'बिजली बिल न चुकाने वालों के घरों में आग लगाओ', सहारनपुर के सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर के वायरल वीडियो से मचा हड़कंप
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में बिजली विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का विवादित बयान वायरल हो गया है। वीडियो में अधीक्षण अभियंता धीरज सिंह ने बकाया बिल न चुकाने वालों के घरों में आग लगाने और विधायकों के फोन न उठाने के निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जो हर किसी को चौंकाने वाला है। सहारनपुर विद्युत वितरण मंडल 2 के अधीक्षण अभियंता (सुपरिंटेंडिंग इंजीनियर) धीरज सिंह का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में धीरज सिंह, अपने अधीनस्थ इंजीनियरों को निर्देश देते हुए नजर आ रहे हैं कि जो लोग अपने बिजली बिल नहीं चुका रहे हैं, उनके घरों में आग लगा दी जाए। यही नहीं, उन्होंने कहा कि यदि कोई सिफारिश के लिए विधायक का फोन आए, तो उसे अनसुना कर दिया जाए। इस घटना ने प्रशासन में हड़कंप मचा दिया है और जनता में गहरी नाराजगी फैला दी है।
वायरल वीडियो में क्या कहा गया?
धीरज सिंह के इस बयान का वीडियो एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान रिकॉर्ड किया गया, जिसमें वे सहारनपुर के बिजली विभाग के अन्य इंजीनियरों से बकाया बिजली बिलों की वसूली के विषय में बात कर रहे थे। मीटिंग के दौरान कुछ इंजीनियरों ने बताया कि कई घरों में ताले लगे रहते हैं क्योंकि उनके मालिक दूसरे राज्यों में नौकरी करते हैं, इसलिए बकाया वसूली नहीं हो पा रही है। इस पर धीरज सिंह ने कहा, "ताला लगे घरों में आग लगा दो।"
उनके इस बयान से सभी जूनियर इंजीनियर्स दंग रह गए, क्योंकि सरकारी कर्मचारी का इस तरह का आक्रामक रवैया किसी भी सरकारी अधिकारी के नैतिक आचरण के विरुद्ध है। इस बयान ने जहां प्रशासन को हिला कर रख दिया, वहीं जनता के बीच भी व्यापक गुस्से को जन्म दिया है।
वायरल वीडियो में धीरज सिंह ने न केवल बकाया बिल वसूली को लेकर आक्रामक रुख अपनाया, बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी विधायक का फोन आए, तो उसे न उठाया जाए। इस बयान ने उनकी मंशा और उनकी कार्यशैली पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। एक सरकारी अधिकारी का यह कथन केवल उनकी अपनी छवि ही नहीं बल्कि पूरे सरकारी तंत्र की कार्य प्रणाली को लेकर सवाल खड़े करता है।
जैसे ही यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, इसकी जानकारी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम की एमडी ईशा दुहन को मिली। एमडी ने तत्काल प्रभाव से मामले की जांच के आदेश दिए। जांच के बाद, धीरज सिंह को उनके पद से निलंबित कर दिया गया। यह कदम उठाने के बाद विभाग ने यह संदेश देने की कोशिश की है कि जनता के हितों के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा और किसी भी कर्मचारी के दुर्व्यवहार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
सरकार को चाहिए कि ऐसे मामलों में संज्ञान लेते हुए अधिकारियों की जवाबदेही तय करे। अधिकारियों के चयन, प्रशिक्षण, और कार्य प्रणाली में सुधार कर उन्हें जनता के प्रति जवाबदेह बनाया जाए। इसके अलावा, सरकारी विभागों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए एक सख्त प्रणाली लागू की जानी चाहिए। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी भूमिका और जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को अधिक संवेदनशीलता से निभाना चाहिए।