सीएम धामी का कड़ा निर्देश, अब जल्द थमेगा उत्तराखंड में लव और लैंड जिहाद?
उत्तराखंड के सीएम धामी का तगड़ा एक्शन
Times Of India की रिपोर्ट के अनुसार डीजीपी अभिनव कुमार ने कहा कि '2011 के बाद जनसंख्या की जानकारी के लिए कोई जनगणना नहीं हुई है, लेकिन कुछ लोगों के बीच और खासकर पहाड़ी इलाकों में पिछले कुछ वर्षों में जनसांख्यिकीय परिवर्तन हुआ है। इसलिए यह महीने भर का अभियान शुरू किया गया है।'
Navbharat Times की एक रिपोर्ट के अनुसार उत्तराखंड के डीजीपी ने कहा कि राज्य में बसे असामाजिक तत्वों की जांच के लिए कुछ क्षेत्रों में एक महीने का वेरिफिकेशन अभियान शुरू किया गया है। इसके पूरा होने के बाद हम जनसांख्यिकीय परिवर्तन के बारे में किसी निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं। अगर इस प्रकार का कोई मामला है तो हमें भी इसकी जानकारी मिलेगी। 2011 में हुई पिछली जनगणना के अनुसार, उत्तराखंड की कुल जनसंख्या लगभग 1.10 करोड़ थी। लगभग 84 लाख (83%) आबादी हिंदू थी, जबकि मुस्लिम 14.06 लाख (13.9%) और सिख 2.34% थे। 2001 की जनगणना में, राज्य में मुस्लिम आबादी लगभग 10.12 लाख थी।
बता दें कि उत्तराखंड के हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, पौड़ी गढ़वाल और टिहरी गढ़वाल जैसे पहाड़ी जिलों में मुसलमानों की आबादी में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। और देवभूमि की जनसांख्यिकी को बदलने की बड़े स्तर पर साजिश चल रही है, और इसे well-planned तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। उत्तरकाशी के पुरोला कस्बे, धारचूला और चमोली जैसे पहाड़ी इलाकों में हाल के दिनों में सांप्रदायिक तनाव बढ़े हैं। इसमें लव जिहाद की बड़ी भूमिका है।
हिंदू संगठनों के इसी आरोप के बाद मुख्यमंत्री धामी का खून खौल उठा और उन्होंने कार्रवाई के निर्देश दे दिए। वैसे अगर जनसांख्यिकीय परिवर्तन की बात करें तो यह कई राज्यों के लिए जी का जंजाल बना हुआ है। घुसपैठियों से हिमाचल, झारखंड समेत कई राज्य परेशान हैं। इस पर राजनीति तो होती है, लेकिन कार्य नहीं किया जाता। लेकिन यह उत्तराखंड है, जहां के मुख्यमंत्री कट्टर सनातन होने का सबूत देने में कभी पीछे नहीं हटते। यहां पर अन्याय करने वालों को माफ नहीं किया जाता।