आज और कल की रात बनेंगी खगोलीय घटनाओं की गवाह, दिखेगा बृहस्पति का अद्भुत नजारा
आज और कल (6 और 7 दिसंबर) की शाम आसमान में एक अनोखी खगोलीय घटना घटने जा रही है, जो खगोल विज्ञान प्रेमियों के लिए खास है। सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) इस साल अपनी सबसे तेज़ चमक और बड़े आकार के साथ दिखाई देगा।
आसमान की गहराइयों में छिपे रहस्यों को जानने और खगोलीय घटनाओं का आनंद लेने वालों के लिए आज और कल की शाम (6 और 7 दिसंबर) बेहद खास साबित होगी। सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह बृहस्पति (जुपिटर) इन दिनों अपनी पूरी चमक और विशाल आकार के साथ धरतीवासियों को अपनी ओर आकर्षित करेगा। यह खगोलीय घटना न केवल विज्ञान प्रेमियों के लिए, बल्कि आम लोगों के लिए भी एक दुर्लभ अवसर है।
बृहस्पति होगा पृथ्वी के सबसे करीब
नेशनल अवार्ड विजेता और विज्ञान प्रसारक सारिका घारू के अनुसार, 6 दिसंबर की शाम बृहस्पति पृथ्वी के सबसे निकटतम बिंदु पर होगा, जिसे खगोलीय भाषा में 'जुपिटर एट पेरिजी' कहते हैं। इस दौरान, बृहस्पति और पृथ्वी के बीच की दूरी लगभग 61 करोड़ 17 लाख 61 हजार किलोमीटर होगी। बृहस्पति इस समय सबसे चमकदार और बड़ा दिखाई देगा, क्योंकि पृथ्वी और इस विशाल ग्रह के बीच का फासला न्यूनतम होगा।
7 दिसंबर को खगोलीय घटना 'जुपिटर एट अपोजीशन' होगी। इस घटना के दौरान, सूर्य, पृथ्वी और बृहस्पति एक सीध में होंगे। जब पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करते हुए बृहस्पति और सूर्य के बीच आ जाती है, तो इसे 'अपोजीशन' कहा जाता है। इस स्थिति में बृहस्पति न केवल चमकदार होगा, बल्कि रातभर आसमान में दिखाई देगा। खगोल प्रेमियों के लिए यह एक स्वर्णिम मौका है।
कैसे और कब देखें बृहस्पति?
सारिका घारू ने बताया कि बृहस्पति को पूर्व दिशा में देखा जा सकता है। यह शाम के समय उदित होगा और रातभर आसमान में बना रहेगा। मध्यरात्रि में यह बिल्कुल सिर के ऊपर नजर आएगा। यदि आपके पास टेलीस्कोप है, तो आप बृहस्पति की डिस्क पर मौजूद पट्टियों और उसके चार मुख्य उपग्रहों- गैनिमीड, कैलिस्टो, आयो और यूरोपा को भी देख सकते हैं। बृहस्पति का यह अद्भुत दृश्य वृषभ (टॉरस) तारामंडल में देखा जाएगा। इस समय यह ग्रह माइनस 2.8 मैग्नीट्यूड की चमक के साथ अपनी भव्यता बिखेरेगा।
बृहस्पति हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है और इसका व्यास लगभग 1,39,820 किलोमीटर है, जो पृथ्वी से 11 गुना बड़ा है। इस ग्रह के चारों ओर गैसों की मोटी परत और इसके चार बड़े उपग्रह इसे और भी आकर्षक बनाते हैं। बृहस्पति का सबसे खास पहलू यह है कि यह अपनी धुरी पर तेज़ी से घूमता है, जिससे इसका एक दिन मात्र 9 घंटे 56 मिनट का होता है।
खगोलीय घटनाओं का महत्व
खगोलीय घटनाएं न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि यह मानव जिज्ञासा को भी बढ़ाती हैं। 'जुपिटर एट पेरिजी' और 'जुपिटर एट अपोजीशन' जैसी घटनाएं यह समझने का अवसर देती हैं कि ब्रह्मांड कितना विशाल और अद्भुत है। इन घटनाओं के दौरान खगोल विज्ञान से जुड़ी संस्थाएं और वैज्ञानिक लोगों को टेलीस्कोप के माध्यम से इस अद्भुत दृश्य का अनुभव कराने के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित करते हैं।
यदि आप खगोल विज्ञान के प्रति रुचि रखते हैं या पहली बार आसमान की इन अद्भुत घटनाओं का अनुभव करना चाहते हैं, तो आज और कल की रात आपके लिए यादगार बन सकती है। आसमान में चमकते इस 'खगोलीय राजा' को देखना न केवल एक रोमांचकारी अनुभव होगा, बल्कि यह हमारे ब्रह्मांड की अद्भुत संरचना को समझने का भी एक अवसर है।