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Congress की हार के बाद 'बहाना' बना रहीं थीं Supriya Shrinate, पत्रकार Imran Shakeel Khan ने तथ्यों के साथ उधेड़ दिया

मोदी को सत्ता में लौटने से रोकने में नाकाम साबित हुई कांग्रेस अभी भी अपनी हार पर मंथन कर रहा है। उसे लग रहा है कि अगर मायावती या फिर ओवैसी चुनाव नहीं लड़ते तो इंडिया गठबंधन और भी सीटों पर जीत हासिल करता। ऐसे बहाने बहाने वाली कांग्रेस को एक मुस्लिम पत्रकार ने ही ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया है कि हार के बहाने बनाने वालीं सुप्रिया श्रीनेत भी माथा पीट लेंगी !
Congress की हार के बाद 'बहाना' बना रहीं थीं Supriya Shrinate, पत्रकार Imran Shakeel Khan ने तथ्यों के साथ उधेड़ दिया
 Supriya Shrinate : लोकसभा चुनाव भी खत्म हो गये ।लगातार तीसरी बार मोदी सत्ता में भी लौट आए ।और प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर मोदी इटली की आधिकारिक यात्रा पर भी रवाना हो गये । तो वहीं दूसरी तरफ मोदी को सत्ता में लौटने से रोकने में नाकाम साबित हुई कांग्रेस अभी भी अपनी हार पर मंथन कर रहा है। उसे लग रहा है कि अगर मायावती या फिर ओवैसी चुनाव नहीं लड़ते तो इंडिया गठबंधन और भी सीटों पर जीत हासिल करता ।ऐसे बहाने बहाने वाली कांग्रेस को एक मुस्लिम पत्रकार ने ही ऐसा मुंहतोड़ जवाब दिया है कि हार के बहाने बनाने वालीं  Supriya Shrinate भी माथा पीट लेंगी ।


दरअसल तमाम विपक्षी पार्टियों को जुटाने के बावजूद कांग्रेस मोदी को सत्ता में लौटने से नहीं रोक पाई । और अब कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत अपनी पार्टी की हार का ठीकरा राहुल गांधी पर फोड़ने की बजाए छोटी छोटी पार्टियों पर फोड़ने में जुट गई हैं। 14 जून को ही उन्होंने महाराष्ट्र का जिक्र करते हुए एक पोस्ट में कहा कि। "महाराष्ट्र में प्रकाश अंबेडकर जी की वंचित बहुजन अघाड़ी और ओवैसी जी की AIMIM ने 6 सीटें BJP की झोली में डालीं, इन सीटों पर जीत के अंतर से ज्यादा वोट VBA और AIMIM को मिले हैं, इनमें से 1 पर कांग्रेस और 5 पर शिव सेना (उद्धव ठाकरे) की जीत को हार में बदलने का काम किया गया "।

ये चुनावी आंकड़े देकर सुप्रिया श्रीनेत कहना चाहती हैं कि महाराष्ट्र में ओवैसी और प्रकाश आंबेडकर की पार्टी चुनाव नहीं लड़ती तो उद्धव ठाकरे, राहुल गांधी और शरद पवार वाले गठबंधन महाविकास अघाड़ी को महाराष्ट्र की 48 में से 31 नहीं 37 सीट आती और BJP गठबंधन 17 नहीं 11 सीटों पर सिमट गई होती। जिस तरह का तर्क सुप्रिया श्रीनेत दे रही हैं ।उनके हिसाब से तो फिर सभी छोटी पार्टियों को चुनाव ही नहीं लड़ना चाहिए । सिर्फ कांग्रेस ही बीजेपी के खिलाफ पूरे देश में चुनाव लड़े। तभी तो खुद के नेताओं पर हार का ठीकरा फोड़ने की बजाए सुप्रिया श्रीनेत ओवैसी और प्रकाश अंबेडकर की पार्टी पर इंडिया गठबंधन की हार का ठीकरा फोड़ने में जुटी हुई हैं। उनके इस बहाने की एक मुस्लिम पत्रकार इमरान शकील ने तो आंकड़ों के साथ ही पोल खोल कर रख दी ।सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर किये गये एक पोस्ट में उन्होंने कांग्रेसी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत पर सवालों की बौछार करते हुए पूछा । सुप्रिया श्रीनेत जी ने महाराष्ट्र में असद साहब और प्रकाश अंबेडकर जी को और उत्तर प्रदेश के लिए बहनजी को भाजपा को संकटमोचक तो कह दिया लेकिन ये बताएं कि ।


सुप्रिया से पत्रकार शकील के सवाल ।
ओडिशा में भाजपा 21 में से 20 सीटें कैसे जीत गई? ओडिसा में संकटमोचक कौन सी पार्टी थी?
ओडिशा विधानसभा में BJP की पूर्ण बहुमत की सरकार बनवाने में और बीजद को हरवाने में किस पार्टी की अहम भूमिका थी?
केरल में भाजपा को जितवाने और सीपीआई को हराने में भाजपा की संकटमोचक कौन सी पार्टी थी?
पश्चिम बंगाल में पुरुलिया, उत्तर माल्दा और रायगंज भाजपा किसकी वजह से जीती? ममता बनर्जी की तृणमूल को किसने हराया?
हरियाणा में कुरुक्षेत्र सीट भाजपा किसकी वजह से जीती और आम आदमी पार्टी कैसे हारी?
औरंगाबाद महाराष्ट्र में मजलिस के उम्मीदवार इम्तियाज जलील किसकी वजह से हारे?
दिल्ली की सभी 7 सीटों पर AAP-कांग्रेस मिलकर लड़ी फिर भी भाजपा कैसे जीती? कौन था संकटमोचक?
उत्तराखंड में कांग्रेस-भाजपा का दो पर दो मुकाबला था फिर भी भाजपा पांचों सीट कैसे जीती?
मध्य प्रदेश में कांग्रेस-भाजपा का दो पर दो मुकाबला था फिर भी भाजपा सभी 29 सीट कैसे जीती?
हिमाचल में भाजपा सभी 4 सीटे कैसे जीती?
गुजरात में भाजपा 26 में 25 और छत्तीसगढ़ में 11 में 10 कैसे जीती?


पत्रकार इमरान शकील ने सवालों के जो बौछार किये हैं । उन सवालों के जवाब सुप्रिया श्रीनेत तो छोड़िये।  कांग्रेस का कोई भी नेता नहीं दे पाएगा। क्योंकि कांग्रेस को भी ये बात पता है कि इनमें से ज्यादातर राज्यों में कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीधा मुकाबला था ।लेकिन इसके बावजूद बीजेपी गुजरात की 26 में से 25 सीटें जीत ले गई।उत्तराखंड की सभी 5 सीटों पर जीत हासिल की। दिल्ली में तो आम आदमी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन था लेकिन इसके बावजूद दोनों पार्टियां बीजेपी को सभी सातों सीटों पर जीतने से नहीं रोक पाईं। यहां तक कि जिस हिमाचल में कांग्रेस सत्ता में है । वहां भी बीजेपी को सभी चार सीटों पर जीतने से नहीं रोक पाई। इतना ही नहीं जिस झारखंड में लालू, राहुल और हेमंत सोरेन मिलकर सरकार चला रहे हैं वहां भी बीजेपी 14 में से 8 सीटें कैसे जीत गई ।इन सवालों के जवाब सुप्रिया श्रीनेत नहीं देंगीं। क्योंकि इन राज्यों में खुद कांग्रेस बड़ी पार्टी थी लेकिन इसके बावजूद मोदी को रोकने में नाकाम रही । महाराष्ट्र की 48 में से 31 सीटें क्या जीत गई कांग्रेस । सुप्रिया श्रीनेत बहाना बनाने लगीं कि ओवैसी और प्रकाश अंबेडकर की पार्टी चुनाव ना लड़ती तो इंडिया गठबंधन और भी ज्यादा सीटें लाता। उनके इस तर्क की बखिया उधेड़ने वाले पत्रकार इमरान शकील ने कहा।

"सुप्रिया श्रीनेत जी आप क्या चाहती हैं कि दलित और मुसलमानों की पार्टियां चुनाव न लड़ें? क्या दलित और मुसलमान कांग्रेस के बंधुआ मजदूर रहें? क्या इस देश में सिर्फ द्विदलीय प्रणाली रहेगी, अगर आपको बुरा लग रहा है तो आप संसद में कानून बनवाकर द्विदलीय प्रणाली करवा दीजिए या फिर दलित-मुसलमानों की सभी पार्टियों का चुनाव आयोग से कहकर नामांकन निरस्त करवा दीजिए, आपकी पार्टी 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों में सिर्फ 0 सीट और 6 राज्य और केंद्र शासित में 1-1 सीट जीती है, महाराष्ट्र और उत्तर के अलावा कांग्रेस की हार का ठीकरा किसके सर फोड़ेंगी? लोकतंत्र में समीकरणों के आधार पर सभी को चुनाव लड़ने का अधिकार है इसलिए A टीम B टीम और संकटमोचक जैसी बातें कहना बंद करिए, आपकी पार्टी ने जो आज प्रदर्शन किया है उसमें दलित और मुसलमानों की अथक मेहनत है, आपने बहुत गैर जिम्मेदाराना पोस्ट की है, आप दलित मुस्लिम लीडरशिप का अपमान करके क्या साबित करना चाहती हैं? "

लगातार दो लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत पाने वाली बीजेपी को इस बार 240 सीटों पर रोकने वाली कांग्रेस जिस तरह से उछल कूद मचा रही थी । उसकी इस खुशी में पत्रकार इमरान शकील ने तो पलीता ही लगा दिया ।और इस चुनाव में कांग्रेस की पूरी कुंडली खोल कर रख दी । कैसे कांग्रेस इस बार भी चुनाव में मोदी को सत्ता में आने से रोकने में नाकाम साबित हुई है ।यहां तक कि 12 राज्य और केंद्र शासित प्रदेश तो ऐसे हैं जहां कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला ।और सुप्रिया श्रीनेत कांग्रेस की नाकामी का ठीकरा औवैसी और प्रकाश अंबेडकर की छोटी पार्टियों पर फोड़ने में जुटी हुई हैं ।उनके इस बहाने की पत्रकार इमरान शकील ने जिस तरह से बखिया उधेड़ी है । उस पर आपका क्या कहना है।  
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