Modi विरोध में Rahul Gandhi ने अपनाया केजरीवाल का आइडिया अब हो रही भारी फजीहत
पांच गारंटी देकर राहुल गांधी ने कर्नाटक में मोदी को हरा तो दिया। और कर्नाटक की सत्ता भी हासिल कर ली। लेकिन अब यही पांच गारंटी कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के गले की फांस बन गई है। जिसे पूरा करने में कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की सरकार का दम निकलने लगा है, देखिये सबूत।
Rahul Gandhi : देश पर दशकों तक राज करने वाली कांग्रेस राज्यों में सत्ता हासिल करने के लिए किस हद तक गुजर सकती है। ये इसी बात से समझ सकते हैं कि साल 2023 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कर्नाटक में वही फंडा अपनाया। जिस फंडे को अपना कर अरविंद केजरीवाल राजधानी दिल्ली की सत्ता में आए। और ये फंडा है। फ्री की रेवड़ी बांटने वाली राजनीति। ये बात तो हर कोई जानता है कि कैसे आम आदमी पार्टी फ्री पानी। फ्री बिजली। और फ्री बस सेवा का वादा करके दिल्ली की सत्ता में आई। और अब यही हथकंडा कांग्रेस भी अपनाने लगी है। इसीलिये साल 2023 में कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में खुद कांग्रेस नेता Rahul Gandhi ने यहां की जनता को पांच गारंटी दी।
कांग्रेस की 5 गारंटी
1- गृहलक्ष्मी योजना के तहत घर की महिला प्रमुख को 2000 रुपये।
2- गृह ज्योति योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार को 200 यूनिट फ्री बिजली।
3- शक्ति योजना के तहत सरकारी बसों में महिलाओं के लिए फ्री यात्रा।
4- युवा निधि के तहत बेरोजगार ग्रेजुएट को दो साल तक 3000 रुपये महीना और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों को 1500 रुपये महीना।
5- अन्न भाग्य योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे वाले परिवार को दस किलो चावल।
ये पांच गारंटी देकर राहुल गांधी ने कर्नाटक में मोदी को हरा तो दिया। और कर्नाटक की सत्ता भी हासिल कर ली। लेकिन अब यही पांच गारंटी कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के गले की फांस बन गई है। जिसे पूरा करने में कांग्रेसी मुख्यमंत्री सिद्दारमैया की सरकार का दम निकलने लगा है। इसीलिये राहुल गांधी वादा करके तो चले गये। अब उनके चुनावी वादे की कीमत चुका रही है बेचारी कर्नाटक की जनता। जिनमें से एक गारंटी महिलाओं को सरकारी बस में मुफ्त में यात्रा कराने वाला है।
राहुल गांधी ने महिलाओं से बस में फ्री में सफर करने का वादा तो कर दिया लेकिन ये वादा निभाने में कर्नाटक सरकार की सांसें फूलने लगी हैं। सत्ता में आए एक साल के अंदर ही राहुल के वादे की वजह से कर्नाटक स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन यानि KSRTC घाटे में चला गया है जिसे करीब 295 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। NWKRTC के चेयरमैन और कांग्रेस विधायक राजू कागे ने आरोप लगाया कि राज्य में महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा प्रदान करने वाली शक्ति योजना की वजह से NWKRTC को घाटा हो रहा है। तो वहीं KSRTC के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक एसआर श्रीनिवास ने एक बयान में कहा कि।
एसआर श्रीनिवास, अध्यक्ष, KSRTC
हमने बोर्ड मीटिंग की और उसमें हमने बस किराया बढ़ाने का प्रस्ताव पेश किया और इसकी जानकारी सीएम को दी है, डीजल की कीमत बढ़ गई है, बस के पुर्जों की कीमत बढ़ गई है, हमें कर्मचारियों का वेतन भी बढ़ाना है, 2020 में उनके वेतन में संशोधन किया जाना था, वह नहीं किया गया, चाहे तेल हो या स्पेयर पार्ट्स सबकी कीमत बढ़ी है, बस एक आवश्यक सेवा है, अगर एक ड्राइवर नहीं आता है, तो एक गांव को उस दिन बस सेवा नहीं मिलेगी, अगर ऐसा हुआ, तो लोग हमें नहीं छोड़ेंगे, अब शक्ति योजना के बावजूद हमें पिछले 3 महीनों में 295 करोड़ का घाटा हुआ है, हम बस किराए में 15 से 20 फीसदी की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं, हमें देखना होगा कि सीएम कितना किराया मंजूर करते हैं, अगर वह ऐसा नहीं करते हैं तो KSRTC बच नहीं पाएगा।
कांग्रेस सरकार की फ्री बस सेवा की वजह से ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन घाटे में चला गया है जिसकी वजह से अब किराया बढ़ाने की मांग हो रही है। तो वहीं कुछ ही दिनों पहले कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ये आरोप लगाया था कि। उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कि दावा किया कि।
अर्जुन राम मेघवाल, केंद्रीय मंत्री
एससी और एसटी कल्याण के लिए निर्धारित 39,121 करोड़ रुपये में से 14,730 करोड़ रुपये से अधिक का इस्तेमाल कांग्रेस सरकार ने 2023 के विधानसभा चुनावों के दौरान अपनी गारंटी के तहत किए गए रियायतों को लागू करने के लिए किया है
यूपी के सांसद चंद्रशेखर आजाद ने भी ये मुद्दा उठाते हुए कहा था कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री को ये सुनिश्चित करना चाहिए कि एससी और एसटी समुदायों के कल्याण के लिए आवंटित फंड्स का उपयोग कानून के मुताबिक केवल उनके विकास के लिए किया जाना चाहिए। कांग्रेस की गारंटी योजनाओं के लिए फंड्स के डायवर्जन की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इतना ही नहीं कुछ ही दिनों पहले कर्नाटक सरकार ने चुनावी नतीजे आते ही पेट्रोल तीन रुपये और डीजल तीन रुपये दो पैसा प्रति लीटर महंगा कर दिया था। इसी बात से समझ सकते हैं कि राहुल गांधी ने कर्नाटक की जनता से जो पांच वादे किये थे। उसे पूरा करने के लिए कैसे कर्नाटक की कांग्रेस सरकार के पसीने छूट रहे हैं।