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तीन स्टूडेंट की चली गई जान, केजरीवाल सरकार पर फूटा बांसुरी स्वराज का गुस्सा

पानी ने ले ली तीन स्टूडेंट की जान, IAS कोचिंग सेंटर में मचा हाहाकार
तीन स्टूडेंट की चली गई जान, केजरीवाल सरकार पर फूटा बांसुरी स्वराज का गुस्सा

शनिवार, 27 जुलाई 2024 की शाम ,दिल्ली के राजेंद्र नगर का इलाक़ा, जहां आम दिनों की तरह चहल पहल थी, क्योंकि UPSC की तैयारी करने आए छात्रों का हुजूम आम दिनों की तरह ही था। चारों तरफ़ चहल पहल थी, लेकिन किसे पता था कि, रात होते होते ये चहल पहल चीख़ों में तब्दील हो जाएगी और कई बच्चों के सपनों को तबाह कर पानी अपने आग़ोश में समा लेगा।.पानी दिखाना एंबियंस के साथवैसे तो कुछ दिनों पहले तक तो दिल्ली पानी के त्राहिमाम त्राहिमाम कर रही थी, लोगों बूंद-बूंद के लिए तरस रहे थे। जिसपर खूब राजनीती भी हुई, लेकिन किसे पता था कि, दिल्ली में पानी आएगा तो मौत का कारण बन जाएगा। 

IAS कोचिंग सेंटर में मचा हाहाकार

दरअसल हुआ यूं कि, दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में भारी बारिश के बाद राव IAS कोचिंग सेंटर की इमारत के बेसमेंट में पानी भरने से तीन छात्रों की जान चली गई। पहचान किए गए छात्रों में तेलंगाना की तानिया सोनी, यूपी की श्रेया यादव और केरल के नेविन डालविन के तौर पर हुई है ।

इस दर्दनाक हादसे के बाद छात्रों का ग़ुस्सा सातवें आसमान पर है, धरना प्रदर्शन शुरु हो चुका है। जिसके बाद दिल्ली की केजरीवाल सरकार से जवाब माँगा जा रहा है, साथी छात्रों ने अधिकारियों और प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। एमसीडी पर लापरवाही का आरोप भी लगाया है।

ऐसे में दिल्ली सरकार में मंत्री आतिशी ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए है, वहीं बीजेपी ने AAP सरकार को इस लापरवाही का जिम्मेदार बताते हुए जल बोर्ड मंत्री आतिशी और स्थानीय विधायक दुर्गेश पाठक को कटघरे में खड़ा कर दिया है। बीजेपी सांसद बांसुरी स्वराज ने तो गंभीर आरोप लगाते हुए यहाँ तक कह दिया कि पिछले एक हफ्ते से स्थानीय लोग AAP विधायक दुर्गेश पाठक से नाले की सफाई करवाने की मांग कर रहे थे, लेकिन दुर्गेश पाठक ने उनकी एक न सुनी, जिसकी वजह से ये घटना हुई।

वहीं जब बीजेपी ने AAP सरकार की पोल खोली तो विधायक दुर्गेश पाठक ने बीजेपी के आरोपों पर पलटवार करते ही सारा दोष बीजेपी पर ही मढ़ दिया है।फ़िलहाल राहत बचाव कार्य जारी है, लापता छात्रों को ढूंढा जा रहा है।राजनीती अपने चरम पर है और कोचिंग सेंटर अपनी मनमानी के साथ मौज कर ही रहें, पानी सूखने का इंतज़ार है। ताकि फिर बिना कोई सुविधा दिए छात्रों से मोटी फ़ीस वसूली जाए और उन्हें बदले में दी जाए मौत ।

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