यूपी उपचुनाव से पहले संघ प्रमुख भागवत और सीएम योगी की हुई मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई बातचीत
इन नौ सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर राज्य का सियासी पर आसमान छू रहा है। इस बीच नेताओं के बयानबाजी ने राज्य में सियासी तपिश को बढ़ा दिया है।
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उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर एनडीए और विपक्षी सपा-कांग्रेस गठबंधन के बीच सीधी टक्कर माने जा रही है। वहीं अब इस चुनाव को लेकर नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है। इन नौ सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर राज्य का सियासी पर आसमान छू रहा है। इस बीच नेताओं के बयानबाजी ने राज्य में सियासी तपिश को बढ़ा दिया है। वही दूसरी तरफ चुनाव के पहले नेताओं की आपसी मुलाकात भी राज्य के चुनावी माहौल को नई हवा देती है। ऐसी ही एक मुलाकात की चर्चा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत को लेकर है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में यूपी उपचुनाव से लेकर संघ के फीडबैक समेत कई मुद्दों आर बातचीत हुई है।
दरअसल, मंगलवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और संघ प्रमुख मोहन भागवत की मथुरा में मुलाकात हुई थी। लगभग 45 घंटे की इस मुलाकात को लेकर औपचारिक तौर पर यह कहा जा रहा है कि सीएम योगी ने महाकुंभ में आने का संघ प्रमुख को न्योता दिया है। लेकिन इस बीच यह सवाल भी खड़ा हो रहा है कि क्या ये मुलाकात सिर्फ महाकुंभ के न्योता तक ही सीमित रहा ? वही बंद कमरे में हुई इस मुलाकात में उपचुनाव को लेकर संघ के फीडबैक से लेकर चुनावी रणनीति तक पर बातचीत संभव बताई जा रही है।
संघ प्रमुख ने जाना सियासी हाल
यूपी चुनाव से पहले संघ प्रमुख के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हुई। इस मुलाकात को काफी अहम माना जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक 45 मिनट की इस मुलाकात में संघ प्रमुख ने चुनाव में संघ से जुड़े स्वयंसेवको की इस्तेमाल को लेकर बातचीत हुई। इस मुलाकात में संघ प्रमुख मोहन भागवत ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस बात का आश्वासन दिया है कि हरियाणा के तर्ज पर उपचुनाव में भी संघ के कार्यकर्ता भारतीय जनता पार्टी की मदद के लिए पूरी तरीके से तत्पर और तैयार है।
सीएम योगी की प्रतिष्ठा दांव पर
उत्तर प्रदेश के 9 विधानसभा सीटों पर हो रहे उपचुनाव को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रतिष्ठा से भी जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है कि यह चुनाव सीएम योगी के लिए लिटमस टेस्ट की तरह है। क्योंकि आमचुनाव में यूपी में बीजेपी का प्रदर्शन खराब रहा। इसके बाद यह पहला मौका है जब यूपी में कोई चुनाव है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद चुनाव वाली सीटों पर नजर रखे हुए हैं। चुनावी रणनीति तैयार करने के साथ-साथ प्रचार की जिम्मेदारी भी उठाए हुए हैं। अब संघ प्रमुख भागवत से मुलाकात कर भाजपा और संघ के समन्वय को सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री योगी खुद फ्रंट पर आ गए है। बताते चले कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने जिस तरीके से जीत की हैट्रिक लगाते हुए लगातार तीसरी बार सरकार बनाने में कामयाब रही उसके पीछे संघ की ताकत काम आई है। संघ के कार्यकर्ता जिस तरीके से हरियाणा में स्पेशल टोलियां बनाकर 10-15 लोगों के ग्रुप के साथ लगभग सवा लाख से भी ज्यादा बैठक के उसे जमीनी लेवल पर भारतीय जनता पार्टी को चुनाव में फायदा मिला। ऐसे में महाराष्ट्र से लेकर झारखंड और उपचुनाव वाले राज्यों में संघ प्रमुख मोहन भागवत की दिलचस्पी को देखकर इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि आम चुनाव 2024 से पहले संघ और बीजेपी के बीच में आई खटास अब कम होती जा रही है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सामने आने के बाद जिस तरीके से उत्तर प्रदेश मैं समाजवादी पार्टी ने बीजेपी से आगे निकलते हुए लोकसभा में अपने प्रत्याशियों को जिताने में कामयाब रही। उसके बाद जब संघ प्रमुख मोहन भागवत गोरखपुर के दौरे पर थे और दौरान सीएम योगी ने गुपचुप तरीके से मुलाकात की थी, हालांकि इस मुलाकात की कोई पुष्टि नहीं हुई थी।अब जिस तरीके से एक बार फिर संघ प्रमुख भागवत और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मुलाकात हुई है इसको देखकर यह कहा जा सकता है कि संघ भाजपा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच सब कुछ बेहतर चल रहा है। बताते चले कि उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होने हैं जबकि वोटो की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी।