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Speaker पर Mic बंद करने के आरोप लगा रहे Rahul Gandhi को एक कांग्रेसी सांसद ने ही फंसा दिया

जिस कांग्रेस के नेता राहुल गांधी साल 2004 से लगातार पांचवीं बार चुन कर लोकसभा आए ।वही राहुल गांधी मोदी सरकार को कोसते कोसते अब लोकसभा के अध्यक्ष पर माइक की आवाज बंद करने जैसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं। वो भी नेता विपक्ष जैसे जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद। लेकिन ये आरोप उन्हें जल्द ही भारी पड़ गया। जब बीच सदन में कांग्रेस सांसद ने ही राहुल गांधी के आरोपों की बखिया उधेड़ कर रख दी।
Speaker पर Mic बंद करने के आरोप लगा रहे Rahul Gandhi को एक कांग्रेसी सांसद ने ही फंसा दिया
Rahul Gandhi: लोकसभा से लेकर राज्य सभा तक।माइक की आवाज को लेकर जबरदस्त घमासान मचा हुआ है। हैरानी की बात तो ये है कि जिस कांग्रेस ने दशकों तक देश पर राज किया।जिस कांग्रेस के नेता Rahul Gandhi साल 2004 से लगातार पांचवीं बार चुन कर लोकसभा आए। वही राहुल गांधी मोदी सरकार को कोसते कोसते अब लोकसभा के अध्यक्ष पर माइक की आवाज बंद करने जैसे गंभीर आरोप लगा रहे हैं।वो भी नेता विपक्ष जैसे जिम्मेदार पद पर होने के बावजूद। लेकिन ये आरोप उन्हें जल्द ही भारी पड़ गया। जब बीच सदन में कांग्रेस सांसद ने ही राहुल गांधी के आरोपों की बखिया उधेड़ कर रख दी।



दरअसल संसद चलाने के लिए कुछ नियम कानून बनाये गये हैं। उसी के तहत लोकसभा में अध्यक्ष और राज्य सभा में सभापति सदन का संचालन करते हैं। जहां तक सांसदों की सीट पर लगे माइक का सवाल है। तो माइक बंद करने या फिर चालू करने का निर्देश तो लोकसभा अध्यक्ष ही देते हैं। वो भी नियमों के तहत। स्पीकर के पास ऐसा कोई बटन या रिमोट नहीं होता। कि वो जब चाहें किसी सांसद का माइक बंद कर दें। या फिर चालू कर दें ।उनका काम सिर्फ निर्देश देने का होता है। और ये बात नए नए नेता विपक्ष बने राहुल गांधी भी अच्छी तरह से जानते होंगे । क्योंकि वो साल 2004 से लगातार पांचवीं बार सांसद बने हैं ।लेकिन इसके बावजूद उन्होंने मोदी सरकार पर विपक्ष की आवाज दबाने का आरोप लगाने के लिए सीधे स्पीकर को ही निशाने पर ले लिया। 28 जून को ही सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट करते हुए कांग्रेस ने लिखा। "जहां एक ओर नरेंद्र मोदी NEET पर कुछ नहीं बोल रहे, उस वक्त विपक्ष के नेता राहुल गांधी जी युवाओं की आवाज सदन में उठा रहे हैं, लेकिन ऐसे गंभीर मुद्दे पर माइक बंद करने जैसी ओछी हरकत करके युवाओं की आवाज को दबाने की साजिश की जा रही है"

कांग्रेस के आरोपों पर उस वक्त भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने मुंहतोड़ जवाब देते हुए कहा था कि माइक मैं बंद नहीं करता हूं यहां कोई बटन नहीं होता है। लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस आरोप लगाने से बाज नहीं आ रही है। सोमवार को भी दोनों सदनों में माइक बंद करने का मुद्दा गरमाने लगा। जिससे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला इस कदर आहत हो गये कि उन्होंने सदन में सभी सांसदों से कहा कि कम से कम माइक बंद करने के आरोप ना लगाएं। क्योंकि स्पीकर के पास माइक का कोई बटन या रिमोट नहीं होता है।

नेता विपक्ष राहुल गांधी की ओर से लगातार माइक बंद करने के आरोप लगाए जाने पर स्पीकर ओम बिरला ने कुछ इसी तरह से उन्हें ये बात अच्छी तरह से समझा दी कि।आसन पर बैठे व्यक्ति के पास माइक का कंट्रोल नहीं रहता है। आसन की व्यवस्था के अनुसार माइक का कंट्रोल चलता है। और ये बात कांग्रेस के ही सांसद के सुरेश भी अच्छी तरह से जानते हैं जो स्पीकर ओम बिरला की गैरमौजूदगी में सदन चलाते हैं। यही वजह है कि माइक बंद करने का आरोप लगाने वाले राहुल गांधी को जवाब देते हुए स्पीकर ओम बिरला ने सीधे के सुरेश का ही नाम ले लिया। और उन्हीं से पूछ लिया कि आप भी मेरी गैरमौजूदगी में सदन चलाते हैं। क्या स्पीकर के पास माइक का कंट्रोल होता है। जिस पर राहुल गांधी के बगल में ही बैठे कांग्रेस सांसद के सुरेश ने ना में जवाब दिया।

एक तरफ जहां राहुल गांधी पर स्पीकर पर माइक बंद करने के आरोप लगा रहे थे। तो वहीं दूसरी तरफ उन्हीं की पार्टी के सांसद के सुरेश ने उनके इन आरोपों को झूठा साबित करते हुए कह दिया कि स्पीकर के पास ऐसा कोई बटन नहीं होता। जिससे वो राहुल गांधी या फिर किसी और सांसद की माइक बंद कर सकें।और ये बात के सुरेश अच्छी तरह से जानते हैं ।क्योंकि स्पीकर ओम बिरला की गैरमौजूदगी में वो भी सदन चलाते हैं। और अगर वाकई स्पीकर की सीट के पास माइक का बटन होता। फिर तो राहुल गांधी के मुताबिक के सुरेश भी बीजेपी सांसदों के माइक बंद कर सकते हैं ।लेकिन नहीं । ऐसा नहीं होता है। क्योंकि लोकसभा में सांसदों की माइक के संचालन की जिम्मेदारी लोकसभा सचिवालय के कर्मचारियों के पास होती है। जबकि राज्यसभा में माइक का संचालन राज्यसभा सचिवालय के कर्मचारी करते हैं। और ये बात राहुल गांधी भी अच्छी तरह से जानते होंगे ।लेकिन इसके बावजूद उन्होंने जिस तरह से माइक बंद करने का मुद्दा उठाया है। 
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