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तिरुपति लड्डू विवाद: श्री श्री रविशंकर ने उठाई मंदिर प्रबंधन की मांग

आंध्र प्रदेश के तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर में लड्डू प्रसादम में मिलावट के मामले ने देशभर में हलचल मचा दी है। इस विवाद पर प्रतिक्रिया देते हुए, श्री श्री रविशंकर ने मंदिर प्रबंधन को धार्मिक नेताओं और भक्तों के हाथों में सौंपने की मांग की।
तिरुपति लड्डू विवाद: श्री श्री रविशंकर ने उठाई मंदिर प्रबंधन की मांग
आंध्र प्रदेश के प्रसिद्ध तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर का नाम सुनते ही हर भक्त के मन में श्रद्धा की लहर दौड़ जाती है। यह मंदिर सिर्फ अपनी भव्यता और दिव्यता के लिए ही नहीं, बल्कि यहां मिलने वाले स्वादिष्ट लड्डू प्रसादम के लिए भी प्रसिद्ध है। लेकिन हाल ही में इस पवित्र लड्डू प्रसादम में मिलावट की खबर ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया है। इस मुद्दे पर धार्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर का बड़ा बयान सामने आया हैं, जो न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर भी बहस का कारण बन गए हैं।

तिरुपति बालाजी के प्रसादम के रूप में मिलने वाला लड्डू हर भक्त के लिए एक दिव्य आशीर्वाद होता है। लेकिन जब इसमें मिलावट की खबर आई, तो यह आस्था पर एक गहरा आघात था। जांच में खुलासा हुआ कि लड्डू प्रसादम में एनिमल फैट और अन्य हानिकारक सामग्री मिलाई जा रही थी। यह खबर जैसे ही फैली, भक्तों के बीच रोष और नाराजगी का माहौल बन गया। जिसके बाद अब  मशहूर आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने इस मामले पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, "तिरुपति लड्डू विवाद ने हिंदू समाज में गहरा आक्रोश और दर्द पैदा किया है। अब समय आ गया है कि मंदिर का प्रबंधन उन स्वार्थी अधिकारियों, व्यापारियों और राजनेताओं के हाथों से लेकर धार्मिक नेताओं और भक्तों को सौंप दिया जाए। मंदिरों का प्रबंधन जब तक पूरी तरह से भक्तों और धार्मिक नेताओं के हाथ में नहीं आएगा, तब तक इस तरह के विवाद खत्म नहीं होंगे।"

श्री श्री रविशंकर का मानना है कि तिरुपति बालाजी जैसे प्रतिष्ठित मंदिर को केवल व्यवसायिक दृष्टिकोण से नहीं देखा जाना चाहिए। यह मंदिर आस्था का केंद्र है और इसका प्रबंधन भी उन्हीं हाथों में होना चाहिए जो इसे पवित्रता के साथ संभाल सकें।
वैसे आपको बता दें कि इस मामले पर आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने भी अपनी नाराजगी जाहिर की और राष्ट्रीय स्तर पर 'सनातन धर्म रक्षण बोर्ड' के गठन की मांग की है। उन्होंने कहा, "तिरुपति बालाजी प्रसादम में मिलावट की खबर सुनकर हम सब स्तब्ध हैं। यह सिर्फ एक प्रसादम में मिलावट का मामला नहीं है, बल्कि यह हमारी धार्मिक आस्थाओं के साथ खिलवाड़ है। हमें ऐसे मामलों को गंभीरता से लेना होगा और सुनिश्चित करना होगा कि मंदिर प्रबंधन सही हाथों में हो।"

पवन कल्याण का यह भी कहना था कि इस बोर्ड के गठन से मंदिरों से जुड़े हर विवाद को उचित तरीके से सुलझाया जा सकेगा। यह बोर्ड मंदिरों की संपत्ति, प्रबंधन और धार्मिक प्रथाओं को सही दिशा में रखने का काम करेगा, जिससे किसी भी प्रकार की मिलावट और भ्रष्टाचार की गुंजाइश न रहे।

श्री श्री रविशंकर, पवन कल्याण के बयानों से यह स्पष्ट है कि तिरुपति लड्डू प्रसादम विवाद ने केवल एक धार्मिक मुद्दा नहीं, बल्कि एक राष्ट्रीय बहस का रूप ले लिया है।  तिरुपति बालाजी जैसे मंदिर सिर्फ पूजा-अर्चना के स्थल नहीं हैं, बल्कि ये हमारी सांस्कृतिक धरोहर और आस्था के प्रतीक हैं। इनकी पवित्रता बनाए रखना हर भारतीय का कर्तव्य है, और इसके लिए आवश्यक है कि मंदिरों का प्रबंधन सही हाथों में हो।


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