एक कानून से पलट गया खेल ! मुख्यमंत्री के ‘फैन’ हुए सब !
साल 2021 में पुष्कर सिंह धामी को उत्तराखंड की कमान सौंपी गई थी, इस उम्मीद के साथ की देवभूमि का चौतरफ़ा विकास होगा। उम्मीद के मुताबिक सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भी साबित कर दिया कि बात चाहे धार्मिक स्थलों का जीर्णोधार करने की हो चारधाम यात्रा से लेकर कांवड़ यात्रा के सफल आयोजन को लेकर हो, देवभूमि में किसी भी अप्रिय घटना पर रोक लगाने की हो। हल्द्वानी जैसी घटनाओं पर जल्द ही क़ाबू पाने की हो, बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और नशामुक्त राज्य को लेकर कैंपेन चलाने की हो, हर मोर्चे पर सीएम सफल साबित हुए।
शायद यही वजह है कि जो लोग तीन साल पहले तक सवाल उठा रहे थे कि धामी सरकार नहीं चला पाएंगे वो अब अपना बोरिया बिस्तर समेत कर चुप बैठ गये हैं। तीन साल से धामी लगातार हर दिशा में इस कदर काम कर रहे हैं कि बीजेपी आलाकमान के सबसे भरोसेमंद मुख्यमंत्रियों की लिस्ट में वो शुमार हो गये हैं। अपने काम के दम पर धामी का क़द बीजेपी में किस कदर बढ़ा है इसका अंदाज़ा इसी से लगाइये कि इस बार के लोकसभा चुनावों में उन्हें देशभर में प्रचार करने की ज़िम्मेदारी दी गई। पंजाब से लेकर दिल्ली, झारखंड से लेकर यूपी धामी हर मंच पर नज़र आये। इस दौरान धामी सरकार के कई फ़ैसलों ने उनकी छवि को मज़बूत किया जिनमें कॉमन सिविल कोड, जबरन धर्मांतरण के ख़िलाफ़ क़ानून, दंगा विरोधी क़ानून, महिला आरक्षण शामिल हैं। इनमें से एक फ़ैसला नक़ल विरोधी क़ानून भी था।
उत्तराखंड सरकार के इस फ़ैसले को तो गुजरात, मध्यप्रदेश समेत कई राज्यों ने अपनाया। यहां तक की केंद्र सरकार ने भी इस क़ानून को राष्ट्रीय स्तर पर लागू कर दिया। उस नक़ल विरोधी क़ानून का फ़ायदा स्टूडेंट को इस कदर हुआ कि पारदर्शी तरीक़े से उनका रिज़ल्ट आया। ऐसे में उत्तराखंड PCS 2021 की परीक्षा में पास हुए विद्यार्थियों ने अब सीएम धामी की शुक्रिया अदा किया है।