तमिलनाडु के बिजली मंत्री को सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार, कहा - हमने जमानत दी और अगले दिन आप मंत्री बन गए
तमिलनाडु सरकार के बिजली मंत्री बालाजी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि "हमने जमानत दी और अगले दिन आप मंत्री बन गए"। कोर्ट ने इस बात की आशंका जाहिर की है कि बालाजी के मंत्री बनने पर कहीं "गवाह दबाव में ना आ जाए"।
मनी लांड्रिंग केस में जमानत मिलते ही तुरंत अगले ही दिन सरकार में मंत्री बनने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार के बिजली मंत्री बालाजी को कड़ी फटकार लगाई है। बता दें कि पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक सरकार में परिवहन मंत्री रहे बालाजी को जून 2023 में "नगदी के बदले नौकरी देने" के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उनके खिलाफ 3,000 पन्नों का एक आरोपपत्र दाखिल किया गया था। बालाजी को इसी साल सितंबर में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी। जमानत मिलने के 3 दिन बाद ही बालाजी फिर से एमके स्टालिन सरकार में मंत्री बन गए थे।
"हमने जमानत दी और अगले दिन आप मंत्री बन गए" - सुप्रीम कोर्ट
तमिलनाडु सरकार के बिजली मंत्री बालाजी को सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई है। मनी लांड्रिंग केस में सुप्रीम कोर्ट से सितंबर महीने में जमानत मिलने के बाद बालाजी के फिर से मंत्री बनने पर सुप्रीम कोर्ट बेंच जस्टिस एएस ओका और जस्टिस एजी मसीह की बेंच ने कहा कि "कोर्ट फिर से जांच करेगा कि क्या मंत्री के रूप में बालाजी गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं या नहीं" इसके साथ जस्टिस ओका ने कहा कि "हम जमानत देते हैं और अगले ही दिन आप मंत्री बन जाते हैं ? किसी को भी यह लगेगा कि अब आपके एक वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री होने से गवाह दबाव में होंगे। यह सब क्या चल रहा है ?
सुप्रीम कोर्ट बालाजी को जमानत देने की याचिका पर कर रहा था सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट उस याचिका पर सुनवाई कर रहा था। जिसमें बालाजी को जमानत देने के लिए 26 सितंबर 2024 की याचिका को रद्द करने की मांग की गई थी। इस याचिका में कहा गया था कि बालाजी के द्वारा मंत्री बनने पर कहीं "गवाह दबाव में ना आ जाए"। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी को इस आधार पर जमानत दी थी कि ट्रायल जल्दी शुरू होने के कोई आसार नहीं है। कोर्ट के द्वारा जमानत दिए जाने के 3 दिन बाद ही वह फिर से सरकार में बिजली मंत्री बन गए।
हम अपना पूरा फैसला रद्द नहीं करेंगे - सुप्रीम कोर्ट
सोमवार को अपनी सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा हम अपना पूरा फैसला रद्द नहीं करेंगे। लेकिन इस संदेश की जांच जरूर की जाएगी कि "गवाह दबाव में आएंगे या फिर नहीं"। कोर्ट ने अभी आशंका जताई है कि पूर्ववर्ती अपराधों में बालाजी के अपराधों को देखते हुए। गवाह गवाही देने की स्थिति में नहीं हो सकते हैं। यह एकमात्र पहलू है। जिस पर हम विचार करना चाहते हैं। वही बालाजी के वकील ने निर्देश की मांग की है। जिसकी सुनवाई 13 दिसंबर 2024 तक के लिए टाल दी गई है।
क्या था "नकदी के बदले नौकरी" देने का पूरा मामला ?
आपको बता दें कि बालाजी पूर्ववर्ती अन्नाद्रमुक शासन के दौरान बतौर परिवहन मंत्री कार्य कर रहे थे। जिनको ईडी ने 14 जून 2023 को "नगदी के बदले नौकरी" घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया था। इनके खिलाफ 3000 पन्नों के आरोप पत्र को दाखिल किया गया था। इनके द्वारा मुकदमे को टालने की पिछली याचिका को कोर्ट के जज ने खारिज कर दिया था।