डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के 68वें पुण्यतिथि की तैयारियों को लेकर राज्यमंत्री रामदास आठवले ने की ख़ास बैठक
डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के 68वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले के साथ तमाम अधिकारियों ने मीटिंग की और रणनीतियां बनाई।
महामानव डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के 68वें महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर 6 दिसंबर को मुंबई के चैत्यभूमि पर लाखों आंबेडकरी अनुयायियों के आगमन की तैयारी के तहत राज्य सरकार, मुंबई महापालिका, पुलिस प्रशासन, रेलवे प्रशासन, जिलाधिकारी और अन्य संबंधित अधिकारियों की संयुक्त समीक्षा बैठक आज सह्याद्री अतिथि गृह, मलबार हिल, मुंबई में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता रिपब्लिकन पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्यमंत्री रामदास आठवले ने की। इस दौरान मुंबई के पालक मंत्री दीपक केसरकर, डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महापरिनिर्वाण समन्वय समिति के पदाधिकारी और रिपब्लिकन पार्टी के कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।
बैठक में 6 दिसंबर को चैत्यभूमि पर लाखों अनुयायियों के आगमन के मद्देनजर विभिन्न व्यवस्थाओं पर चर्चा की गई। यह दिन आंबेडकरी अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है, इसलिए सुरक्षा और सुविधाओं की दृष्टि से व्यापक तैयारियां की जा रही हैं। रामदास आठवले ने सभी संबंधित विभागों को निर्देश दिए कि अनुयायियों के लिए सुचारू परिवहन, स्वच्छता, पेयजल, चिकित्सा सेवाएं, और भोजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। विशेषकर चैत्यभूमि पर भीड़ नियंत्रण और सुरक्षा के लिए पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों की तैनाती पर जोर दिया गया।
रेलवे प्रशासन को भी निर्देश दिए गए कि 6 दिसंबर के दिन मुंबई के विभिन्न स्टेशनों पर अतिरिक्त रेल सेवाएं और विशेष ट्रेनें चलाई जाएं ताकि अनुयायियों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। मुंबई महापालिका को चैत्यभूमि क्षेत्र और उसके आसपास के इलाकों की सफाई व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्देश दिया गया। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध किया गया कि चिकित्सा सेवाओं के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एंबुलेंस और डॉक्टरों की विशेष टीम चैत्यभूमि के आसपास तैनात की जाए।
बैठक के अंत में रामदास आठवले ने कहा कि डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के महापरिनिर्वाण दिवस के अवसर पर आने वाले सभी अनुयायियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा जाएगा, और इस ऐतिहासिक दिन को शांति और अनुशासन के साथ मनाया जाएगा।