प्राण-प्रतिष्ठा पर 'नाच-गाने' वाली टिप्पणी कर बुरे फंसे राहुल गांधी, संत-समाज ने जताया रोष
राहुल गांधी के इस बयान के सामने आते इस पर विवाद शुरू हो गया है। एक तरफ़ जहाँ बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी के को निंदा की तो वही दूसरी तरफ़ देश का संत समाज भी इस बयान को लेकर कांग्रेस नेता पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक बार फिर ऐसा बयान दे दिया है। जिसको सुनने के बाद सिर्फ़ बीजेपी नहीं बल्कि प्रभु श्री राम को पूजने वाले सभी आस्थवान स्तब्ध रह गए। राहुल गांधी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए हिसार में जनसभा को सम्बोधित करते हुए राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा समारोह का जीकर करते हुए इसे 'नाच-गाने' का कार्यक्रम बताया था, राहुल गांधी के इस बयान के सामने आते इस पर विवाद शुरू हो गया है। एक तरफ़ जहाँ बीजेपी नेताओं ने राहुल गांधी के को निंदा की तो वही दूसरी तरफ़ देश का संत समाज भी इस बयान को लेकर कांग्रेस नेता पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है।
राहुल गांधी के बयान को साधु-संतो ने बताया अज्ञानता का कारण
प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर राहुल गांधी द्वारा दिए गए इस विवादित बयान के सामने आते ही अयोध्या-काशी से लेकर देशभर के साधु-संतो ने इस बयान पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि र"राहुल गांधी के ये बयान बेहद की ग़ैर ज़िम्मेदाराना है वें अपनी अज्ञानता को दूर करें,प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम ने सनातन धर्म के 159 संप्रदायों के अनुयाई शामिल हुए थे। वनवासी समाज के 59 अनुयाई कार्यक्रम में शामिल हुए थे।समाज का हर तबका कार्यक्रम में मौजूद था। इस समारोह में सिर्फ मजदूर ही नहीं डोम राजा तक को निमंत्रण था और जो जो कलाकार कार्यक्रम में आए थे वो भगवान राम को अपनी स्तुति सुनाने आए थे नाच गाना करने नहीं।" इसके साथ ही अयोध्या श्री हनुमान गढ़ी ने महंत राजू दास ने भी इस बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राहुल गांधी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके है। उनको पागल खाने में भर्ती होना चाहिए। 500 वर्षों की तपस्या के बाद ये पल आया था। और ऐसे में राहुल गांधी का इस समारोह को 'नाच-गाने' का समारोह बताना ये बताता है कि कांग्रेस पार्टी जैसे शुरू से राम और सनातन की विरोधी रही आज भी वैसे ही राम विरोधी है। वही अयोध्या श्री मणिरामदास जी की छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास ने भी राहुल गांधी को लेकर कह दिया कि वो अब अनर्गल टिप्पणी के लिए कुख्यात हो चले हैं। वह कृपया राम मंदिर और रामनगरी से दूरी बनाकर रखें।
राहुल गांधी ने क्या बोला जो मच गया घमासान
हरियाणा की चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी पर तंज कसते हुए राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दे दिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि "अयोध्या में हारे क्यों? आपने राम मंदिर खोला। सबसे पहले राष्ट्रपति को कहा कि आप आदिवासी हो, आप अंदर नहीं जा सकतीं। आपको अलाउ नहीं है। उसके बाद अमिताभ बच्चन, अदाणी-अंबानी को बुला लिया। किसी एक मजदूर को आने नहीं दिया। आपने बढ़ई को देखा, किसान को देखा, मजदूर को देखा, कोई नहीं था। वहां नाच गाना चल रहा था। प्रेस वाले हाय-हाय कर रहे थे। पूरा हिंदुस्तान डांस कर रहा है। यही रियल्टी है आपकी।" इसके साथ ही उन्होंने ये भी फ़ैज़ाबाद से सपा सांसद अवधेश प्रसाद का नाम लेते हुए कहा प्राण-प्रतिष्ठा में जो कुछ हुआ उसके वजह से ही अवधेश ने इनको पटका।"
कब हुआ था प्राण-प्रतिष्ठा का कार्यक्रम
अयोध्या में भव्य-नव्य और दिव्य राम मंदिर बनने के बाद 22 जनवरी 2024 को विधि विधान से प्राण-प्रतिष्ठा की पूजा संपन्न हुई थी। इस कार्यक्रम की साक्षी पूरी दुनिया बनी थी। ऐसे में अब राहुल गांधी के बयान पर कई सवाल उठ रहे है क्या ये सच नहीं है श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने समाज के हर वर्ग को आमंत्रित किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ख़ुद वहाँ निर्माण कार्य करने वाले मज़दूरों पर पुष्पवर्षा की थी। क्या ये सच्चाई नहीं के की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पूरे विधि-विधान से राम मंदिर में दर्शन-पूजन किया, राम मंदिर प्राण-प्रतिष्ठा के बाद कुछ ही महीनो के भीतर वहाँ करोड़ों की संख्या में श्रद्धालुओं ने दर्शन किया। क्या ट्रस्ट ने किसी की जाति पूछी। इन तमाम सवालों के जवाब शायद राहुल गांधी को भी पता होंगे लेकिन फिर भी उनका ये बयान हिंदू और सनातन को लेकर कांग्रेस पार्टी की विचारधारा को प्रदर्शित करता है।