Rahul Gandhi ने एक बार फिर विदेशी धरती से गिनाई भारत की कमियां,चीन की तारीफों के बांध दिए पुल
कांग्रेस के दिग्गज नेता और सांसद राहुल गांधी इस वक़्त अमेरिका के दौरे पर है यहां टेक्सास के डैलस में एक कार्यक्रम राहुल गांधी ने भारत को लेकर कई बातें रखी है, इसमें उन्होंने रोज़गार, शिक्षा, टेक्नोलॉजी के मुद्दों पर बात की और अपने भारत जोड़ो यात्रा के अनुभव को भी साझा किया है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी विदेशी दौरे पर जब भी जाते है तो उनका कोई न कोई ऐसा बयान सामने आता है जो सुर्ख़ियो में रहता है। ऐसे में एक बार फिर कांग्रेस सांसद ने ऐसा बयान दिया है जिसको लेकर सत्ताधारी भाजपा उन्हें बड़ी ही आसानी से घेर सकती है। दरअसल राहुल गांधी इस वक़्त तीन दिवसीय यात्रा पर अमेरिका पहुंचे हुए है, टेक्सास यूनिवर्सिटी में राहुल ने छात्रों के साथ संवाद करते हुए टिप्पणी की है कि 'देवता का अर्थ ईश्वर नहीं है'। अब राहुल गांधी के इस बयान को लेकर चर्चाओं का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इसके साथ ही कांग्रेस राहुल ने रोज़गार के मामले में चीन की तरेफ करते हुए बेरोजगारी, शिक्षा और टेक्नोलॉजी के मुद्दों पर बात अपनी बात रखी है।
'देवता' शब्द पर राहुल गांधी का बड़ा बयान
टेक्सास के डैलस में एक कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 'देवता' शब्द को लोग ईश्वर से जोड़कर देखते है। उन्होंने कहा भारत में देवता का मतलब वास्तव में एक ऐसा व्यक्ति है जिसकी आंतरिक भावनाएं उसकी बाहरी अभिव्यक्ति के समान ही हैं, जिसका अर्थ है कि वो पूरी तरह से पारदर्शी व्यक्ति है, इसका मतलब भगवान नहीं है। राहुल गांधी ने आगे कहा ऐसे में अगर कोई व्यक्ति मुझे वो सब कुछ बताता या समझाता है जो वो मानता है या सोचता है। और इसे खुलकर व्यक्त करता है, तो वो है देवता कि परिभाषा, उन्होंने यह भी कहा कि हमारी राजनीति के बारे में दिलचस्प बात ये है कि आप अपने विचारों को कैसे दबाते हैं, आप अपने डर, लालच या महत्वाकांक्षाओं को कैसे दबाते हैं और दूसरे लोगों के डर और महत्वाकांक्षाओं का निरीक्षण कैसे करते हैं।
राहुल गांधी ने चीन की कर दी तारीफ़
टेक्सास में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक बार फिर से राहुल गांधी ने भारत की कमियों को गिनते हुए दुश्मन देश चीन की तारीफ़ की है। राहुल ने रोज़गार के मुद्दे पर बात करते हुए कहा कि पश्चिम देशों में रोज़गार की समस्या है , भारत में रोज़गार की समस्या है लेकिन दुनिया में आज भी कई ऐसे देश है जहां रोज़गार की समस्या नहीं है। उन्होंने कहा की चीन में निश्चित तौर पर रोज़गार की कोई समस्या नहीं है। इसी तरह वियतनाम में भी बेरोज़गारी का मुद्दा नहीं है। इस कड़ी में राहुल गांधी ने बेरोज़गारी के कारण युवाओं के सामने आने वाली मुसीबत और समस्याओं पर भी बात की और कहा उत्पादन के कार्य से नौकरियां पैदा होती हैं। लेकिन भारत उपभोग को व्यवस्थित करता है, यही चिंता का सबसे बड़ा कारण है।
वैश्विक उत्पादन में चीन का कैसे बना क़ब्ज़ा
राहुल गांधी ने चीन को लेकर महत्वपूर्ण बात करते हुए कहा कि आज चीन का विश्विक उत्पादन में पूरी तरह से क़ब्ज़ा है। राहुल गांधी ने कहा एक दौर था जब अमेरिका समेत पश्चिम के देशों ने उत्पादन का नेतृत्व किया लेकिन पिछले कुछ दशकों में उत्पादन का नेतृत्व धीरे-धीर अमेरिका से दक्षिण कोरिया, जापान और अंततः चीन में करने लगा और आज चीन वैश्विक उत्पादन में हावी है। राहुल गांधी ने कहा अगर भारत को रोज़गार की समस्या से उबरना है तो भारत को उत्पादन और इसको सबसे पहले व्यवस्थित करने के बारे में विचार करना होगा और जब तक हम ऐसा नहीं करेंगे, हमें उच्च स्तर की बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा।
भारत जोड़ो यात्रा का अनुभव किया साझा
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का भी ज़िक्र किया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा ने उनके राजनीतिक दृष्टिकोण को नया रूप दिया है। उन्होंने कहा की इस यात्रा का मेरा मुख्य उद्देश्य राजनीति में प्यार को पेश करना था। इस पूरे सफ़र में उन्हें बहुत सुख और नए-नए अनुभव और लोगों की ज़मीनी समस्याओं के बारे में पता चला। उन्होंने आगे कहा इस यात्रा का सबसे महत्वपूर्ण बात यह समझ आई की राजनीति में प्रेम की अवधारणा को लागू किया जा सकता है। इसका जनता पर बहुत ही सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और लोग आपके साथ जुड़ते हैं। इसके साथ ही एक बार फिर मीडिया पर निशाने पर लेते हुए राहुल गांधी ने आगे यह भी बताया कि जनता से हमारे संवाद के रास्ते बंद थे सांसद में बोली गई उनकी बात लोगों तक नहीं पहुंचती थी मीडिया भी नज़रंदाज़ करता था ऐसे में उनकी टीम ने भारत जोड़ो यात्रा का प्रोग्राम बनाया और चार हज़ार किलोमीटर की सफल यात्रा हुई जिसका लाभ मिला।