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विरोधी साजिश रचते रह गए, नई Vande bharat ने कर दिया एक और कमाल

नई वंदे भारत ट्रेन में यात्रियों की सुविधा और आराम को देखते हुए कई बदलाव किए गए हैं। बर्थ को सुरक्षित करने के लिए जंजीर को हटाकर नया मैकेनिज्म लाया गया है। सिर्फ यात्रियों के लिए बल्कि लोको पायलट और ट्रेन के स्टाफ के लिए भी अच्छी व्यवस्था, टॉयलेट की व्यवस्था की गई है। ट्रेन कवच सिस्टम से लैस है. यह ट्रेन रात भर की यात्रा के लिए तैयार किया गया है। जो 800 किलोमीटर से 1,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी।
विरोधी साजिश रचते रह गए, नई Vande bharat ने कर दिया एक और कमाल
विरोधियों ने तो खूब चहा था सब कुछ रुक जाए। खूब चाहा था की किसी भी तरह बस बीजेपी सरकार की बदनामी हो।लेकिन ऐसा हो ना सका ।रोज नया जतन करना ।रोज नई साजिश रचना । रोज कुछ ना कुछ ऐसा कर देना कि देश की जनता देश में हो रहे विकास को देख ही ना पाए। लेकिन वो कहते है ना कि सच कितना भी दबाओ लेकिन वो दबता नहीं ना ही ज्यादा देर तक छुपता है। बस यही बयां करती ये नई और खूबसूरत तस्वीरें जो सामने आई हैं। ये तस्वीरें हैं नई Vande bharat स्लीपर ट्रेन की जिसे देखने के बाद हर कोई हैरान है। हर कोई इसके बारे में जानना चाहता है। इस ट्रेन की खासियत क्या है क्या इसमें ऐसा है जो इसे पहले से भी ज्यादा सुरक्षित बनाता है। ये सब आपको बताएंगे। लेकिन उससे पहले। आपके लिेए ये जानना भी बेहद जरूरी है कि पिछले कुछ समय में जो ट्रेन हादसे देश में हुए उसमें कई तरह की साजिश होने की बात सामने आई। कई तस्वीरे सामने आई जिसमें रेल की पटरी को नुकसान पहुंचाया गया। कई ट्रेन हादसे लोको पायलेट की सूझ बूझ से टल भी गए। ऐसे ही दो साजिशों को यूपी के २ जिलों में नाकाम किया गया । 


फर्रुखाबाद में पैसेंजर ट्रेन को लकड़ी का बोटा से बेपटरी करने की साजिश रची गई थी लेकिन ड्राइवर की सूझबूझ से टल गई। शामली जिले में भी ट्रेन हादसा होते होते बच गया। जहां दिल्ली सहारनपुर रेलवे लाइन पर शामली बाईपास के पास 50 मीटर की दूरी पर चार जगहों पर तकरीबन 25 से 30 पेंड्रोल क्लिप निकले पड़े थे। फर्रुखाबाद के मामले में पकड़े गए युवकों ने कहा है कि वे ट्रेन को पलटकर मशहूर होना चाहते थे। अब आप समझिये कि कैसे कुछ लोगों को बहकाकर हजारों लोगों की जान के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश हुई। अगर यहां भी ट्रेन हादसे होते तो। पूरा ठीकरा सरकार पर फूटता। और हजारों सवाल सरकार पर दागे जाते । इस्तीफों की मांग होने लगती । लेकिन ऐसा हो नहीं सका । कुछ नहीं तो ट्रेन के रंग औ । नाम पर सवाल उठाए जाने लगे। एक तरफ तो ये सब होता रहा । लेकिन एक तरफ मोदी सरकार में मंत्री अश्विनी वैष्णव अपना काम करते रहे । लाखों रेल कर्मी औऱ सरकार के काम के बदौलत आज ये तस्वीरें सामने आईं है। अब जरा सोचिए अब जब आप इस ट्रेन में सफर करेंगे तो आएगा ना स्लीपर ट्रेन में प्लेन के बिजनेस क्लास वाला मजा। चलिए अब जल्दी से इस ट्रेन की खासियत भी जान लीजिए।

यात्रियों की सुविधा और आराम को देखते हुए वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में कई बदलाव किए गए हैं। बर्थ को सुरक्षित करने के लिए जंजीर को हटाकर नया मैकेनिज्म लाया गया है। सिर्फ यात्रियों के लिए बल्कि लोको पायलट और ट्रेन के स्टाफ के लिए भी अच्छी व्यवस्था, टॉयलेट की व्यवस्था की गई है। ट्रेन कवच सिस्टम से लैस है। यह ट्रेन रात भर की यात्रा के लिए तैयार किया गया है। जो  800 किलोमीटर से 1,200 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। ट्रेन में आधुनिक तकनीक, सुरक्षा और लोको पायलट और सर्विस स्टाफ के लिए विशेष सुविधाएं दी गई है। मेंटेनेंस स्टाफ के लिए एक अलग केबिन बनाया गया है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे होगी   राजधानी के मुकाबले इस ट्रेन की औसत स्पीड भी बेहतर होगी। ट्रेन में 15 कोच वाले प्रोटो टाइप में 11 एसी 3 ट्रियर कोच, 4 एसी 2-टियर कोच, 1 एसी फर्स्ट क्लास कोच होगा । ट्रेन में वर्ल्ड क्लास फैसिलिटीज होंगी।

आराम और सुविधा के लिहाज से भी यह ट्रेन राजधानी को कड़ी टक्कर देने वाली है। ट्रेन के सभी बर्थ में एक्स्ट्रा कुशनिंग और ऊपर की बर्थ पर चढ़ने के लिए बेहतर सीढ़ी लगाई गई है। रेल मंत्री ने कहा कि आम लोगों के लिए शुरू होने वाले वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का किराया आम लोगों को ध्यान में रखकर ही तय किया जाएगा, ताकि वो इस ट्रेन से सफर कर सकें। माना जा रहा है कि इस ट्रेन की टिकट का किराया राजधानी ट्रेनों के बराबर होगा।

 
अब सवाल ये कि ये ट्रेन कब से शुरू होगी तो रेल मंत्री ने कहा कि ट्रायल के बाद अगले 3 महीने यानी दिसंबर तक वंदे भारत स्लीपर ट्रेन शुरू हो जाएगी।  
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