आरक्षण की सच्चाई सुन भागे राहुल, बिफर पड़ी मायावती, कांग्रेस के छूटे पसीने
यहां राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) का वो बयान याद करिए जब राहुल ने कहा था कि देश में केरोसिन फैला हुआ है, बस चिंगारी लगाने की देर है।फिर आंदोलनजीवी राकेश टिकैत का बयान याद करिए कि जो काम बांग्लादेश में हुआ है वो हम भी कर सकते थे।2021 में जो भीड़ लाल किले की तरफ गई थी, अगर वो संसद की तरफ चली जाती, टिकैत जैसों का अचानक से टरटराना ठीक संदेश नहीं है।और उसके बाद भारत बंद के नाम पर तांड़व करना, सब एक संयोग तो नहीं हो सकता है।लेकिम कुछ लोग इस देश विरोधी साजिश को समझ नहीं पा रहे है।ऐसे लोगों को समझाने के लिए मायावती ने कमान संभाली है। बताया है कांग्रेस पार्टी की आरक्षण पर हकीकत क्या है जो पार्टी बाबा साहेब को सम्मान नहीं दे पाई। वो पार्टी संविधान को हाथ में लेकर खिलवाड़ से ज्यादा और कर ही क्या सकती है।
लंबे वक्त से मौन धारण करें हुई मायावती यूपी में होने वाले उपचुनाव में कुछ ज्यादा सक्रिय दिखाई दे रही है।मायावती ने राहुल को उधेड़ते हुए एक्स पर लिखा - कल प्रयागराज में संविधान सम्मान समारोह करने वाली कांग्रेस पार्टी को बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर के अनुयायी कभी माफ नहीं करेंगे, जिसने संविधान के मुख्य निर्माता बाबा साहेब को उनके जीते-जी व देहान्त के बाद भी भारतरत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया।साथ ही, बाबा साहेब की मूवमेन्ट को गति देने वाले मान्य. श्री कांशीराम जी का देहान्त होने पर इसी कांग्रेस ने केन्द्र में अपनी सरकार के रहते इनके सम्मान में एक दिन का भी राष्ट्रीय शोक तथा सपा सरकार ने भी राजकीय शोक घोषित नहीं किया। इनकी ऐसी दोगली सोच, चाल, चरित्र से जरूर सजग रहें।
आज कांग्रेस और उसके साथी बीजेपी को हराने के लिए कितना भी घोड़े दौड़ा रहे हो लेकिन असल सच्चाई यही है कि कांग्रेस हमेशा से संविधान की विरोधी ही रही है।2011 में कांग्रेस ने जो गणना करवाई थी, कहां है उसके आंकडे बताए राहुल गांधी, कर्नाटक में जो जाति जनगणना हुई थी कहां है उसके आंकड़े राहुल के पास जवाब नहीं है।लोगों की संपत्तियों का एक्स-रे करवाने वाले राहुल, विरासत टैक्स की बात करने वाले सैम अंकल,यहीं कांग्रेस की सच्चाई है।लेकिन कुछ लोग सत्ता के लालच में आंखों पर पट्टी बांधे हुए है,कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है विकास के लिए पैसा नहीं है, हिमाचल में कांग्रेस की सरकार है विकास के लिए पैसा नहीं है। क्योंकि फ्री की रेवडिया देकर सरकार तो बना ली लेकिन चला नहीं पा रहे है।
लोकसभा चुनाव से पहले से आरक्षण को खत्म करने की का झूठा नैरेटिव खूब चलाया गया।लेकिन काम नहीं आया, उसके बाद सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया कि कोटे में कोटा दिया जा सकता है, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद विपक्ष को लगा मानों संजीवनी मिल गई।टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट की थी और आरोप बीजेपी पर मढ दिया कि बीजेपी आरक्षण खत्म करना चाहती है।दलित समाज को बांटना चाहती है, लेकिन सच्चाई् ये है कि जो मलाई चाट रहे है वो उसे दुसरे आर्थिक तौर पर पिछड़े लोगों के साथ बांटना नहीं चाहते।राहुल से अखिलेश और चंद्रशेखर ने खूब छाती पीटी और जो माहौल देश में बनाया जा रहा है वो बांग्लादेश में हुए तख्तापलट से बनाया जा रहा है।ये लोग यहीं चाहते है लेकिन ऐसे लोग शायद भूल जाते है कि झूठ की उम्र ज्यादा नहीं होती, और इनके झूठ का घड़ा अब रिसने लगा है, बस फूटना बाकी है ।