Modi से नफरत में Rahul Gandhi ने तो हद ही पार कर दी, सुनिये क्या कर रहे हैं ?
मोहब्बत की दुकान चलाते चलाते ...राहुल गांधी लगता है नफरत का धंधा करने लगे हैं। इसीलिए पीएम मोदी से नफरत करते-करते भगवान राम के भव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा से भी नफरत करने लगे हैं। और नफरत भी ऐसी है कि जिस राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए भव्य समारोह आयोजित किया गया, उसमें सोनिया गांधी और राहुल गांधी को भी बुलाया गया। लेकिन उस राम मंदिर का न्योता ठुकराने वाले यही राहुल गांधी आज प्राण प्रतिष्ठा समारोह को नाच-गाने का कार्यक्रम बता रहे हैं। बात यहीं खत्म नहीं होती। उन्होंने तो यहां तक आरोप लगा दिया कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में गरीब मजदूरों को नहीं बुलाया गया। ये आरोप लगाते वक्त राहुल गांधी ने शायद ये नहीं देखा होगा कि जिन मजदूरों ने राम मंदिर के निर्माण के लिए अपना पसीना बहाया, उन पर खुद पीएम मोदी ने प्राण प्रतिष्ठा के दिन गुलाब के फूल बरसाकर उनका सम्मान किया था।
अब राहुल गांधी को ये बात कौन बताए कि इन मजदूरों से गरीब भला कौन होगा? लेकिन इसके बावजूद राहुल गांधी कहते हैं कि किसी गरीब मजदूर को प्राण प्रतिष्ठा में नहीं बुलाया गया। बात यहीं खत्म नहीं होती। अब जरा राहुल गांधी का दूसरा झूठ देखिए। उन्होंने सरेआम जनता से झूठ बोलते हुए कहा कि देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदिवासी हैं, इसीलिए उन्हें राम मंदिर में घुसने नहीं दिया गया। जबकि हकीकत ये है कि खुद राष्ट्रपति मुर्मू गर्भ गृह के पास जाकर भगवान राम के दर्शन कर चुकी हैं।
अब या तो राहुल गांधी को वाकई में दिखाई नहीं देता है, या फिर वो मोदी से नफरत में इस कदर अंधे हो गए हैं कि जानबूझकर देखना नहीं चाहते हैं कि हमारे देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने खुद गर्भ गृह में जाकर राम लला के दर्शन किए। इसीलिए वो इस बात को मुद्दा बना रहे हैं और देश की जनता से भी झूठ बोल रहे हैं कि आदिवासी समाज से होने की वजह से राष्ट्रपति को मंदिर में जाने नहीं दिया गया। एक बार फिर सुन लीजिए राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के नाम पर राहुल गांधी कैसे झूठ फैला रहे हैं।
जिस अयोध्या का नाम भी राहुल गांधी ठीक से ले नहीं पा रहे हैं, उस अयोध्या में भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समारोह को नाच-गाने का कार्यक्रम बता कर ना जाने क्या-क्या झूठी अफवाह फैला रहे हैं। और ये सब क्यों हो रहा है? पता है आपको? क्योंकि अयोध्या वालों ने बीजेपी को हरा दिया। बस इसी बात से राहुल गांधी इतने खुश नजर आ रहे हैं कि अब तक कई बार ये बात बोल चुके हैं कि बीजेपी अयोध्या हार गई।
जिस राहुल गांधी को पूरी कांग्रेसी जमात हिंदू बताने में जुटी रहती है, वो राहुल गांधी आखिर राम मंदिर से इतनी नफरत क्यों करने लगे हैं? ये नफरत क्या सिर्फ इसलिए है क्योंकि पीएम मोदी प्राण प्रतिष्ठा समारोह में मौजूद थे? क्योंकि इससे पहले जब देश की नई संसद का उद्घाटन कार्यक्रम था, उस वक्त भी राहुल गांधी समेत तमाम कांग्रेसी नेताओं ने सिर्फ इसीलिए उद्घाटन समारोह का बहिष्कार कर दिया था, क्योंकि इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने किया था। पीएम मोदी से नफरत में कांग्रेस आखिर और कितना गिरेगी?