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त्रिशूर पूरम विवाद: RSS ने केरल विधानसभा में अपमानजनक टिप्पणी पर जताया विरोध

केरल में हाल ही में त्रिशूर पूरम उत्सव में हुए विवादों को लेकर आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) और राजनीतिक पार्टियों के बीच तनाव बढ़ गया है। राज्य विधानसभा में सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों ने संघ के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणियां कीं, जिसमें आरएसएस पर इस धार्मिक उत्सव को बाधित करने के आरोप लगे।
त्रिशूर पूरम विवाद: RSS ने केरल विधानसभा में अपमानजनक टिप्पणी पर जताया विरोध
केरल के त्रिशूर पूरम उत्सव में इस वर्ष हुए कथित व्यवधान के बाद, आरएसएस (राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) पर सत्तारूढ़ और विपक्षी दलों द्वारा अपमानजनक टिप्पणियों के आरोप लगाए गए। इस मुद्दे ने केरल विधानसभा में तीखी बहस को जन्म दिया, जिसमें विपक्षी संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) ने मुख्यमंत्री पिनराई विजयन पर संघ के साथ गुप्त समझौते का आरोप लगाया। आरएसएस के वरिष्ठ नेता एन. ईश्वरन ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी।
त्रिशूर पूरम का ऐतिहासिक महत्व
त्रिशूर पूरम एक वार्षिक हिंदू मंदिर उत्सव है, जो केरल के वडक्कुनाथन मंदिर में आयोजित होता है। इसे दक्षिण भारत के सबसे बड़े सांस्कृतिक और धार्मिक आयोजनों में से एक माना जाता है। हर साल, इस उत्सव में हजारों भक्त और पर्यटक शामिल होते हैं। परंपरागत रूप से इस त्योहार में विशाल झांकियां, हाथी सवारी, और आतिशबाजी होती हैं। लेकिन इस साल हुए पुलिस हस्तक्षेप के बाद इस आयोजन की चमक फीकी पड़ गई, और विवाद उठ खड़ा हुआ।
राजनीतिक आरोप और विधानसभा बहस
विपक्ष ने आरोप लगाया कि आरएसएस की मिलीभगत से त्रिशूर पूरम में व्यवधान हुआ, जिसका उद्देश्य राजनीतिक लाभ उठाना था। यूडीएफ का कहना है कि मुख्यमंत्री विजयन ने संघ नेताओं के साथ गुप्त समझौता किया और उनके निर्देश पर पुलिस ने उत्सव में हस्तक्षेप किया। इस वजह से इस साल आतिशबाजी का प्रदर्शन दिन में आयोजित किया गया, जिससे त्योहार प्रेमियों में निराशा फैली।

वहीं, सत्तारूढ़ वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) ने इन आरोपों को खारिज कर दिया और न्यायिक जांच की मांग भी नकार दी। एलडीएफ का दावा है कि मामले की व्यापक जांच पहले से चल रही है, और संघ का इससे कोई संबंध नहीं है।
आरएसएस का विरोध और कानूनी कार्रवाई
आरएसएस नेता एन. ईश्वरन ने कहा कि संघ का त्रिशूर पूरम उत्सव में व्यवधान पैदा करने से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि राजनीतिक दल अपने स्वार्थ के लिए संघ का नाम विवादों में घसीट रहे हैं। ईश्वरन ने चेतावनी दी कि इन आरोपों के खिलाफ संघ कानूनी कदम उठाएगा। उनका कहना है कि संघ के पास इन विवादों में शामिल होने का न तो समय है और न ही रुचि।

त्रिशूर पूरम उत्सव में व्यवधान और आरएसएस पर लगे आरोपों ने केरल की राजनीति में एक नई बहस को जन्म दिया है। संघ का कहना है कि उसे जानबूझकर राजनीतिक विवादों में घसीटा जा रहा है, जबकि विपक्षी दल इन आरोपों पर जोर दे रहे हैं। यह मुद्दा आने वाले समय में केरल की राजनीति पर बड़ा प्रभाव डाल सकता है।
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