SCO Summit: विदेश मंत्री एस. जयशंकर का पाकिस्तान दौरा, भारत के लिए क्यों अहम है यह बैठक?
SCO Summit: भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर का पाकिस्तान दौरा और वहां होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह पहली बार है जब 2014 के बाद से कोई भारतीय मंत्री आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान जाएगा।
भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर अक्टूबर में पाकिस्तान का दौरा करेंगे, जहां वे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की महत्वपूर्ण बैठक में भाग लेंगे। यह बैठक 15-16 अक्टूबर 2024 को इस्लामाबाद में आयोजित होगी। भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों की पृष्ठभूमि में, विदेश मंत्री एस. जयशंकर का पाकिस्तान दौरा और वहां होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक कई मायनों में महत्वपूर्ण है। यह पहली बार है जब 2014 के बाद से कोई भारतीय मंत्री आधिकारिक तौर पर पाकिस्तान जाएगा। इस दौरे का उद्देश्य केवल कूटनीति से परे जाकर क्षेत्रीय सुरक्षा और आर्थिक सहयोग के संदर्भ में भारत के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है।
SCO (शंघाई सहयोग संगठन) क्या है?
शंघाई सहयोग संगठन (SCO) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसकी स्थापना 2001 में चीन, रूस, कजाकिस्तान, किर्गिज़स्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान द्वारा की गई थी। बाद में भारत और पाकिस्तान भी इस संगठन के सदस्य बने। SCO का प्रमुख उद्देश्य सदस्य देशों के बीच सुरक्षा, आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग को बढ़ावा देना है। इस संगठन की प्रमुखता इसलिए भी बढ़ती है क्योंकि यह दक्षिण और मध्य एशिया के देशों को एक साथ जोड़ता है, और इन देशों के बीच संबंध सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
भारत-पाकिस्तान संबंध और SCO में भागीदारी
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चला आ रहा सीमा विवाद और आतंकवाद के मुद्दे ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ाया है। विशेषकर 2019 में पुलवामा हमला और उसके बाद की घटनाओं ने द्विपक्षीय संवाद को पूरी तरह से ठंडा कर दिया था। हालांकि, SCO जैसे मंच पर दोनों देशों का एकसाथ आना क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण पहल हो सकता है। इस बैठक का आयोजन पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में हो रहा है, और भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर का इस बैठक में शामिल होना एक बड़ा संकेत है कि दोनों देश वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
पाकिस्तान के साथ जयशंकर की मुलाकात और भारतीय दृष्टिकोण
विदेश मंत्री एस. जयशंकर का इस SCO बैठक में भाग लेना इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि भारत और पाकिस्तान के बीच संवाद के रास्ते लंबे समय से बंद हैं। भारत हमेशा से कहता रहा है कि पाकिस्तान को आतंकवाद का समर्थन बंद करना होगा तभी कोई द्विपक्षीय वार्ता हो सकेगी। जयशंकर ने इस बात पर ज़ोर दिया था कि बातचीत और आतंकवाद एक साथ नहीं चल सकते। ऐसे में SCO का यह मंच केवल एक क्षेत्रीय संगठन की बैठक से अधिक हो सकता है, क्योंकि यह एक ऐसा अवसर हो सकता है जहां भारत और पाकिस्तान अप्रत्यक्ष रूप से वार्ता के नए दरवाज़े खोल सकते हैं।
वैसे आपको बता दें कि SCO में भारत की भागीदारी कई कारणों से महत्वपूर्ण है। यह संगठन न केवल सुरक्षा मामलों पर ध्यान केंद्रित करता है बल्कि ऊर्जा सुरक्षा, क्षेत्रीय व्यापार और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग जैसे मुद्दों पर भी काम करता है। भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका को ध्यान में रखते हुए, यह संगठन चीन और रूस के साथ कूटनीतिक संबंध मजबूत करने के साथ-साथ मध्य एशियाई देशों के साथ व्यापार और निवेश के नए अवसर भी प्रदान करता है।
ऐसे में एस. जयशंकर का पाकिस्तान दौरा और SCO की बैठक क्षेत्रीय स्थिरता और सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। जहां एक तरफ यह भारत को अपनी सुरक्षा और आर्थिक हितों को मजबूत करने का अवसर देगा, वहीं दूसरी तरफ यह पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर भी संभावनाएं पैदा करेगा।