Supreme Court का YouTube चैनल हुआ हैक, हैकर्स ने चलाया फर्जी क्रिप्टो ऐड!
सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चैनल को हैकर्स ने हैक कर क्रिप्टोकरेंसी के विज्ञापन चलाए, जिससे न्यायपालिका की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैं। जानें कैसे ये हैकर्स लोगों को मुनाफे का झांसा देकर ठग रहे हैं।
भारत में साइबर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और अब हैकर्स ने एक ऐसा कारनामा कर दिया है, जिसने पूरे देश को हैरान कर दिया। सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चैनल को हैक कर लिया गया, जहां पर संवेदनशील मामलों की लाइव सुनवाई प्रसारित की जाती है। सुप्रीम कोर्ट का यह यूट्यूब चैनल कानूनी और सार्वजनिक महत्व के मामलों की सुनवाई के लिए एक प्रमुख माध्यम बन चुका था। लेकिन हाल ही में हैकर्स ने इस चैनल को हैक करके देश की न्यायपालिका पर साइबर हमला कर दिया।
Supreme Court of India's YouTube channel appears to be hacked and is currently showing videos of US-based company Ripple. pic.twitter.com/zuIMQ5GTFZ
— ANI (@ANI) September 20, 2024
हैकिंग की घटना कैसे हुई?
सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चैनल पर हैकर्स ने एक वीडियो अपलोड किया जिसको टाइटल दिया गया था, "ब्रैड गारलिंगहाउस: रिपल रिस्पॉन्ड्स टू द एसईसी $2 बिलियन फाइन! एक्सआरपी प्राइस प्रीडिक्शन।" वीडियो का कंटेंट ब्लैक स्क्रीन और क्रिप्टोकरेंसी एक्सआरपी (XRP) से भरा हुआ था। वीडियो में रिपल के सीईओ ब्रैड गारलिंगहाउस के नाम का गलत उपयोग किया गया और XRP में निवेश के बड़े मुनाफे की बात की गई है। आपको बता दें कि हैकर्स ने चैनल के सभी पुराने वीडियो प्राइवेट कर दिए और नई सामग्री अपलोड कर दी। हालांकि अब इस घटना के बाद चैनल पर कोई भी वीडियो उपलब्ध नहीं है, और पेज खोलने पर "यह पेज उपलब्ध नहीं है" का संदेश दिखाई दे ऱहा है। सुप्रीम कोर्ट के इस यूट्यूब चैनल पर दो लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स हैं, जो नियमित रूप से सुनवाई और अदालती कार्यवाही को फॉलो करते थे।
इस हैकिंग घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने यूट्यूब चैनल की हैकिंग की जांच शुरू कर दी है, और उम्मीद की जा रही है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा। । द वर्ज की रिपोर्ट के अनुसार, यह साइबर हमला पिछले कुछ महीनों से चल रहे स्कैम का हिस्सा है, जिसमें स्कैमर्स XRP में निवेश के बदले भारी रिटर्न का लालच देकर लोगों को फंसा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के यूट्यूब चैनल की हैकिंग न सिर्फ देश की न्यायपालिका पर हमला है, बल्कि यह आम नागरिकों के विश्वास को भी प्रभावित करती है। ऐसे साइबर हमलों से बचने के लिए जरूरी है कि हम सतर्क रहें और फर्जी स्कैमर्स के जाल में न फंसें।