BJP से 'दोस्ती' का दिखा असर, UP से बाहर बढ़ी Jayant Chaudhary की ताकत !
दिल्ली के 25 तुगलक रोड पर आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान जैसे कई राज्यों से आए कई पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, और जिला पंचायत सदस्यों ने अपनी अपनी पार्टियों से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रीय लोक दल का दामन थाम लिया है.

कभी बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों के खिलाफ विपक्षी खेमे की समाजवादी पार्टी के साथ हाथ मिलाकर राजनीति करने वाले राष्ट्रीय लोक दल ने लोकसभा चुनाव से पहले जैसे ही पाला बदलकर एनडीए के साथ हाथ मिलाया तो मानो पार्टी की किस्मत ही बदल गई. पार्टी के प्रमुख जयंत चौधरी को मोदी कैबिनेट में जगह मिल गई, जिसका प्रभाव अब देखने को मिल रहा है. पार्टी की सियासी ताकत अब सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि अब देश के कई राज्यों में देखने को मिल सकती है. शनिवार को राजधानी दिल्ली के 25 तुगलक रोड पर आयोजित पार्टी के एक कार्यक्रम में महाराष्ट्र, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान जैसे कई राज्यों से आए कई पूर्व विधायक, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष, और जिला पंचायत सदस्यों ने अपनी अपनी पार्टियों से इस्तीफा देने के बाद राष्ट्रीय लोक दल का दामन थाम लिया है.
आरएलडी में आने वाले नेताओं का पार्टी प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी के नेतृत्व पर एक भरोसा है. जिसके चलते उन्होंने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है. आरएलडी परिवार में आने वाले इन नए सदस्यों का पार्टी के वरिष्ठ नेता अंकुर सक्सेना ने स्वागत करते हुए इस पल को गौरवपूर्ण क्षण बताया. उन्होंने कहा कि इतने अनुभवी नेता आज हमारे साथ जुड़ रहे हैं भविष्य में इसका फायदा पार्टी को होगा उम्मीद है कि आगे हमारे नए साथी पार्टी की विचारधारा से जुड़कर पार्टी को और मजबूत करने का काम करेंगे.
माननीय श्री जयन्त चौधरी जी ने राष्ट्रीय लोकदल के केंद्रीय कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित किया।@jayantrld pic.twitter.com/Hm33C9nNNY
— Rashtriya Lok Dal (@RLDparty) April 12, 2025
जयंत चौधरी का बयान
नए सदस्यों का स्वागत करते हुए पार्टी के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी ने कहा कि अब राष्ट्रीय लोक दल सिर्फ उत्तर प्रदेश तक सीमित नहीं है, बल्कि अब यह पार्टी एक राष्ट्रीय विकल्प बनती जा रही है. उन्होंने कहा कि पार्टी किसानों के कल्याण, जनहित और सामाजिक न्याय के मुद्दे पर लगातार प्रतिबद्ध है. नए साथियों के आने से पार्टी की ताकत और मजबूत होगी. बताते चले की पश्चिम उत्तर प्रदेश प्रदेश में आरएलडी की ग्रामीण वोट बैंक पर अच्छी खासी पकड़ है. अब नए नेताओं के पार्टी के साथ जुड़ने से ऐसी ही स्थिति हरियाणा,राजस्थान, महाराष्ट्र समेत अन्य राज्यों में भी होगी.
इसके अलावा पार्टी सूत्रों की माने तो आने वाले दिनों में आरएलडी इसी तरह अन्य राज्यों में भी जनता से जुड़े हुए नेताओं को पार्टी से जोड़ेगी.