15 साल बाद जमानत पर लौटे सरपंच की हत्या, महिलाओं समेत कई लोग गिरफ्तार

15 साल पहले क्या हुआ था?
हम आपको पूरी वारदात बताएं इससे पहले ये जानना ज़रूरी है कि इस हत्या का बीज आज से 15 साल पहले कैसे पड़ा था? आज से 15 साल पहले ऐसा क्या हुआ था कि जिसका ज़ख़्म इतने सालों तक लोगों ने अपने दिल दिमाग़ में हरा कर रख था। बदले की इस कहानी की शुरुआत होती है हरदोई ज़िले का बेनीगंज कोतवाली इलाक़े के भैनगांव से साल 2009 में, यहां पर घुमंतू जाति के नट समुदाय का कई परिवार रहता है। साल 2009 में इसी समुदाय के राहुल के पिता रामपाल की हत्या होती है आरोप लगता है सरपंच महावत और उसके भाई बबलू पर। हत्या के इस मामले में सरपंच महावत को जेल होती है और लंबे वक़्त तक जेल में रहता है।
लंबे वक़्त तक जेल में रहने के बाद सरपंच महावत ज़मानत पर बाहर आता है। जेल से छूटने के बाद वह दिल्ली चला गया था. और कुछ साल पहले गांव लौटा था और फेरी कर अपना जीवन यापन कर रहा था. 7 अप्रैल की सुबह सरपंच के गांव लौटने कि खबर सुनते ही राहुल अपने पिता की हत्या का बदला लेने के लिए राहुल परिजनों और कुछ ग्रामीणों के साथ सरपंच को घेरने कि योजना बनाई और उस पर हमला कर दिया।
इस बीच राहुल को जैसे ही मौका मिला गांव की महिला और पुरुषों के साथ मिलकर सरपंच को घेर लिया. इस दौरान अपनी जान बचा ने के लिए सरपंच एक घर में जा घुस गया… घरवालों ने पुलिस को वारदात की जानकारी दी, एक होमगार्ड के साथ सिपाही मौके पर पहुंची और सरपंच महावत को बचाकर बाइक पर थाने ले जा रही थी कि घात लगाए बैठे आरोपियों ने पुलिस के सामने ही उसे पकड़ लिया और बड़ी बेरहमी से पीट पीटकर उसे मौत के घाट उतार दिया. सरपंच पर सर्वेश, रूप, वीरू, राहुल, इंतजारी, सरबत्तू और नीता ने लाठी-डंडों से हमला किया. गंभीर रूप से घायल सरपंच को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस अधीक्षक हरदोई ने मौके का निरीक्षण किया. फिलहाल बेनीगंज थाना प्रभारी कृष्णबली सिंह की टीम ने सभी 7 आरोपियों को हिरासत में ले लिया है. पुलिस ने बताया कि मामले की जांच जारी है. अन्य संलिप्त लोगों की भी पहचान कर कार्रवाई की जाएगी. गांव में भारी पुलिस बल तैनात किया गया है. स्थिति पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है.