"यह एक राजनीतिक एजेंडा है", मणिपुर हिंसा पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खुलकर की बात
देश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर खुलकर बात की। उन्होंने ईरान-इजरायल युद्ध पर तो बात की ही साथ ही उन्होंने मणिपुर में चल रहे संघर्ष पर भी विचार प्रकट किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने रविवार को एक प्रेस कांफ्रेंस में मोदी सरकार के विजन और कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर खुलकर चर्चा की। इस दौरान उन्होंने ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध को लेकर भारत के रुख के बारे में बात की। जयशंकर ने कहा कि सरकार इस संघर्ष पर नजदीकी नजर बनाए हुए है और इसकी बारीकी से निगरानी की जा रही है। इसके अलावा, उन्होंने मणिपुर में चल रहे संघर्ष के मुद्दे पर भी अपने विचार प्रकट किए।
एस जयशंकर ने कहा, - "मणिपुर में कई समस्याएं हैं। इसके कई कारण हैं, जो काफी जटिल हैं। मणिपुर में संघर्ष का कारण कुछ हद तक ऐतिहासिक भी है। साथ ही सीमा पर हो रही घटनाओं से भी हिंसा के तार जुड़े हैं। इसलिए, समस्या के संबंध में एक राय नहीं है।"
साथ ही उन्होंने कहा, - "लेकिन मणिपुर के नाम पर, मुझे नहीं लगता कि भारत की छवि को नुकसान पहुंचाना या यह कहना सही है कि मणिपुर में कुछ गलत होने के कारण बाकी दुनिया को भारत से समस्या होने लगी है। यह एक राजनीतिक एजेंडा है, और मैं कहूंगा कि यह एक तरह से राष्ट्र विरोधी एजेंडा है। इसलिए हमें चीजों को परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए। लोकतंत्र कभी भी पूर्ण नहीं होता। विकास का क्रम चलता रहता है। दुनिया में किसी देश का लोकतंत्र आदर्श नहीं हैं।"
उन्होंने विकासशील देशों के लिए अपनी बात रखते हुए कहा, - "विकासशील देशों को विकसित होने की जरूरत है, और विकसित देशों को भी आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए। एक देश के रूप में हम अपनी एकता और अखंडता बनाए हुए हैं, और यह हमारे लिए गर्व की बात है।"
विदेश मंत्री के अनुसार, भारत का ध्यान अपने विकास पर केंद्रित है, और देश अपने लोकतंत्र, एकता और अखंडता को मजबूती से आगे बढ़ा रहा है। उन्होंने कहा, "इसलिए मैं भारत की वर्तमान स्थिति से बहुत संतुष्ट हूं।"
Input - IANS