल गांधी ने आगे कहा कि 'INDIA गठबंधन' (विपक्षी पार्टियों का नया गठबंधन) किसानों के खिलाफ भाजपा के किसी भी षड्यंत्र को सफल नहीं होने देगा। उन्होंने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि अगर किसानों के खिलाफ कोई भी कदम उठाया गया तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फिर से माफी मांगनी पड़ेगी, जैसा कि पहले किया गया था। 

राहुल गांधी का यह बयान केवल कंगना के बयान पर पलटवार नहीं था, बल्कि यह भाजपा की नीतियों और उनकी सरकार पर एक व्यापक हमला था। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल अब इसे एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

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