महाकुंभ के ज़रिए योगी को बदनाम करने की थी साज़िश, नक़ली नोटों की छपाई का असली खेल समझिए ?
सीएम योगी की कुर्सी छिनने का था प्लान
ये सब सवाल इसलिए उठ रहे हैं, क्योंकि महाकुंभ सीएम योगी के लिए हमेशा से महत्वपूर्ण रहा है। वह महाकुंभ के ज़रिए दुनिया को हिंदुत्व का संदेश पहुंचाते हैं और यह बात जगज़ाहिर है कि सीएम योगी से कट्टरपंथी किस कदर नफरत करते हैं। इसीलिए शायद इस प्लान की तैयारी की गई थी, लेकिन प्लान को अंजाम देने से पहले ही पुलिस ने इन्हें धर दबोचा। पुलिस ने मदरसे में छापेमारी कर मौलवी सहित चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार किए गए जालसाज़ों में मौलवी मोहम्मद तफ्सीरूल, जाहिर खान, मोहम्मद शाहिद, और मोहम्मद अफजल शामिल हैं। पुलिस ने आरोपियों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि- वे एक दिन में 20 हजार रुपये के नोट छापते हैं और आस-पास के मार्केट में नोट चलाते हैं। नोट चलाने वालों को 100 रुपये के एक असली नोट के बदले 3 नकली नोट देते थे। पिछले 3 महीने से ये काम कर रहे हैं।
वहीं इतने बड़े खुलासे के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो ने भी कमान संभाल ली है और जांच शुरू कर दी गई है। यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि कहीं इस रैकेट के तार किसी आतंकी संगठन या इंटरनेशनल ग्रुप से तो नहीं जुड़े हैं, क्योंकि इन जालसाज़ों के पास से महाकुंभ से जुड़े तमाम लिंक मिले हैं। ऐसे में अंदाज़ा लगाया जा रहा है कि महाकुंभ के लिए बड़ी तैयारी थी और इसके ज़रिए योगी सरकार को बदनाम करने की साजिश थी।