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DND पर नहीं होगी टोल टैक्स वसूली! सुप्रीम कोर्ट ने 8 साल पुराने इलाहाबाद कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार

दिल्ली-नोएडा यानी DND फ्लाईवे पर टोल टैक्स की वसूली बंद रहेगी। यहां से गुजरने वाले सभी वाहन फ्री होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने करीब 8 साल बाद अपना अंतिम फैसला सुनाया है। डीएनडी पर टोल टैक्स वसूली करने वाली कंपनी को बड़ा झटका लगा है। बता दें कि साल 2016 से ही इस फ्लाईवे पर टोल टैक्स की वसूली बंद है।
DND पर नहीं होगी टोल टैक्स वसूली! सुप्रीम कोर्ट ने 8 साल पुराने इलाहाबाद कोर्ट के फैसले को रखा बरकरार
दिल्ली-नोएडा फ्लाईवे यानी DND पर टोल टैक्स की वसूली बंद ही रहेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए साल 2016 के फैसले को सही ठहराया है। बता दें कि उस दौरान हाइकोर्ट ने DND फ्लाईवे को फ्री कर दिया था। 

इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट ने सही माना 


आपको बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा साल 2016 में DND यानी दिल्ली-नोएडा- दिल्ली फ्लाईवे पर टोल टैक्स की वसूली बंद करने का आदेश देते हुए इसे फ्री कर दिया था। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने करीब 8 साल बाद अपना फैसला सुनाया है। कोर्ट का कहना है कि "नोएडा अथॉरिटी के साथ DND टोल ब्रिज कंपनी के साथ ऐसा एग्रीमेंट हुआ था। जिसे वह हमेशा टैक्स वसूल सके। लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस फैसले पर रोक लगाकर बिल्कुल सही किया। NTBCL को बिना सार्वजनिक टेंडर जारी किए ठेका दिया गया। जो पूरी तरीके से  मनमाना और गलत फैसला था।" अक्टूबर  2016 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने टोल टैक्स की वसूली पर रोक लगाते हुए कहा था कि डीएनडी को चलाने वाली नोएडा टोल ब्रिज कंपनी कांट्रेक्ट के मुताबिक तय पैसे कमा चुकी है। जिसके बाद इस कंपनी ने हाइकोर्ट के फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। उस दौरान तत्कालीन चीफ जस्टिस टी एस ठाकुर की अध्यक्षता वाली बेंच ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक से मना कर दिया था। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्य कांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने इस मामले पर अपना अंतिम फैसला दिया। 


कई सौ करोड़ रूपये धोखाधड़ी के जरिए वसूले गए - सुप्रीम कोर्ट 


सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में नोएडा अथॉरिटी को फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा है कि "हाई कोर्ट में याचिका दाखिल करने वाले (फेडरेशन ऑफ नोएडा रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशंस) को जनहित में ऐसा करने का अधिकार था। लेकिन उसने टोल ब्रिज कंपनी के साथ ऐसा एग्रीमेंट किया। जिससे अनंत काल तक टोल टैक्स वसूला जा सके। कई सालों तक टोल टैक्स वसूली चलती रही और कई सौ करोड़ रूपये धोखाधड़ी के जरिए भी आम जनता से वसूले गए।" 

2016 में भी सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान लगाई थी फटकार 


साल 2016 के फैसले में भी सुप्रीम कोर्ट ने डीएनडी पर टोल टैक्स वसूल करने वाली कंपनी की खिंचाई की थी। उस दौरान कंपनी के वकील अभिषेक मनु सिंघवी डीएनडी को देश का सर्वश्रेष्ठ हाईवे बता रहे थे। उस दौरान तत्कालीन चीफ ने कहा था "यह सिर्फ 10 किलोमीटर की सड़क है। आप तो इस तरह से  बात कर रहें जैसे आपने चांद तक का रास्ता बना दिया हो। अगर हम आपको टोल वसूलने दें। फिर बाद में आप गलत साबित हों जाए।  तो क्या आप लोगों का पीछा कर उनके पैसे लौटाएंगे ? " इस पर सिंघवी ने भी अपना जवाब दिया था और कहा था कि "अगर 2 महीने में ये पता चलता है कि कंपनी सही थी तो क्या वो इस दौरान मुफ्त में गुजरने वाले लोगों का पीछा करेगी।" कंपनी के वकील सिंघवी ने कोर्ट से यह भी मांग की थी कि "जब तक खातों को ऑडिट नहीं हो जाता तब तक उसे टोल वसूलने दिया जाए। लेकिन कोर्ट ने इस मांग को भी ठुकरा दिया था।

डीएनडी पर विज्ञापन विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा ? 


साल 2001 में डीएनडी फ्लाईवे शुरू हुआ था। उसके बाद 16 साल तक ब्रिज कंपनी टोल टैक्स वसूलती रही। कोर्ट ने माना था कि 16 साल के अंदर कंपनी तय राशि से ज्यादा पैसे वसूल चुकी है। उसे दोबारा टोल टैक्स वसूलने का अधिकार नहीं मिल सकता। हालांकि कोर्ट ने यह भी कहा था कि कंपनी उसका रखरखाव जारी रखेगी। वहीं नोएडा अथॉरिटी और टोल टैक्स वसूलने वाली कंपनी के बीच विज्ञापन विवाद का मामला फंसा पड़ा है। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कोई टिप्पणी नहीं की है। कोर्ट ने कहा है दोनों लोग इसका निपटारा किसी उचित कानूनी फोरम में जाकर करें। 
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