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हरियाणा में मिली हार के सदमे से उबरे भी नहीं थे कि इधर अगले ही दिन अखिलेश ने राहुल को दिया एक ज़ख्म ! खत्म हो गई दोस्ती !

अभी हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों से राहुल गांधी का ज़ख्म भरा भी नहीं। कि इधर अगले दिन ही सपा मुखिया अखिलेश यादव ने राहुल को एक और गहरा घाव दिया है। बता दें कि यूपी में होने वाले 10 विधानसभा सीटों को लेकर सपा मुखिया ने 6 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है।
हरियाणा में मिली हार के सदमे से उबरे भी नहीं थे कि इधर अगले ही दिन अखिलेश ने राहुल को दिया एक ज़ख्म ! खत्म हो गई दोस्ती !
Haryana विधानसभा चुनाव के नतीजों ने कांग्रेस को गहरी चोट पहुंचाई है। हरियाणा से लेकर दिल्ली तक का कांग्रेस खेमा सदमे में है। वहीं इस चुनाव के रिजल्ट ने राहुल गांधी को ऐसा जख्म दिया है। जिसे भर पाना काफी मुश्किल है। राहुल अभी हरियाणा की हार के गहरे सदमे से उबरे भी नहीं थे। कि इसी बीच यूपी की सियासत बड़ा खेला हुआ है। सपा मुखिया अखिलेश यादव ने राहुल गांधी को एक और गहरा जख्म दे दिया है। बीते कई दिनों से इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि यूपी में होने वाले उप चुनाव में राहुल और अखिलेश के बीच पार्टी गठबंधन बरकरार रहेगा या दिखावे की ये दोस्ती टूट जाएगी। ऐसे में हरियाणा चुनाव के नतीजों में 24 घंटे भी नहीं बीते कि सपा मुखिया अखिलेश यादव ने राहुल को करारा झटका दिया है। अखिलेश ने यूपी की 10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव को लेकर 6 हॉट सीटों पर प्रत्याशी का ऐलान कर दिया है। बीते कई महीनों से हर किसी की नज़रे इसी पर थी कि  क्या राहुल और अखिलेश का लोकसभा चुनाव में टिकट बंटवारे वाला फार्मूला इस्तेमाल होगा या नहीं। ऐसे में आज फाइनल हो गया कि उप चुनाव में सपा और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ प्रत्याशी लड़ाई लड़ेंगी। सियासी गलियारों में इस बात की भी चर्चा है कि अखिलेश यादव ने यह फैसला हरियाणा विधानसभा चुनाव के नतीजों को देखकर लिया है। सपा मुखिया अब जैसे को तैसा वाले फार्मूले पर चुनाव लड़ने जा रहे है। दरअसल अखिलेश यादव हरियाणा में भी कुछ सीटों पर चुनाव लड़ना चाह रहे थे। जिसको लेकर राहुल गांधी ने अखिलेश से वादा भी किया था। 
लेकिन जब चुनाव आया। तो राहुल ने कोई सीट नहीं छोड़ी आर अपने वादे से मुकर गए। ऐसे में कह सकते हैं कि पहले राहुल ने अखिलेश को धोखा दिया और अब अखिलेश ने राहुल को धोखा दिया। सपा ने जिन सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा की है। उनमें 2 सीटों पर कांग्रेस का लड़ना तय था। 

राहुल से बिना किसी बातचीत के अखिलेश ने कर दिया बड़ा खेल 


हरियाणा चुनाव के नतीजों के बाद सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कांग्रेस को करारा झटका देते हुए 6 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। आपको बता दें कि यूपी में कुल 10 विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने हैं। इनमें पिछले चुनाव में 5 सीट सपा, 3 बीजेपी, 1 आरएलडी और 1 पर निषाद पार्टी जीती थी। खबरों के मुताबिक यूपी के उप चुनाव की 10 सीटों में से कांग्रेस ने 5 सीटों की मांग की थी। आज सुबह पार्टी दफ्तर पहुंचकर अखिलेश यादव ने 6 उम्मीदवारों की घोषणा की। ऐसे में अब दोनों की दिखावे की दोस्ती भी खत्म नज़र आ रही है। फिलहाल  राहुल गांधी की इस पर कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। वहीं कांग्रेस खेमे में खलबली मच गई है। यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने एनडीटीवी से बातचीत में बताया

"हमें अभी जानकारी मिली है। हम तो 5 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं।इसी हिसाब से हम तैयारी भी कर रहे थे। अब केंद्रीय नेतृत्व तय करेगा कि आगे क्या करना है"। 


बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर अपना दावा ठोक दिया था। कांग्रेस 16 अक्टूबर को संविधान सभा भी करने वाली थी। 10 सीटों पर होने वाले उप चुनाव में देश भर की नज़रे अयोध्या की इस हॉट सीट पर है। क्योंकि यह सीट अखिलेश यादव और योगी आदित्यनाथ की प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गई है। उप चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही सीएम योगी आदित्यनाथ 5 बार मिल्कीपुर का दौरा कर चुके हैं। 
 

सपा ने 6 सीटों में 1 पर रिश्तेदार और 5 पर पार्टी के सांसद विधायक के परिवार को दिया टिकट  


अखिलेश यादव ने जिन 6 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान किया है। उनमें करहल सीट पर अपने भतीजे तेज प्रताप यादव को उतारा है। जानकारी के लिए बता दें तेज प्रताप यादव रिश्ते में बिहार के पूर्व सीएम लालू यादव के दामाद भी हैं। वह मैनपुरी से सांसद रह चुके हैं। वहीं भदोही से बीजेपी सांसद रमेश बिंद जो कि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी में आ गए थे। जिसके बाद मिर्ज़ापुर से अपना दल की अनुप्रिया पटेल के खिलाफ वह चुनाव लड़े। लेकिन उन्हें हार मिली थी। अब उनकी ही बेटी ज्योति बिंद को अखिलेश ने मंझवा से टिकट दिया है। बीएसपी से विधायक रहे मुस्तफ़ा सिद्दीक़ी को प्रयागराज के फूलपुर से टिकट मिला है। फैजाबाद लोकसभा सीट के सपा सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद को मिल्कीपुर से टिकट दिया गया है। अंबेडकरनगर लोकसभा सीट से सपा सांसद लालजी वर्मा की पत्नी शोभावती वर्मा को कटेहरी विधानसभा से टिकट दिया गया है। वहीं कानपुर के शाशीमऊ से विधायक रह चुके इरफ़ान सोलंकी की पत्नी नसीम सोलंकी को टिकट दिया गया है। बता दें कि इरफान सोलंकी इस सीट से विधायक थे। लेकिन कोर्ट ने उन्हें एक मामले में सजा सुनाई थी। जिसके बाद से वह जेल में है। 

फिलहाल सपा और कांग्रेस के रिश्ते क्या पहले ही जैसे रहेंगे। यह देखना बड़ा दिलचस्प होगा। लेकिन अखिलेश यादव के द्वारा प्रत्याशियों की घोषणा के बाद बीजेपी को मजे लेने का एक बड़ा मौका मिल गया है। सपा मुखिया के ऐलान के बाद योगी सरकार के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह ने खूब मजे लिए हैं। दयाशंकर ने कहा कि स्वार्थ के लिए इंडिया गठबंधन बना है। अब अखिलेश जी का जवाब राहुल गांधी दें। 
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