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दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता ने ली शपथ, मंच से बीजेपी ने दिखाई 'NDA' की शक्ति

दिल्ली की सत्ता में पिछले दो दशक से भी लंबे अंतराल से वनवास काट रही बीजेपी का राज अब वापस आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
दिल्ली की नई मुख्यमंत्री के रूप में रेखा गुप्ता ने ली शपथ, मंच से बीजेपी ने दिखाई 'NDA' की शक्ति
दिल्ली की सत्ता में पिछले दो दशक से भी लंबे अंतराल से वनवास काट रही बीजेपी का राज अब वापस आ गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में रेखा गुप्ता ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। राजधानी के ऐतिहासिक रामलीला मैदान में दिल्ली के उप राज्यपाल वीके सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। इस दौरान प्रवेश वर्मा, मंजिंदर सिंह सिरसा समेत छह नेताओं ने मंत्री पद की शपथ ली। इस दौरान बीजेपी ने एनडीए गठबंधन की एकता का शक्ति प्रदर्शन भी किया।  

रामलीला मैदान में शपथ ग्रहण समारोह के लिए तीन अलग-अलग मंच तैयार किए गए। मुख्य मंच पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मनोनीत मुख्यमंत्री और मंत्रिपरिषद के सहयोगी सदस्य, और एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और डिप्टी सीएम भी उपस्थित रहे। दूसरे मंच पर धर्मगुरुओं और विशिष्ट अतिथि मौजूद थे, जबकि तीसरे मंच पर संगीत कार्यक्रम से जुड़े कलाकार मौजूद थे। इस समारोह में शामिल होने के लिए बीजेपी समेत एनडीए शासित राज्यों के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गर्मजोशी के साथ अपने सभी नेताओं से बीतचीत की। रेखा गुप्ता के अलावा प्रवेश वर्मा, कपिल मिश्रा, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंद्र इंद्राज, आशीष सूद, पंकज कुमार ने मंत्री पद की शपथ ली। 


बता दें कि बुधवार शाम विधायक दल की बैठक में रेखा गुप्ता को सीएम चुना गया था। सीएम चुने जाने के बाद पहली बार मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, "पीएम मोदी ने जो दिल्ली की जनता के लिए विजन दिया है, उसे पूरा करना मेरी प्राथमिकता होगी। पीएम मोदी का तहे दिल से आभार जताना चाहती हूं कि यह सम्मान सिर्फ मेरा नहीं है, बल्कि यह देश की हर मां-बेटी का सम्मान है।" रेखा गुप्ता दिल्ली की शालीमार बाग सीट से पहली बार विधायक चुनी गई हैं। उन्होंने 'आप' की बंदना कुमारी को 29,595 मतों के अंतर से हराया था।


गौरतलब है कि 8 फरवरी को दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजे आए थे। भाजपा को 26 साल बाद ऐतिहासिक जीत मिली थी। उसने 70 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि आम आदमी पार्टी 22 पर सिमट गई।
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