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तो क्या बांग्लादेश बनता जा रहा है बंगाल? मंदिरों और पंडालों में तोड़फोड़ क्या बयां कर रही?

पश्चिम बंगाल में मंदिरों पर हमले और तोड़फोड़ की घटनाएँ थमने का नाम नहीं ले रही है। अबतक कई मंदिरों पर हमले हुए है। पर इनपर हमले कौन कर रहा है? क्या ये राजनीतिक स्टंट है? देखिए ये रिपोर्ट…
तो क्या बांग्लादेश बनता जा रहा है बंगाल? मंदिरों और पंडालों में तोड़फोड़ क्या बयां कर रही?

भारत का पश्चिम बंगाल जिसे अब दूसरा बांग्लादेश कहा जाने लगा है। राज्य की ममता सरकार पर बांग्लादेशियों को संरक्षण देने का आरोप पुराना है। अगर मार्च की कुछ घटनाओं को गौर से देखा जाए तो ये सवाल दिमाग़ में आता है कि ये बंगाल है या बांग्लादेश? दरअसल बंगाल के अलगा अलग जगहों से एक ख़बर चर्चा का विषय बनी हुई है। मामला है मंदिर में तोड़फोड़ का।  पहले बताते है कि कहां-कहां ये घटनाएँ हुई है। 


पहली घटना

पश्चिम बंगाल के बरुईपुर शहर में 7 मार्च 2025 को शेख इंदू नाम के एक मुस्लिम शख्स ने माँ शीतला की मूर्ति को तोड़ा और आग लगा दी। यह घटना दक्षिण 24 परगना जिले में हुई। सोशल मीडिया पर जली हुई मूर्तियों और क्षतिग्रस्त की तस्वीरें वायरल हुईं। स्थानीय लोगों ने आरोपित शेख इंदू को पकड़ लिया, जिसने यह हरकत की थी। बाद में पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया।


दूसरी घटना 

7 मार्च को ही पश्चिम बंगाल के बरुईपुर शहर में ही हुई, जहां राधा कृष्ण मंदिर में तोड़फोड़ की घटना सामने आई। 


तीसरी घटना

पश्चिम बंगाल का नंदीग्राम, जहां 13 मार्च को रात करीब 12 बजे नुमान मंदिर में कुछ लोगों ने हमला किया और भगवान की मूर्ति तोड़ दी। 


चौथी घटना

बंगाल के पूर्व मेदिनीपुर के तामलुक में भी ऐसी ही घटना घटित हुई है। जहां राधा कृष्ण पंडाल में तोड़फोड़ की गई।


पाँचवीं घटना 

दक्षिण बाबरिया गाँव, पूर्व मेदिनीपुर में भी ऐसी ही घटना सामने आई, जहां माँ चंडी का पूजा पंडाल कट्टरपंथियों के निशाने पर आ गया। पंडाल पर ही हमला हुआ तोड़फोड़ की गई। ये घटना 30 मार्च को घटी है। 


छठी घटना

अगली घटना घटी शीतला माता मंदिर में 30 मार्च को, केशबपुर की ये घटना बताई जा रही है। जहां कुछ अराजक तत्वों द्वारा मूर्ती को खंडित कर दिया गया। 


बंगाल में मंदिर पर हमले की इसके अलावा भी कई घटनाएं सामेन आईं है। पिछले 3 महीने में अलग अलग जगहों पर मंदिरों पर हमले हुए हैं। BJP और TMC इन हमलों को सियासत से जोड़कर देख रही है। BJP का आरोप है कि बंगाल को बांग्लादेश बनाया जा रहा है। हिंदू ममता बनर्जी की वोटबैंक पॉलिटिक्स का शिकार हो रहे हैं। उधर, TMC का कहना है कि BJP दंगा कराना चाहती है। बंगाल में भी पार्टी की यही स्ट्रैटजी है


रामनवमी पर BJP बड़ी की तैयारी

इधर BJP की रामनवमी को लेकर बड़ी तैयारी है। इसे लेकर बंगाल में सियासत भरपूर है। दरअसल बीजेपी ने इस बार बंगाल में जोरशोर से रामनवमी मनाने का एलान कर रखा है। 2000 शोभा यात्राएं और डेढ़ करोड़ लोगों को लेकर सड़कों पर रामनवमी का उत्सव मनाने की तैयारी है। ममता बनर्जी कह रही हैं कि ये उत्सव नही उत्पात की तैयारी है। बंगाल में रामनवमी की राजनीति पर भाजपा नेता दिलीप घोष ने कहा कि पुलिस के पास निश्चित रूप से चिंता करने के कारण हैं क्योंकि वे अक्षम हैं और उन्हें नहीं पता कि पूरे राज्य में रामनवमी जैसे बड़े आयोजनों से कैसे निपटना है। अगर पुलिस हमें रोकने की कोशिश करती है, हमारे पोस्टर फाड़ती है तो हम उन्हें समाज विरोधी मानकर उनसे निपटेंगे। लेकिन मेरा कहना है कि जाहिर तौर पर टीएमसी के लोग भी कह रहे हैं कि वे 5 और 6 तारीख को विरोध में सड़कों पर उतरेंगे, लेकिन क्यों? उनका त्योहार ईद खत्म हो चुका है। हम रोजा या इफ्तार नहीं करते हैं, लेकिन ईद के बाद सेवई का आनंद लेते हैं, इसलिए मैं उनसे आग्रह करता हूं कि वे हमारे साथ आएं और प्रसाद लें और भगवान राम का आशीर्वाद लेने के लिए घर पर रहें। लेकिन अगर वे हमें रोकने के लिए बाहर आते हैं तो लाखों हिंदू उन्हें कुचल देंगे। 


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