Smriti Irani ने बताया Atal Ji और PM Modi के बीच फर्क, सुनिये जवाब
अटल जी और मोदी के बीच क्या है फर्क ?
दरअसल, अटल राज में साल 2003 में बीजेपी का झंडा थाम कर राजनीति की शुरुआत करने वालीं स्मृति ईरानी को पहली बार बीजेपी ने साल 2004 में महाराष्ट्र बीजेपी यूथ विंग का उपाध्यक्ष बनाया था। उसके बाद स्मृति ईरानी अटल राज में ही साल 2014 में बीजेपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष बनीं। वहीं साल 2014 में पहली बार बीजेपी अकेले दम पर पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आई, तो मोदी सरकार में स्मृति ईरानी को केंद्रीय मंत्री बनाया गया। वहीं लगातार दूसरी बार साल 2019 में भी स्मृति ईरानी को बतौर केंद्रीय मंत्री मोदी सरकार में काम करने का मौका मिला। यानी बात चाहे अटल राज की हो या मोदी राज की, स्मृति ईरानी ने दोनों ही नेताओं के साथ काम किया है। यही वजह है कि पत्रकार सुशांत सिन्हा ने जब उनसे पूछा, "अटल जी और पीएम मोदी के बीच क्या फर्क है?" तो बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने जवाब दिया
"अटल जी ने गारंटी दी कि बीजेपी बिजली, सड़क, पानी जैसे मुद्दों पर शासन कर सकती है, और नरेंद्र मोदी खुद ही गारंटी बन गए। और जिस स्पीड से उन्होंने इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाया, इकोनॉमी के पिलर्स को मजबूत किया, वो निर्णय हमेशा पॉपुलर निर्णय नहीं हो सकते। घर में अगर आप पिता को देखें तो पिता जी जो भी करते हैं, वो ऐसा नहीं है कि आपको लगता होगा, 'अरे वाह मजा आ गया।' कई बार पिता सख्ती भी करते हैं, कई बार पिता कुछ ऐसा करते हैं जो आपको तब समझ में नहीं आता, लेकिन बाद में समझ में आता है कि हां, परिवार इससे बचा है। और मोदी जी का सबसे बड़ा टेस्ट वो कोविड के वक्त आया। उनका नेतृत्व अगर कोविड के वक्त नहीं होता, आप सोचिए देश का हाल क्या होता, मेरे रौंगटे खड़े हो जाते हैं सिर्फ ये सोचते हुए।"
नरेंद्र मोदी से पहली मुलाकात का जिक्र करते हुए बीजेपी नेता स्मृति ईरानी ने बताया-
"मैं नरेंद्र मोदी जी को 2002 से जानती हूं, जब मैं पहली बार उनसे अहमदाबाद स्टेडियम में एक कार्यक्रम में मिली। पतंग उत्सव मना रहे थे, मैंने उन्हें मुख्यमंत्री के तौर पर देखा हुआ है। और अगर आप मेरे राज्य सभा का नॉमिनेशन पेपर निकालें, तो मुझे गुजरात से राज्य सभा भेजने के प्रस्ताव पर पहला नाम नरेंद्र मोदी का है।"
बीजेपी की फायरब्रांड नेता स्मृति ईरानी का ये बयान बता रहा है कि उनकी नजर में अटल जी एक ऐसे नेता थे, जिन्होंने बीजेपी को ये गारंटी दी कि वो देश में सरकार बना सकती है, और पीएम मोदी खुद गारंटी बन गए।