संजय राउत को सज़ा के कुछ ही घंटे के अंदर मिली ज़मानत, जानिए क्या है पूरा मामला ?
संजय राउत के वकील के अपील पर उन्हें राहत मिली है, मजिस्ट्रेट अदालत ने राउत आंशिक रूप से बरी कर दिया है और सत्र अदालत दवर दिए गए फ़ैसले के खिलाफ अपील करने के लिए सजा को 30 दिनों का समय दिया है। कोर्ट ने 15 हजार के मुचलके पर ये जमानत दी है।
शिवसेना UBT सांसद संजय राउत को मुंबई की एक कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। भाजपा के पूर्व सांसद किरीट सोमैया की पत्नी डॉ. मेधा के. सोमैया के मानहानि केस में मुंबई की मझगांव मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट ने दोषी ठहराते हुए उन्हें 15 दिन की जेल और 25 हज़ार रुपए का जुर्माना लगाया था लेकिन कोर्ट द्वारा दिए गए फ़ैसले ए कुछ हाई घंटे के भीतर संजय राउत के वकील के अपील पर उन्हें राहत मिली है, मजिस्ट्रेट अदालत ने राउत आंशिक रूप से बरी कर दिया है और सत्र अदालत दवर दिए गए फ़ैसले के खिलाफ अपील करने के लिए सजा को 30 दिनों का समय दिया है। कोर्ट ने 15 हजार के मुचलके पर ये जमानत दी है।
कैसे मिली ज़मानत
इस केस में मेधा के. सोमैया की तरफ़ से कोर्ट में पेश हुए उनके वक़ील का कहना था कि न्यायालय ने संजय राउत को IPC की धारा 500 के तहत दोषी पाते हुए सज़ा सुनाया है, कोर्ट के फ़ैसले के अनुसार संजय राउत को 15 दिन की जेल और 25 हज़ार का रुपए का जुर्माना लगा था। कोर्ट के आदेश के बाद तुरंत संजय राउत को पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया हालाँकि इस बीच राउत के वक़ील और उनके भाई सुनील राउत ने बॉम्बे सेशन कोर्ट के सज़ा के ख़िलाफ़ अर्ज़ी दायर की जिसपर अदालत ने सुनवाई करते हुए सज़ा पर 30 दिन की रोक लगाते हुए 15 हज़ार के मुचलके पर उन्हें ज़मानत दी है।
क्या है पूरा मामला
दरअसल ये पूरा मामला दो साल पुराना है। राउत ने मेधा सोमैया पर और उनके एनजीओ युवा प्रतिष्ठान पर 100 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाले का आरोप लगाया था। संजय राउत ने कहा कि उन्होंने शौचालय निर्माण के मुद्दे पर संदेह जताते हुए कुछ आधिकारिक रिकॉर्ड्स के आधार पर केवल कुछ सवाल उठाए थे, जिसका सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेताओं ने भी समर्थन किया था। राउत ने मेधा सोमैया पर और उनके एनजीओ युवा प्रतिष्ठान पर 100 करोड़ रुपये के शौचालय घोटाले का आरोप लगाया था। संजय राउत ने कहा कि उन्होंने शौचालय निर्माण के मुद्दे पर संदेह जताते हुए कुछ आधिकारिक रिकॉर्ड्स के आधार पर केवल कुछ सवाल उठाए थे, जिसका सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेताओं ने भी समर्थन किया था। इस पर मेधा के. सोमैया ने कहा था कि राउत ने 15, 16 अप्रैल, 2022 को उनके बारे में बयान दिया था वो अख़बारों में छपे थे। जो मानहानिकारक और ग़लत थे।उन्ही दस्तावेज़ और मीडिया में दिए बयान का क्लिप पेश करते हुए मेधा सोमैया ने राउत पर मानहानि का केस किया था। साथ ही बिना शर्त माफ़ी माँगने और राउत के ख़िलाफ़ स्थायी निषेधाज्ञा की भी माँग की थ ताकि उनके इस बयान पर रोक लगाई जा सके।
ज़मानत के बाद क्या होगा राउत का अगला क़दम
बॉम्बे सेशन कोर्ट मिलने के बाद संजय राउत ने कहा कि मैंने शौचालय निर्माण के मुद्दे पर संदेह जताते हुए कुछ आधिकारिक दस्तावेज़ के आधार पर केवल कुछ सवाल उठाए थे, जिसका सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन के नेताओं ने भी समर्थन किया था। इसलिए मैंने कोई मानहानि नहीं की है। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट कोर्ट के सजा के आदेश को जल्द ही हाईकोर्ट में चुनौती देंगे।