बिहार के रजनीकांत के घर मिला इतना पैसा, मंगानी पड़ी मशीन , शिक्षा अधिकारी से पूछताछ !
पश्चिम चम्पारण के जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीण के बेतिया स्थित घर पर विजिलेंस की टीम छापेमारी कर रही है। अब तक तलाशी में भारी मात्रा में कैश मिला। नोट गिनने के लिए मशीन मंगाई गई। कई शिक्षकों ने उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। सरकारी स्कूलों में बेंच डेस्क और समरसेबल पाइप मानक के विपरीत लगाए गए थे।

जिस शिक्षा को देश-दुनिया में किसी भी इंसान के चरित्र निर्माण का मुख्य प्रयाय माना है उसी शिक्षा का देश में खुले आम मखौल उड़ाया जा रहा है। इस देश के तमाम हिस्सों के स्कूलों में छात्रों को शिक्षा नहीं दी जा रही। बल्कि देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। कही स्कूल में बच्चों से झाडू लगवाई जा रही है तो कही मैडम बच्चों को पढ़ाने के बजाय उनसे अपनी रील बनवा रही है तो कही मास्टर जी स्कूल में ही मैडम के साथ रंगरलिया मना रहे है। तो कही अधिकारियों के घरों से करोडों का कैश बरामद किया जा रहा है। जी हां बिहार के बेतिया में में जिला शिक्षा पदाधिकारी रजनीकांत प्रवीन के घर जिस वक्त विजिलेंस टीम ने छापेमारी की तो उसकी आंखे फटी रह गई। इतने नोट मिले की नोट गिनने के लिए मशीन मंगानी पड़ी। एक पूरा बैड नोटों से भर गया। बेतिया में DEO के पद पर तैनात रजनीकांत प्रवीन के बारे में विजिलेंस टीम को जानकारी मिली की ये साहब अवैध रुप से काला धन जुटा रहे है। छापामारी की गई तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।
रजनीकांत प्रवीन से पुलिस लगातार पुछताछ भी कर रही है, लेकिन अभी तक पुछताछ में पुलिस का क्या पता चला है वो अब तक बाहर नहीं आ सका है। तो पुछताछ में जो भी निकल कर सामने आएगा वो जांच का विषय है लेकिन आप यहां ये समझ लिजिए की केवल तीन साल पहले रजनीकांत प्रवीन डीईवो के पद पर तैनात हुए थे। और उन पर खुलेआम भ्रष्टाचार करने के आरोप उन्ही के कुछ शिक्षको ने लगाए थे। हाल ही में स्कूलों में बेंच-डेस्क और समरसेबल पाइप लगाने में भी गड़बड़ी की शिकायत मिली थी। शिकायत में बताया गया कि मानक के विपरीत फिटिंग लगाई गई। स्कूल के टीचरों ने नाम न बताने की शर्त पर ये जानकारी दी। आरोप है कि रजनीकांत प्रवीण ने अपने चहेते ठेकेदारों से ही काम करवाया करता था, जिससे की मन माफक कट मनी ले सके। सिर्फ इतना ही नहीं यें साहब जब से पद पर तैनात हुए है तभी से विवादों में रहे है।
लेकिन शायद उपर तक पहुंच होने के चलते कभी कुछ नही हुआ। लेकिन कहा जाता है कि एक दिन हर किसी के पास का घड़ा भर जाता है।जैसा की इनका नाम है रजनीकांत वैसे ही स्टाइल में शायद काम भी करते थे। क्योंकि कुछ रिपोर्ट ये भी दावा कर रही है कि पत्नी भी टीचर है, लंबे वक्त से लीव पर है, नौकरी से इस्तीफा नहीं दिया है लेकिन स्कूल भी जाना नहीं होता और दरभंगा के एक प्राइवेट स्कूल की निदेशक भी है। अब ये स्कूल इन्ही का है या किसी और का है। दोनों ही नियमों के खिलाफ है।
वहीं बात अगर छापेमारी में मिली रकम की करें तो 1 करोड़ 87 लाख रुपए अब तक बरामद किए जा चुके है। एक अनुमान के मुताबिक उनकी कुल आय ₹2,52,00,000/ है और खर्च ₹1,46,31,400/ अतः उनके द्वारा वैध रूप से बचाई गई राशि ₹1,05,68,600/ मानी जा सकती है। इसके बावजूद, श्री रजनीकांत प्रवीण और उनके परिवार के नाम पर चल-अचल संपत्तियों की कुल कीमत ₹2,92,92,225/ पाई गई है. ये संपत्ति अवैध और भ्रष्ट तरीकों से अर्जित की गई मानी जाती है। यह आरोप है कि रजनीकांत प्रवीण के पास उनकी आय से अधिक ₹1,87,23,625/- की संपत्ति है, जिसे वे संतोषजनक रूप से नहीं बता सकते। जब शिक्षा में ही भष्टाचार होगा तो कैसे देश का निर्माण होगा कैसे चरित्र का निर्माण होगा, कैसे अशिक्षा को दूर किया जाएगा, कैसे देश में रोजगार पैदा होगा कैसे देश को आगे लेकर जाया जाएगा।
ये सभी विचार करने योग्य बातें है। सरकारों को इन पर विचार करना होगा। जो भष्टाचार इस वक्त देश की रगों में दौड़ रहा है उसे खत्म करने का शायद वक्त आ गया है। कानूनों को और कड़ा करने का वक्त आ गया है। बाकि ना जाने कितने जीवन रजनीकांत प्रवीन ने अपना घर भरने के लिए बर्बाद किए होंगे और ना जाने कितने और ऐसे रजनीकांत देश में पल रहे होगे उसका अंदाजा भी लगाना मुश्किल है।