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Abdulla से दोस्ती करके बुरे फंसे Rahul Gandhi, BJP के ‘चाणक्य’ ने तो फंसा दिया

फारुख अब्दुल्ला की पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन को करारा जवाब देने के लिए मोदी ने भी अपने चाणक्य अमित शाह को मैदान में उतार दिया है जिन्होंने मोर्चा संभालते ही गांधी परिवार पर सवालों की ऐसी बौछार कर दी। जिसका जवाब देने में कांग्रेस के पसीने छूट जाएंगे।
Abdulla से दोस्ती करके बुरे फंसे Rahul Gandhi, BJP के ‘चाणक्य’ ने तो फंसा दिया

जम्मू कश्मीर में चुनावी शंखनाद के साथ ही सियासी वार पलटवार का खेल भी शुरू हो गया है। एक तरफ जहां कश्मीर की सत्ता हासिल करने के लिए अब्दुल्ला परिवार और गांधी परिवार एक साथ आ गया है। तो वहीं दूसरी तरफ इस गठबंधन को करारा जवाब देने के लिए मोदी ने भी अपने चाणक्य अमित शाह को मैदान में उतार दिया है। जिन्होंने मोर्चा संभालते ही गांधी परिवार पर सवालों की ऐसी बौछार कर दी, जिसका जवाब देने में कांग्रेस के पसीने छूट जाएंगे।

कश्मीर की रणभूमि पर शुरू हुई सियासी जंग

दरअसल साल 2014 के बाद पहली बार जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं और ये चुनाव जीतने के लिए कांग्रेस ने उस नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन कर लिया है। जिसके दिग्गज नेता फारुख अब्दुल्ला हों या उमर अब्दुल्ला। सभी ने जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का खूब विरोध किया था और आतंकवादियों को पालने वाले पाकिस्तान के साथ बातचीत के लिए लगातार वकालत करते रहे हैं।यही वजह है कि बीजेपी के चाणक्य कहे जाने वाले गृह मंत्री अमित शाह ने दस सवालों के जरिये कांग्रेस पर जोरदार पलटवार किया है। उन्होंने सोशल मीडिया पर राहुल गांधी से दस पूछते हुए कहा।

राहुल गांधी से अमित शाह के 10 सवाल

  1.  क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के लिए अलग झंडे के नेशनल कॉन्फ्रेंस के वादे का समर्थन करती है?
  2. क्या राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी अनुच्छेद 370 और 35A को बहाल करने के JKNC के फैसले का समर्थन करते हैं, और इस तरह जम्मू-कश्मीर को अशांति और आतंकवाद के युग में वापस धकेलना चाहते हैं?
  3. क्या कांग्रेस कश्मीर के युवाओं के बजाय पाकिस्तान के साथ बातचीत करके फिर से अलगाववाद को बढ़ावा देने का समर्थन करती है?
  4.  क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी पाकिस्तान के साथ 'एलओसी व्यापार' शुरू करने के नेशनल कॉन्फ्रेंस के फैसले का समर्थन करती है, जिससे सीमा पार आतंकवाद और उसके पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा मिलता है?
  5.  क्या कांग्रेस आतंकवाद और पत्थरबाजी में शामिल लोगों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में बहाल करने का समर्थन करती है, जिससे आतंकवाद, उग्रवाद और हड़तालों का युग वापस आ जाता है?
  6.  गठबंधन ने कांग्रेस पार्टी के आरक्षण विरोधी रुख को उजागर कर दिया है। क्या कांग्रेस दलितों, गुज्जरों, बकरवालों और पहाड़ी समुदायों के लिए आरक्षण समाप्त करने के जेकेएनसी के वादे का समर्थन करती है, जिससे उन पर अन्याय होगा?
  7.  क्या कांग्रेस चाहती है कि 'शंकराचार्य हिल' को 'तख्त-ए-सुलेमान' और 'हरि हिल' को 'कोह-ए-मारन' के नाम से जाना जाए?
  8.  क्या कांग्रेस जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भ्रष्टाचार में धकेलने और इसे चुनिंदा पाकिस्तान समर्थित परिवारों को सौंपने की राजनीति का समर्थन करती है?
  9.  क्या कांग्रेस पार्टी जम्मू और घाटी के बीच भेदभाव की जेकेएनसी की राजनीति का समर्थन करती है?
  10.  क्या कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी कश्मीर को स्वायत्तता देने की जेकेएनसी की विभाजनकारी राजनीति का समर्थन करती है?

एक वक्त था जब जम्मू कश्मीर की सड़कों पर सरेआम पत्थर बरसाए जाते थे, लाल चौक पर पाकिस्तानी झंडे लहराए जाते थे। अनुच्छेद 370 की वजह से कश्मीर में अलग झंडा फहराया जाता था। लेकिन साल 2014 में जब मोदी सरकार केंद्र की सत्ता में आई तो। जम्मू कश्मीर के हालात में सुधार नजर आने लगें। धीरे पत्थरबाजी की घटनाएं बंद हो गईं। अनुच्छेद 370 के खात्मे के बाद तो अब कश्मीर में दो झंडा नहीं, सिर्फ और सिर्फ तिरंगा लहराता। और लाल चौक पर भी पाकिस्तानी झंडा नहीं, हिंदुस्तानी तिरंगा लहराता है। यही वजह है कि कांग्रेस ने जब फारुख अब्दुल्ला की पार्टी के साथ गठबंधन किया तो अमित शाह ने सीधे राहुल गांधी से सवाल पूछ लिया कि क्या वो जम्मू कश्मीर के लिए अलग झंडे का समर्थन करते हैं। क्या वो एक बार फिर जम्मू कश्मीर को आतंकवाद और अशांति के दौर में धकेलना चाहते हैं। अमित शाह ने ऐसे दस सवाल कांग्रेस पर दागे हैं। अब देखना ये है कि अमित शाह के सवालों का जवाब राहुल गांधी कब देते हैं।

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