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महाराष्ट्र चुनाव में महायुती की नैय्या पार लगाने के लिए RSS ने बना दी 'स्पेशल टोलियां', जानिए क्या है पूरा प्लान

बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति के पक्ष में माहौल बनाने का जिम्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने संभाल लिया है और इसके लिए बड़े पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम की शुरुआत भी कर दी गई है।
महाराष्ट्र चुनाव में महायुती की नैय्या पार लगाने के लिए RSS ने बना दी 'स्पेशल टोलियां', जानिए क्या है पूरा प्लान
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में लिए मतदान होने के लिए कुछ ही दिनों का समय बचा है। इस चुनाव में सत्ताधारी महायुती और महाविकास अघाड़ी के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। ऐसे में बीजेपी के नेतृत्व वाली महायुति के पक्ष में माहौल बनाने का जिम्मा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानी आरएसएस ने संभाल लिया है और इसके लिए बड़े पैमाने पर संपर्क कार्यक्रम की शुरुआत भी कर दी गई है। राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक संघ अपने सहयोगी संगठनों के साथ सामंजस्य से बैठकर लोगों से बातचीत करने की शुरुआत कर दी है और एक बड़े पैमाने पर जनसंपर्क अभियान भी रस की तरफ से चलाया जाएगा। 


दरअसल, बीते लोकसभा चुनाव में महाराष्ट्र महाराष्ट्र के अंदर महायुती गठबंधन को काफी नुकसान हुआ था। इस नुकसान के भरपाई करने के लिए विधानसभा चुनाव में जहां महायुवती गठबंधन के अंदर शामिल दल पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में ताल ठोक रहे है। वही बीजेपी की बैकबोन यानि राष्ट्रीय स्वयं संघ ने सत्ताधारी गठबंधन को इस चुनाव में प्रचंड जीत दिलाने की अहम जिम्मेदारी को अपने कंधे पर उठा लिया है। सूत्रों के मुताबिक संघ पूरे राज्य में टोलियाँ बनाई है,जो अलग-अलग इलाकों में जाकर लोगों को संदेश देने का काम करेगी। प्रत्येक टोली में 5 से 10 लोगों के छोटे ग्रुप के साथ बैठक करेगी, जिसमें लोगों से बातचीत के दौरान सीधे तौर पर भाजपा का समर्थन तो नहीं बल्कि राष्ट्रीय हित हिंदुत्व ,सुशासन, विकास लोक कल्याण और समाज से जुड़े विभिन्न परियोजनाओं के मुद्दे पर चर्चा करते हुए लोगों की राय देकर अप्रत्यक्ष तौर पर भाजपा के लिए काम करेगी। बताते चलें कि संघ ने टोलियाँ बनाने से पहले अपने सहयोगी संगठनों के पदाधिकारी के साथ मिलकर सभी स्तरों पर समन्वय बैठक की थी। बताते चले कि हाल ही में हरियाणा विधानसभा चुनाव में संघ की तरफ से बनाई गई टोलियां ने इसी तरह के बैठक की थी और अब महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए भी संघ ने अपने सहयोगी संगठनों के साथ इस तरीके की बैठक करने का विशेष ख़ाका तैयार किया है। 

हरियाणा में कैसे संघ ने की थी मदद

हरियाणा विधानसभा चुनाव के पहले यह क़यास लगाए जा रहे थे कि भाजपा के लिए एंटी इनकंबेंसी समेत कई ऐसे मुद्दे हैं जिससे राज्य में बीजेपी की वापसी की राह को मुश्किल कर रहा था लेकिन चुनाव के बाद जिस तरीके से नतीजे सामने आए उसमें बीजेपी की प्रचंड जीत जीत हुई। इस नतीजे के पीछे भी संघ की रणनीति ने बड़ा काम किया था सूत्रों की माने तो हरियाणा में बनाई गई संघ कार्यकर्ताओं की टोलियां ने राज्य भर में सवा लाख से अधिक छोटी-छोटी बैठक की थी इन बैठकों में तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की जाट केंद्रित नीतियों सहित विभिन्न मुद्दों को अन्य मुद्दों को भी उजागर करके हरियाणा में बीजेपी के लिए जनमत को तैयार किया गया था। इसके साथ ही इन टोलियों ने लोगों के बीच जाकर अग्निपथ भारतीय परियोजनाओं को लेकर बिल लोगों के मन से भ्रम को दूर किया था और इसका सीधा फायदा भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में देखने को मिला। 


भाजपा कार्यकर्ताओं की दूर हुई चिंता

महाराष्ट्र के अंदर लोकसभा चुनाव में निराशाजनक परिणाम आने के बाद यह बातें निकाल कर सामने आई थी कि आरएसएस कार्यकर्ताओं के उत्साह में चुनाव के दरम्यान कमी थी। जिसके चलते महायुती गठबंधन और खास तौर पर भारतीय जनता पार्टी को लोकसभा चुनाव में हताश होना पड़ा। अब इसी स्थिति को बदलने के लिए इस बार आरएसएस कार्यकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी ने भारतीय जनता पार्टी को बड़ी राहत दी है और पार्टी के लोगों को उम्मीद है कि हरियाणा की रणनीति दोहराते हुए महाराष्ट्र में भी पार्टी के पक्ष में अनुकूल परिणाम सामने आएगा। 

ग़ौरतलब है कि आरएसएस की तरफ से यह साफ कहा गया है कि वह सीधे तौर पर चुनावी राजनीति में शामिल नहीं होता लेकिन लंबे समय से यह माना जाता है कि भारतीय जनता पार्टी के पीछे की ताकत आरएसएस है जो बड़े पैमाने पर भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनावी बिसात बिछाता है। बताते चलें कि महाराष्ट्र के सभी 288 विधानसभा सीटों के लिए सिंगल फेज में 20 नवंबर को मतदान होंगे जबकि चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को सामने आएंगे। इस चुनाव में महायुती में शामिल अजीत पवार गुट की एनसीपी, एकनाथ शिंदे की शिवसेना और भाजपा शामिल है वहीं विपक्षी महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस शिवसेना यूबीटी और एनसीपी शरद चंद्र पवार गुट के बीच सीधी टक्कर मानी जा रही है। 
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