जम्मू-कश्मीर में कटरा-बडगाम ट्रैक पर 18 कोच का ट्रायल रन हुआ पूरा, 41,000 करोड़ रुपये की आई लागत

Jammu Kashmir Railway Track: उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) के कटरा-बडगाम रेलवे ट्रैक पर ट्रायल रन रविवार को पूरा हो गया। कटरा रेलवे स्टेशन से 18 कोच वाली ट्रायल ट्रेन सुबह 8 बजे कश्मीर के लिए रवाना हुई। ट्रायल रन की निगरानी कर रहे रेलवे के अधिकारियों ने बताया, "18 कोच वाली ट्रायल ट्रेन अब बडगाम पहुंच गई है और इसके साथ ही यूएसबीआरएल पर अंतिम ट्रायल रन पूरा हो गया है।" यूएसबीआरएल 41,000 करोड़ रुपये की लागत से पूरा हुआ।आइए जानते हैं इस खबर को विस्तार से .....
यह ट्रैक संगलदान और रियासी रेलवे स्टेशनों के बीच बनाया गया है
ट्रैक 326 किलोमीटर लंबा है, जिसमें से 111 किलोमीटर हिस्सा सुरंगों में है, जिसमें टी-49 सुरंग 12.77 किलोमीटर लंबी है। यह देश की सबसे लंबी रेलवे सुरंग है। भारतीय रेलवे ने इसी रूट पर जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले में चिनाब नदी पर दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल भी बनाया है। आईकॉनिक चिनाब पुल 1,315 मीटर लंबा है, जिसके आर्च का विस्तार 467 मीटर और नदी तल से इसकी ऊंचाई 359 मीटर है। चेनाब पुल स्टील और कंक्रीट से बना एक आर्च पुल है, जिस पर सिंगल-ट्रैक रेलवे लाइन है। यह जम्मू संभाग के रियासी जिले में बक्कल और कौरी के बीच स्थित है। यह पुल चेनाब नदी पर नदी के ऊपर 359 मीटर (1,178 फीट) की ऊंचाई पर बना है, जो इसे दुनिया का सबसे ऊंचा रेल पुल और दुनिया का सबसे ऊंचा आर्च बनाता है। यह संगलदान और रियासी रेलवे स्टेशनों के बीच बनाया गया है।
भारतीय रेलवे ने अंजी खड्ड पर अपना पहला केबल-स्टेड पुल भी बनाया है
भारतीय रेलवे ने अंजी खड्ड पर अपना पहला केबल-स्टेड पुल भी बनाया है। इस पुल का डेक नदी तल से 331 मीटर ऊपर है और मुख्य पाइलन की ऊंचाई 193 मीटर है। हर साल मानसून में उफान पर आने वाली अंजी खड्ड नदी पर बना यह पुल एक ही पाइलन के सहारे टिका है, जो एक बड़ी खड़ी मीनार जैसी संरचना है और नदी तल से 1,086 फीट (77 मंजिला इमारत के बराबर) ऊंचा है। दोनों तरफ पर्वत चोटियों से घिरा होने के कारण निर्माण स्थल पर काफी तेज हवाएं चलती रहती हैं। पूरा यूएसबीआरएल भारतीय रेलवे द्वारा सफलतापूर्वक पूरी की गई परियोजनाओं में सबसे चुनौतीपूर्ण है
दुनिया में अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण ट्रैक बना हैं
दुनिया में अब तक का सबसे चुनौतीपूर्ण रेल लिंक है जो खतरनाक पहाड़ों, नदियों और कठिन भौगोलिक स्थितियों और मौसम के बीच इतनी लंबी दूरी तक बनाया गया है। यूएसबीआरएल बागवानी, कृषि, पर्यटन, व्यापार और छात्रों की शिक्षा को बढ़ावा देगा और कश्मीर तथा देश के बाकी हिस्सों के बीच औसत नागरिक के लिए यात्रा को आसान और सस्ता भी बनाएगा। यह परियोजना जम्मू-कश्मीर को देश के अन्य हिस्सों के साथ इंटीग्रेट करने वाले सबसे शक्तिशाली इंफ्रास्ट्रक्चर में से एक है।