SCO समिट 2024: पाकिस्तान में जयशंकर ने आतंकवाद पर अपनाया सख्त रुख, तीन दुश्मनों का किया जिक्र
इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का दूसरा दिन, व्यापार और अर्थव्यवस्था पर केंद्रित रहा। जिन्ना कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस समिट में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सभी सदस्यों का स्वागत किया। भारत, चीन, रूस सहित आठ देशों के प्रतिनिधियों ने इसमें भाग लिया, जहां आतंकवाद, पर्यावरणीय मुद्दों और आर्थिक सहयोग पर गंभीर चर्चा हुई।
पाकिस्तान के इस्लामाबाद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) का शिखर सम्मेलन हो रहा है, जिसमें भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने भाग लिया। इसी के साथ ही वो 9 साल में पाकिस्तान का दौरा करने वाले पहले भारतीय नेता भी बने। इस समिट का मुख्य ध्यान व्यापार, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा पर है। प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने आतंकवाद पर बोलते हुए अफगानिस्तान का जिक्र किया, जबकि जयशंकर ने सीमा पार आतंकवाद, कट्टरवाद और अलगाववाद की चुनौती को रेखांकित किया।
जयशंकर ने पाकिस्तान को सीधे चेतावनी दी कि बिना विश्वास के कोई सहयोग संभव नहीं है। जयशंकर ने यह भी साफ कर दिया कि आतंकवाद के मुद्दे पर समझौता नहीं किया जा सकता। उनका भाषण पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण संदेश था, जिसमें उन्होंने सुरक्षा और विश्वास की कमी को उजागर किया।
जयशंकर ने पाकिस्तान को सीधे चेतावनी दी कि बिना विश्वास के कोई सहयोग संभव नहीं है। जयशंकर ने यह भी साफ कर दिया कि आतंकवाद के मुद्दे पर समझौता नहीं किया जा सकता। उनका भाषण पाकिस्तान के लिए महत्वपूर्ण संदेश था, जिसमें उन्होंने सुरक्षा और विश्वास की कमी को उजागर किया।
जयशंकर का सख्त संदेश 'भरोसा नहीं तो कुछ नहीं'
जयशंकर ने अपने भाषण में कड़े शब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि जब तक सदस्य देशों के बीच आपसी विश्वास नहीं होगा, तब तक कोई प्रगति संभव नहीं है। उन्होंने पाकिस्तान के सामने सीधे यह स्पष्ट किया कि अगर उसकी धरती से आतंकवाद को समर्थन मिलता रहा, तो रिश्तों में सुधार की कोई संभावना नहीं है। जयशंकर ने भारत की नीति को दोहराते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।
तीन प्रमुख दुश्मनों का उल्लेख
जयशंकर ने एससीओ मंच का उपयोग करते हुए तीन प्रमुख दुश्मनों—आतंकवाद, अलगाववाद, और उग्रवाद—की चर्चा की। उन्होंने कहा कि इन तीनों समस्याओं के बिना क्षेत्रीय शांति और समृद्धि संभव नहीं है। भारत ने हमेशा से आतंकवाद के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाया है, और जयशंकर ने इसी नीति को समिट में स्पष्ट कर दिया। यह बयान पाकिस्तान को साफ संदेश था, क्योंकि भारत लंबे समय से पाकिस्तान पर आतंकवादी समूहों को समर्थन देने का आरोप लगाता रहा है। भारत ने एससीओ के मंच का उपयोग करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि वह सदस्य देशों के बीच आपसी सहयोग और विश्वास को मजबूत करना चाहता है, लेकिन यह तभी संभव है जब आतंकवाद के खिलाफ सामूहिक और ठोस कदम उठाए जाएं। इस समिट में भारत का रुख साफ था कि आतंकवाद और वार्ता एक साथ नहीं चल सकते।
Delivered 🇮🇳’s national statement at the SCO Council of Heads of Government meeting today morning in Islamabad.
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) October 16, 2024
SCO needs to be able and adept at responding to challenges facing us in a turbulent world. In this context, highlighted that:
➡️ SCO’s primary goal of combatting… pic.twitter.com/oC2wHsWWHD
अफगानिस्तान पर फोकस
शहबाज शरीफ ने अपने भाषण में अफगानिस्तान की ओर से हो रहे आतंकवादी गतिविधियों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय यह सुनिश्चित करे कि अफगानिस्तान की धरती का उपयोग आतंकवाद के लिए न हो। हालांकि, पाकिस्तान के कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि शरीफ का भाषण भारत पर सीधा निशाना न साधने के कारण कमजोर माना जा रहा है।
भारत-पाकिस्तान संबंध: समिट में कूटनीतिक तनाव की झलक
हालांकि, भारत और पाकिस्तान के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हुई, लेकिन दोनों देशों के नेताओं ने SCO के मंच का उपयोग एक-दूसरे पर अप्रत्यक्ष रूप से अपने विचार रखने के लिए किया। खबरों के अनुसार, इस्लामाबाद और नई दिल्ली ने समिट के माध्यम से एक दूसरे पर सीधा निशाना साधने से बचा। पाकिस्तान के कुछ लोगों ने इस संकेत को एक सकारात्मक पहल के रूप में देखा है।
आतंकवाद के मुद्दे पर सामूहिक रुख
SCO समिट में आतंकवाद का मुद्दा विशेष रूप से उभरकर आया। सभी सदस्य देशों ने इस बात पर सहमति जताई कि आतंकवाद, चाहे किसी भी रूप में हो, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए खतरा है। भारत के विदेश मंत्री ने जोर देकर कहा कि सीमा पार से आतंकवाद और कट्टरवाद पर नकेल कसने के लिए ठोस प्रयास किए जाने चाहिए।
SCO के मंच पर आतंकवाद के अलावा व्यापार, अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि CPEC (चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा) का विस्तार क्षेत्रीय विकास के लिए महत्वपूर्ण है और SCO सदस्यों के बीच अधिक सहयोग को बढ़ावा देगा।
SCO, 2001 में स्थापित, एक बहुपक्षीय संगठन है, जिसका उद्देश्य क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें भारत, पाकिस्तान, चीन और रूस सहित आठ सदस्य देश शामिल हैं। यह संगठन आतंकवाद, व्यापार, ऊर्जा और सांस्कृतिक संबंधों पर ध्यान केंद्रित करता है। वैसे आपको बता दें कि भारत और पाकिस्तान के संबंध अब भी तनावपूर्ण हैं, लेकिन इस समिट ने दोनों देशों को कूटनीतिक स्तर पर संवाद करने का अवसर दिया। आने वाले समय में, SCO के जरिए सदस्य देशों के बीच सहयोग और सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर और अधिक ठोस प्रयास किए जाएंगे।