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रेलवे कर्मचारी के साथ दर्दनाक हादसा, बरौनी जंक्शन पर ट्रेन के कोच के बीच फंसकर हुई मौत

बिहार के बरौनी जंक्शन पर एक हृदयविदारक घटना में रेलवे कर्मचारी अमर कुमार राव की दर्दनाक मौत हो गई। घटना तब हुई, जब लखनऊ-बाराuni एक्सप्रेस ट्रेन प्लेटफॉर्म पर पहुंची और शंटिंग ऑपरेशन के दौरान अमर ट्रेन की कपलिंग खोलने की कोशिश कर रहे थे। अचानक ट्रेन पीछे की ओर खिसक गई, जिससे अमर कोच के बीच फंस गए और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई।
रेलवे कर्मचारी के साथ दर्दनाक हादसा, बरौनी जंक्शन पर ट्रेन के कोच के बीच फंसकर हुई मौत
बिहार के बरौनी जंक्शन पर शंटिंग ऑपरेशन के दौरान रेलवे पोर्टर अमर कुमार राव की दर्दनाक मौत हो गई। यह दुर्घटना बिहार के बेगूसराय जिले में घटित हुई, जब लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस (संख्या: 15204) अपने निर्धारित रूट से बरौनी जंक्शन पहुंची। राव प्लेटफार्म नंबर 5 पर ट्रेन के कपलिंग को खोलने की प्रक्रिया में थे, तभी ट्रेन अचानक से पीछे की ओर सरक गई, जिससे वे कोच के बीच फंस गए।
कैसे हुई दुर्घटना?
अमर कुमार राव, जो सोनपुर रेलवे डिवीजन के अंतर्गत एक रेलवे पोर्टर के रूप में कार्यरत थे, प्लेटफॉर्म 5 पर अपनी ड्यूटी निभा रहे थे। लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस के पहुंचते ही उन्हें कपलिंग खोलने का निर्देश दिया गया। कपलिंग खोलने के दौरान अचानक ट्रेन रिवर्स में चली गई और अमर कोच के बीच बुरी तरह फंस गए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, यह घटना इतनी तेजी से घटी कि किसी को भी प्रतिक्रिया देने का मौका नहीं मिला।

अमर कुमार कोच के बीच बुरी तरह से फंस गए थे और मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई। जब वहां खड़े लोगों ने यह दृश्य देखा, तो उन्होंने चालक को आवाज दी, लेकिन उस समय तक बहुत देर हो चुकी थी। खबर के मुताबिक, ट्रेन का चालक बिना कोई मदद किए, दुर्घटना के तुरंत बाद वहां से भाग गया।

इस दुखद घटना के कारणों का पता लगाने के लिए रेलवे अधिकारियों ने जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि ट्रेन की सुरक्षा प्रक्रियाओं में गंभीर चूक हुई। रेलवे के अधिकारी इस बात की जांच कर रहे हैं कि कैसे एक ट्रेन बिना किसी चेतावनी के पीछे की ओर सरक सकती है। इस तरह की घटना सुरक्षा प्रोटोकॉल पर सवाल उठाती है, जिसमें ट्रेन के मूवमेंट के समय स्पष्ट दिशा-निर्देशों का पालन किया जाना चाहिए था।
क्या है शंटिंग ऑपरेशन?
शंटिंग ऑपरेशन एक अत्यंत महत्वपूर्ण प्रक्रिया होती है, जिसमें ट्रेनों के कोच को अलग या जोड़ने का काम किया जाता है। यह प्रक्रिया आमतौर पर प्लेटफॉर्म पर होती है और इसके दौरान ट्रेन का इंजन कभी-कभी आगे या पीछे की ओर बढ़ता है। अमर कुमार राव के मामले में यह प्रक्रिया उनकी मौत का कारण बनी, जो एक गंभीर लापरवाही की ओर इशारा करती है।
ट्रेन चालक की भूमिका और सवाल
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के समय ट्रेन चालक द्वारा सही कदम नहीं उठाया गया, और वे दुर्घटना के बाद वहां से भाग गए। एक प्रशिक्षित चालक की जिम्मेदारी होती है कि वे ऐसे किसी भी संकटपूर्ण समय में त्वरित कदम उठाए, जैसे इंजन को तुरंत रोकना या आपातकालीन प्रक्रिया का पालन करना। यह भी सवाल खड़े करता है कि क्या चालक को इस तरह के परिस्थितियों के लिए प्रशिक्षित किया गया था या नहीं।
रेलवे प्रशासन की प्रतिक्रिया
रेलवे प्रशासन ने हादसे की जांच का आश्वासन दिया है और जांच की प्रक्रिया को तेज करने का निर्देश दिया है। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि वे जल्द से जल्द इस मामले के सभी तथ्यों को सामने लाएंगे और इस तरह की घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे।

रेलवे प्रशासन ने कहा है कि यदि चालक की लापरवाही साबित होती है, तो उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा, रेलवे अधिकारियों ने घटनास्थल की सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा भी करने का आदेश दिया है, ताकि भविष्य में इस प्रकार के हादसों को रोका जा सके।

इस दुखद घटना ने रेलवे की सुरक्षा प्रक्रियाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। यात्रियों और कर्मचारियों दोनों के लिए सुरक्षा अत्यंत महत्वपूर्ण होती है, और रेलवे की जिम्मेदारी है कि वह अपने कर्मचारियों को उचित प्रशिक्षण और सुरक्षा उपकरण प्रदान करे। यह घटना दर्शाती है कि रेलवे प्रशासन को शंटिंग ऑपरेशनों के दौरान सुरक्षा प्रक्रियाओं को और सख्त बनाना चाहिए।
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