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भारत को हिंसा की आग में झोंकने का था खतरनाक प्लान, PFI पर ED का बड़ा खुलासा !

Enforcement Directorate ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया यानी की PFI की 35 चल और अचल संपत्तियां जब्त की हैं। इन संपत्तियों की कीमत करीब 57 करोड़ रुपये है। इन संपत्तियों में कई ट्रस्ट, कम्पनियां और निजी संपत्तियां हैं। ED ने दिल्ली पुलिस और NIA द्वारा दर्ज केसों के आधार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया था। इससे पहले भी कई अहम खुलासे है।
भारत को हिंसा की आग में झोंकने का था खतरनाक प्लान, PFI पर ED का बड़ा खुलासा !

ED ने PFI को लेकर हैरान कर देने वाले खुलासे किए हैं। इन खुलासों से PFI के खौफनाक इरादों का खुलासा हुआ है। पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया, जो प्रतिबंधित संगठन है, वो भारत को दंगों की आग में झोकने का एक खतरनाक प्लान कर रहा था। ED ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि PFI समाज में घुसपैठ के जरिए आतंकी फंडिंग, हथियारों का प्रशिक्षण और देश-विदेश में हिंसा भड़काने का डरावना प्लान कर रही थी। यहां तक कि गृहयुद्ध भड़काने का भी फुल प्रूफ प्लान कर लिया था। खास रिपोर्ट में जानिए प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI के नापक इरादे, जिसका ED ने भंडाफोड़ कर दिया है।

ED ने जांच करने के बाद बड़ा खुलासा करते हुए बताया है कि PFI को विदेश से फंडिंग मिलती थी। खाड़ी देशों में PFI का एक बहुत बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है, जिसमें 13 हजार से ज्यादा लोग शामिल हैं। इसके सदस्य सऊदी अरब, UAE, कतर, ओमान और कुवैत जैसे इस्लामिक देश शामिल हैं। प्रतिबंधित इस्लामिक संगठन PFI ने समितियां भी बनाई थीं, जो इनके नापाक इरादों को सफल कराने में फंड का जुगाड़ किया करते थे। हवाला के जरिए भी फंड जुटाया जा रहा था।

भारत को अस्थिर करने का इरादा

PFI का भारत में बड़े स्तर पर जिहाद करने का इरादा था, जिसके जरिए भारत में अशांति फैलाई जा सके। भारत में अस्थिरता फैलाने की साजिश की जा रही थी। गृहयुद्ध की तैयारी थी। बता दें कि 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पटना यात्रा के दौरान अशांति फैलाने की साजिश थी। PFI पर 2020 में दिल्ली में हिंसा भड़काने और हाथरस में सद्भाव बिगाड़ने का भी इल्जाम लगा है।


इस्लामिक आंदोलन करने का प्लान

PFI एक बहुत बड़ा इस्लामिक आंदोलन खड़ा करने का प्रयास कर रहा था, जिसमें अहिंसक हवाई हमले और गुरिल्ला हमले की भी साजिश शामिल है। साल 2022 में ही PFI पर ताबड़तोड़ छापे पड़े थे। NIA, ED और स्थानीय पुलिस ने यह कार्रवाई की। और 2022 में ही PFI पर प्रतिबंध लगाया गया।

57 करोड़ रुपये की 35 चल-अचल संपत्तियां जब्त

ED ने PFI की 35 चल-अचल संपत्तियों को जब्त किया है, जो लगभग 57 करोड़ रुपये के बताए जा रहे हैं। ये संपत्तियां अलग-अलग ट्रस्ट, फर्म और व्यक्तियों के नाम पर रेजिस्टर्ड थीं। ED ने PFI और उसके सदस्यों को लेकर एक प्रेस रिलीज़ में बताया कि PFI और उसके सदस्यों द्वारा देश और विदेशों से अवैध तरीके से धन जुटाकर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने और उन्हें वित्तपोषित करने का षड्यंत्र रचा गया था। ईडी के अनुसार, जब्त की गई संपत्तियों में 35.43 करोड़ रुपये की 19 अचल संपत्तियां और 21.13 करोड़ रुपये की 16 चल संपत्तियां शामिल हैं। ये संपत्तियां केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, तेलंगाना, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, असम, जम्मू-कश्मीर और मणिपुर में स्थित हैं।

2022 के बाद से लगातार ED और NIA PFI को लेकर बड़े दावे कर रहे हैं। इसके बाद से लगातार कार्रवाई जारी है। लगभग 57 करोड़ की संपत्ति जब्त कर ED ने PFI की आर्थिक कमर तोड़ दी है। देश में अशांति फैलाने और गृहयुद्ध के नापाक प्लान पर पानी फेर दिया है। 26 PFI सदस्यों को गिरफ्तार भी किया गया है, जिनसे पूछताछ में अभी और भी खौफनाक और चौंकानेवाले खुलासे होने की संभावना है।


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